सुरक्षा गार्ड्स की मौजूदगी ने यह स्पष्ट कर दिया था कि अनास्तासिया सैमसोनोवा के ग्रुप की छुट्टियां किसी आम 'बीच हॉलिडे' जैसी नहीं थीं.
बीती जुलाई में सैमसोनोवा उत्तर कोरिया के नए हॉलिडे रिज़ॉर्ट जाने वाले शुरुआती पर्यटकों में से एक थीं. उत्तर कोरिया आम तौर पर बाहरी दुनिया के लिए एक तरह से बंद है.
यह रिज़ॉर्ट देश के पूर्वी तट पर एक विशेष इलाक़े में बनाया गया है, जहां उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग ने अपना बचपन बिताया था.
वोनसैन कालमा कोस्टल टूरिस्ट ज़ोन नाम के इस रिज़ॉर्ट का उद्घाटन एक जुलाई को हुआ.
उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया के अनुसार, एक मिसाइल परीक्षण स्थल के पास बने इस रिज़ॉर्ट में होटल, रेस्तरां, शॉपिंग मॉल और एक वॉटर पार्क शामिल है.
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हालांकि शुरुआत में कहा गया था कि यह रिज़ॉर्ट अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए खुला रहेगा, लेकिन अब तक केवल रूसी नागरिकों को ही अनुमति दी गई है. वे भी केवल मान्यता प्राप्त ट्रैवल एजेंसियों के माध्यम से बनाए गए ग्रुपों में शामिल हो सकते हैं.
अनास्तासिया पिछले महीने 14 अन्य लोगों के साथ वहां गईं. यह यात्रा पूरी तरह नियंत्रित थी. गाइड और सुरक्षा गार्ड हर समय उनके साथ रहते थे, और तय कार्यक्रम से अलग, उत्तर कोरियाई अधिकारियों की बिना अनुमति कोई बदलाव संभव नहीं था.
उनका कहना है कि गाइड ने बताया था कि गार्ड इसलिए साथ रहते हैं ताकि "ऐसी स्थिति न बने जब हम स्थानीय लोगों से मिलें-जुलें और उन्हें कुछ अजीब लगे." अनास्तासिया कहती हैं, "जब हम सड़क पर चलते थे, तो स्थानीय लोग हमें देखकर बहुत हैरान होते थे, क्योंकि यह देश लंबे समय से बाहरी दुनिया से कटा हुआ है."
बीबीसी न्यूज़ रशियन ने सोशल मीडिया पर उन लोगों के जियोटैग खोजे जिन्होंने इस रिज़ॉर्ट की यात्रा की थी और इसके बाद अनास्तासिया से संपर्क किया. यह खोज किसी ट्रैवल एजेंसी या मीडिया संस्थान की मदद के बिना की गई थी.
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अनास्तासिया का कहना है कि उनके ग्रुप को निर्माण स्थलों की तस्वीरें लेने से भी मना किया गया था और उनसे उम्मीद की गई थी कि वे छोटे कपड़े नहीं पहनेंगे.
फिर भी इन पाबंदियों के बावजूद, वह कहती हैं कि उन्होंने लगभग ख़ाली पड़े सफेद रेत वाले बीच पर 'लोगों के बिना छुट्टियां' बिताईं.'
वह बताती हैं, "हर दिन बीच की सफाई और लेवलिंग बिल्कुल ठीक से की जाती थी. सबकुछ बेदाग था. लाउंज चेयर्स बिल्कुल नई थीं, सबकुछ चमचमाता हुआ."
कोविड महामारी के बाद उत्तर कोरिया में अंतरराष्ट्रीय पर्यटन को रोक दिया गया था ताकि वायरस के फैलाव को रोका जा सके. लेकिन पिछले साल उत्तर कोरिया ने दोबारा रूसी पर्यटकों को आने की अनुमति दे दी.
फ़रवरी में यहां पश्चिमी देशों से भी पर्यटक आने लगे थे, जिनमें ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन के लोग शामिल थे. हालांकि कुछ हफ्तों बाद ही इसे अचानक बिना कारण बताए रोक दिया गया.
वोनसैन कालमा को उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन की पर्यटन को बढ़ावा देने की महत्वाकांक्षाओं का अहम हिस्सा बताया जाता है. कहा जाता है कि इसका आइडिया स्पेन के मशहूर पर्यटन स्थल बेनिडोर्म से लिया गया था.
साल 2017 में उत्तर कोरिया के एक प्रतिनिधिमंडल ने बेनिडोर्म का दौरा किया था.
लेकिन इसे किस तरह बनाया गया, इसकी जानकारी गोपनीय रही है. मानवाधिकार संगठनों ने यहां काम करने वाले मज़दूरों के कथित ख़राब हालात की आलोचना की है. इन आरोपों में जबरन मजदूरी, कठिन परिस्थितियां, काम के लंबे घंटे और स्थानीय लोगों को उजाड़ने जैसी बातें शामिल हैं.
खुलने के कुछ ही हफ्तों बाद उत्तर कोरिया ने घोषणा की कि रूसी पर्यटकों के अलावा, विदेशी पर्यटकों को 'अस्थायी तौर पर' प्रवेश की अनुमति नहीं होगी.
अब तक दो रूसी टूर ग्रुप इस रिज़ॉर्ट की यात्रा कर चुके हैं. एक और ग्रुप फिलहाल वहां मौजूद है.
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रूस से उत्तर कोरिया की एक हफ्ते की यात्रा का ख़र्च 1,800 डॉलर (क़रीब डेढ़ लाख रुपये) है, जिसमें वोनसैन कालमा रिज़ॉर्ट में तीन दिन रुकने का ख़र्च भी शामिल है. यह रूस की औसत मासिक सैलरी से 60% ज्यादा है.
यात्रा के कुछ विज्ञापनों में पास के मिसाइल परीक्षण स्थल का भी ज़िक्र किया गया है और इसे 'यूनिक' वैकेशन स्पॉट बताया गया है.
अनास्तासिया का कहना है कि जब वह वहां थीं, तब मिसाइल परीक्षण नहीं हुआ, लेकिन पास में 40 डॉलर में टॉय रॉकेट बिक रहे थे.
अपनी यात्रा के एक सामान्य दिन के बारे में वह बताती हैं कि उनका ग्रुप सुबह आठ बजे नाश्ता करता था.
खाने में 'काफ़ी मात्रा में मांस' परोसा जाता था. इसके अलावा बारीक कटे पत्तागोभी और गाजर को सॉस में पकाकर तैयार की जाने वाली डिश भी शामिल थी.
बीच पर 500 मिलीलीटर की बियर की बोतल 60 सेंट में मिलती थी.
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एक अन्य पर्यटक डारिया ने इंस्टाग्राम पर लिखा कि यह रिज़ॉर्ट 'बहुत अधूरा' सा लगा, वैसा नहीं जैसा रूसी पर्यटक चाहते थे.
अनास्तासिया ने कहा, "लेकिन अगर आप एशिया, तुर्की वगैहरा से थक चुके हैं और कुछ अनोखा अनुभव करना चाहते हैं तो यह सही जगह है."
हालांकि, यह अब भी तय नहीं है कि अगली बार रूसी पर्यटकों को वोनसैन कालमा आने की अनुमति कब मिलेगी.
पहली तीन यात्राओं का आयोजन करने वाली ट्रैवल एजेंसी वोस्तोक इन्तूर ने कहा कि सितंबर में संभावित टूर को लेकर बड़ी दिलचस्पी है, लेकिन उत्तर कोरियाई अधिकारियों ने अब तक उन्हें मंजूरी नहीं दी है.

शुरुआत में रूसी ट्रैवल एजेंसियों ने सितंबर के लिए टूर के विज्ञापन ऑनलाइन डाले थे, लेकिन बाद में उन्हें हटा दिया गया.
सिर्फ रूसियों को ही नहीं, बल्कि चीन के नागरिकों को भी वोनसैन कालमा पहुंचने में कठिनाइयां हो रही हैं. चीन उत्तर कोरिया का पड़ोसी देश है और मुख्य सहयोगी और आर्थिक साझेदार भी है.
उत्तर कोरिया-रूस संबंधों के विशेषज्ञ और कूकमिन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर आंद्रेई लंकोव के मुताबिक़, उत्तर कोरिया जानबूझकर पर्यटकों की संख्या सीमित रखता है और उनकी गतिविधियों पर सख़्त अंकुश लगाता है.
उनके मुताबिक इसका एक कारण यह भी है कि उत्तर कोरियाई लोग खुद की तुलना अमीर विदेशियों से करके हीनभावना महसूस न करें.
उनके मुताबिक़, इसी कारण उत्तर कोरिया को लगता है कि देश में बहुत अधिक विदेशी पर्यटकों का आना बेहतर नहीं है.
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जैसे-जैसे उत्तर कोरिया में यात्रा प्रतिबंध ढीले हुए हैं, रूस से आने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ी है. हालांकि यह अभी भी अन्य पर्यटन स्थलों की तुलना में काफ़ी कम है.
रूस की संघीय सुरक्षा सेवा के बॉर्डर गार्ड्स के अनुसार, 2024 में करीब 1,500 रूसी नागरिक पर्यटन के लिए उत्तर कोरिया गए.
इसके मुकाबले, 67 लाख से ज्यादा लोग तुर्की और लगभग 19 लाख लोग चीन गए.
लेकिन 2025 की दूसरी तिमाही में 1,673 रूसी पर्यटक उत्तर कोरिया पहुंचे. इतनी बड़ी संख्या अंतिम बार 2010 में देखी गई थी, जब पर्यटकों पर पाबंदियां नहीं थीं.
वोनसैन कालमा को उत्तर कोरिया की कमज़ोर हो रही अर्थव्यवस्था को संभालने की कोशिशों का अहम हिस्सा माना जाता है. हालांकि यह विवादों से अछूता नहीं रहा है.
रिज़ॉर्ट को लेकर विवाद2018 में जब इस रिज़ॉर्ट का निर्माण शुरू हुआ, तभी से मानवाधिकार संगठनों ने मज़दूरों के कथित शोषण के आरोप लगाए थे. रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि लोगों को कठोर परिस्थितियों में लंबे समय तक काम करने के लिए मजबूर किया गया और उन्हें कम मज़दरी दी गई, ताकि यह विशाल परियोजना जल्द से जल्द पूरी की जा सके.
बीबीसी वेरिफ़ाई की पिछले महीने की रिपोर्ट के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र ने उत्तर कोरिया में जबरन काम करने की प्रथा को लेकर चिंता जताई है. ये चिंता खासकर 'शॉक ब्रिगेड्स' को लेकर जताई गई थी, जिनमें मजदूरों को अक्सर कठिन हालात में काम करना पड़ता है.
दक्षिण कोरिया स्थित संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय के जेम्स हीनान ने कहा, "रिपोर्ट्स हैं कि इस रिज़ॉर्ट का निर्माण उन्हीं शॉक ब्रिगेड्स से कराया गया."
उन्होंने आगे कहा, "हमें ऐसी भी रिपोर्ट्स मिली हैं कि इसे ख़त्म करने के लिए लोग आख़िर में 24 घंटे लगातार काम कर रहे थे. मेरे लिए यह बिल्कुल शॉक ब्रिगेड जैसा ही लगता है."
बीबीसी ने इस मामले पर टिप्पणी के लिए लंदन स्थित उत्तर कोरियाई दूतावास से संपर्क किया है.
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वोनसैन कालमा तक पहुंचने में आने वाली चुनौतियों और पर्यटकों पर प्रतिबंधों के बावजूद, अनास्तासिया अगले साल दोबारा वहां जाना चाहती हैं.
उनका कहना है, "हम वास्तव में सोच रहे हैं कि अगले साल पूरा ग्रुप फिर से यही यात्रा करे. मुझे नहीं पता यह संभव होगा या नहीं, लेकिन मैंने सुना है कि वोनसैन कालमा के पास एक स्की रिज़ॉर्ट भी है. शायद किसी दिन मैं वहां भी जाऊं."
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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