भरतपुर, धौलपुर और डीग में जाट आरक्षण का मुद्दा एक बार फिर तूल पकड़ रहा है। पिछले साल लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ 'मिशन गंगाजल' चलाने वाले जाट समुदाय ने पंचायत चुनावों को लेकर बड़ी बात कही है। समुदाय का कहना है कि 'आरक्षण नहीं तो वोट नहीं' के नारे के साथ 'गंगाजल' अभियान पंचायत और नगर निगम चुनावों में भी जारी रहेगा। इसे लेकर नुक्कड़ सभाएँ आयोजित की जा रही हैं।
हर चुनाव में करेंगे विरोध- जाट समुदाय
रूपवास (भरतपुर) के कंधोली गाँव में जाट आरक्षण संघर्ष समिति की एक नुक्कड़ सभा आयोजित की गई। समुदाय ने ऐलान किया कि जब तक आरक्षण नहीं दिया जाता, वे भाजपा को वोट नहीं देंगे। लोकसभा चुनाव से शुरू हुआ यह अभियान आगामी पंचायत चुनावों तक जारी रहेगा। इस बैठक के दौरान कहा गया कि जब तक सरकार केंद्र में जाट समुदाय को ओबीसी में आरक्षण नहीं देती, तब तक वे हर चुनाव में सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते रहेंगे।
समिति के संयोजक ने कही ये बात
समिति संयोजक नेम सिंह फौजदार ने बताया कि भरतपुर, धौलपुर और डीग ज़िलों के जाट समुदाय को केंद्र की ओबीसी श्रेणी में आरक्षण नहीं दिया गया है। यह माँग लगातार उठाई जा रही है। लोकसभा चुनाव के दौरान भी इस अभियान के ज़रिए सरकार का ध्यान खींचने की कोशिश की गई थी, अब हम एक बार फिर अभियान शुरू करेंगे।
समिति ये माँगें भी उठा रही है
इससे पहले भी जाट आरक्षण संघर्ष समिति कई माँगें उठा चुकी है। तीनों ज़िलों में केंद्रीय सेवा में ओबीसी आरक्षण की माँग के अलावा, 2015 से 2017 तक विभिन्न विभागों में चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने और महाराजा सूरजमल कल्याण बोर्ड बनाने की माँग भी शामिल है। साथ ही, आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमों को वापस लेने की भी माँग है।
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