
जयपुर। डिजिटल अरेस्ट के नाम पर लोगों को डराकर ठगी करने वाले संगठित साइबर गिरोह के खिलाफ कार्रवाई करते हुए साइबर थाना राजस्थान पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने 75 वर्षीय परिवादी से 23 लाख 56 हज़ार की ठगी के मामले में एक और सक्रिय सदस्य अनिल कुमार कुमावत को गिरफ्तार किया है, जबकि एक बाल अपचारी को भी निरूद्ध किया गया है। यह कार्रवाई उप महानिरीक्षक पुलिस विकास शर्मा के निर्देशन और पुलिस अधीक्षक साइबर क्राईम शान्तनु कुमार के सुपरविजन में की गई।डीआईजी शर्मा ने बताया कि 27 मई को जयपुर निवासी एक 75 वर्षीय बुजुर्ग को आरोपियों ने फर्जी पुलिस और सीबीआई अधिकारी बनकर फोन किया। उन्होंने परिवादी को डिजिटल अरेस्ट करने की धमकी दी और डर पैदा करके उनसे 23 लाख 56 हजार की ठगी कर ली। इस मामले में पुलिस पहले ही सुरेश कुमार, प्रहलाद कुमावत, ओमप्रकाश, भुपेश, वशुल सन्नी कुमार, रेहान मकन्दर, रितेश शर्मा और कमलेश कुमार सेरावत को गिरफ्तार कर चुकी है।
गिरफ्तार आरोपी अनिल कुमार कुमावत (28) निवासी नया बास रेनवाल जयपुर ग्रामीण इस गिरोह के लिए लाभान्वित खाताधारक के रूप में काम कर रहा था। जांच में सामने आया कि ठगी की कुल राशि 23.56 लाख में से एक हिस्सा 63,657 अनिल कुमावत की पत्नी के बैंक अकाउंट में जमा हुआ था। अनुसंधान में यह भी पता चला कि उसकी पत्नी के अकाउंट में अन्य पीड़ितों की भी 12 लाख 50 हजार की ठगी की राशि आई थी। आरोपित अनिल कुमावत ने स्वीकार किया कि उसने अपनी पत्नी का बैंक खाता ऑनलाइन खुलवाकर ठगों को दिया, जिसमें ठगी की राशि आती थी। वह यह राशि निकालकर साइबर ठगों को उपलब्ध कराता था और इसके बदले में कमीशन प्राप्त करता था। पुलिस की पूछताछ में यह ज्ञात हुआ है कि अनिल कुमावत की पत्नी के बैंक खाते में चार अन्य राज्यों से भी साइबर ठगी की शिकायत प्राप्त हुई हैं। आरोपी को गुरुवार को गिरफ्तार किया गया और गहन पूछताछ के बाद न्यायिक अभिरक्षा में भिजवाया गया है। मामले में आगे की जांच और गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है।
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