मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को मुंबई में कहा कि सूबे में मराठी के नाम पर मारपीट किसी भी तरह बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा सांसद निशिकांत दूबे मुंबई आते हैं, तो उनका स्वागत किया जाएगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र की भाषा मराठी है। सभी को मराठी सीखना चाहिए। इसका यह अर्थ नहीं कि जिसे मराठी नहीं आती, उसकी पिटाई की जाए। मारपीट करने से कोई मराठी भाषा नहीं सिखाई जा सकती।
उन्होंने ने हाल ही में सांसद निशिकांत दूबे और मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे के व्यक्तव्य समुद्र में डूबो-डूबो कर मारेंगे पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा वे इस तरह व्यक्तव्यों का किसी भी कीमत पर समर्थन नहीं करेंगे। लेकिन जब भी निशिकांत दूबे मुंबई में आएंगे, उन्हें पूरी सुरक्षा दी जाएगी और उनका स्वागत किया जाएगा। हालांकि मुख्यमंत्री के इस व्यक्तव्य पर शिवसेना यूबीटी के नेता संजय राऊत ने आज प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे मराठी भाषा को लेकर अपना आंदोलन जारी रखेंगे। इसका कारण महाराष्ट्र की स्थापना मराठी भाषा की वजह से हुई है और इसके लिए हमारे १०६ पुरखों ने अपने जान का बलिदान दिया है।
उन्होंने कहा कि उनका विरोध सिर्फ हिंदी के लिए सख्ती को लेकर है, जबकि वे किसी भाषा का विरोध नहीं करते हैं। दरअसल महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे)की ओर से मराठी भाषा के नाम पर गैर मराठी भाषियों के साथ मनसे कार्यकर्ता मारपीट कर रहे हैं। इसी संदर्भ में निशिकांत दूबे ने राज ठाकरे को चेताते हुए कहा था कि हिंदी का विरोध करने का दूरगामी परिणाम हो सकता है। इसके बाद राज ठाकरे ने निशिकांत दूबे को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर दूबे मुंबई आए तो उन्हें समुद्र में डूबो-डूबो कर मारेंगे। इसके बाद मनसे का गैर मराठी विरोध थम नहीं रहा है, इसी वजह से आज मुख्यमंत्री ने मराठी के नाम पर गैर मराठी भाषियों की पिटाई पर कठोर कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।
You may also like
लेख: उपराष्ट्रपति के चुनाव में अब BJP-संघ नहीं करेंगे ये गलती, विपक्ष की क्या तैयारी?
आज का मीन राशिफल, 4 अगस्त 2025 : आज भागदौड़ अधिक रहेगी, क्रिएटिव कार्यों में मिलेगी सफलता
ˈभगवान ऐसे दोस्त किसी को न दें, वेडिंग गिफ्ट में दी ऐसी चीज,देखकर शर्म से पानी-पानी हो गई दुल्हन
इंजेक्शन लिया क्या? दर्द में भी मैदान नहीं छोड़ रहा ये भारतीय सूरमा, आखिरी गेंद तक लड़ने को तैयार कप्तान शुभमन गिल
चीकू की खेती: छोटे से टुकड़े में बड़ा मुनाफा