मुंबई। विज्ञापन जगत से एक बेहद दु:खद खबर सामने आई है। देश के प्रतिष्ठित और क्रिएटिव विज्ञापनों की पहचान बन चुके मशहूर आवाज कर्ता और विज्ञापन दिग्गज पीयूष पांडे का 23 अक्टूबर को 70 वर्ष की आयु में निधन हो गया।
भारत के विज्ञापन इतिहास में उनका नाम उस सितारे की तरह दर्ज है, जिसकी चमक ने आम आदमी की भाषा और भावना को विज्ञापनों की दुनिया से जोड़ दिया। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है। पीयूष पांडे सिर्फ आवाज नहीं थे, वे भावनाओं के कथाकार थे 1955 में जयपुर में जन्मे पीयूष पांडे साधारण परिवार से ताल्लुक रखते थे। नौ भाई-बहनों के बीच पले-बढ़े पीयूष के पिता बैंक में नौकरी करते थे।
फिर भी पीयूष ने जिंदगी की पटरियों को अपनी दिशा दी। कभी क्रिकेट के मैदान पर बल्ला थामते हुए, कभी चाय बनाते हुए और कभी मजदूर बनकर मेहनत करते हुए उन्होंने जीवन के असली रंगों को करीब से महसूस किया। इन्हीं अनुभवों ने उनकी आवाज और उनकी सोच को जमीन से जोड़े रखा।
You may also like

Bollywood: फिल्म थामा की सफलता को लेकर अब आयुष्मान खुराना ने बोल दी है ये बड़ी बात

शरीर में दवाओं का असर समझेगा सेंसर, IIT कानपुर के वैज्ञानिकों ने 10 साल की मेहनत हासिल की उपलब्धि

गधे से सीख लो ये 3 बातें, हर फील्ड में सफलता` कदम चूमेगी! चाणक्य नीति का वो रहस्य जो बदल देगा आपकी ज़िंदगी

मंदिर में बकरियां चराने से किया मना, गुस्से में साधु की काट की चोटी… संत समाज में गुस्सा, दी चेतावनी

Satara Doctar Suicide Case: चार बार रेप, 21 बार शिकायत, 4 पन्ने का सुसाइड नोट, सांसद की धमकी, सतारा डॉक्टर केस में खून खौला देने वाले खुलासे




