बिगड़ती जीवनशैली और खानपान के कारण अब छोटी उम्र के बच्चों में भी डायबिटीज का खतरा बढ़ता जा रहा है। खासकर 10 से 14 साल के बच्चों में यह बीमारी तेजी से फैल रही है। कुछ मामलों में तो 10 साल से भी कम उम्र के बच्चे डायबिटीज से पीड़ित पाए गए हैं। यह गंभीर बीमारी जो आमतौर पर बड़ों में देखी जाती है, अब बच्चों को भी घेरने लगी है। बच्चों में डायबिटीज के कुछ खास लक्षण होते हैं, जिन्हें नजरअंदाज करने से वे पूरी जिंदगी इस बीमारी से जूझ सकते हैं और कई अन्य गंभीर बीमारियों का शिकार हो सकते हैं। आइए जानते हैं बच्चों में डायबिटीज के लक्षण और इससे कैसे बचा जा सकता है।
डॉक्टर बताते हैं कि बच्चों में डायबिटीज के लक्षण वही होते हैं जो बड़ों में होते हैं। हालांकि, कई बार परिवार वाले इन लक्षणों को सामान्य समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, जिससे यह बीमारी बच्चे के शरीर में अपनी जड़ें जमा लेती है। यदि समय रहते इलाज शुरू कर दिया जाए तो बच्चों को इस बीमारी से छुटकारा दिलाया जा सकता है। बच्चों में डायबिटीज के लक्षणों में शामिल हैं:
ज्यादा प्यास लगना
दिनभर अधिक पानी पीना
बार-बार यूरिन आना
शरीर पर रैशेज होना
अचानक वजन में कमी आना
आंखों से देखने में परेशानी होना
पेट में दर्द और उल्टी की समस्या
इन लक्षणों के होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
डायबिटीज के कारण:
बच्चों में डायबिटीज का मुख्य कारण वंशानुगत होता है। यदि माता-पिता या दादा-दादी, चाचा-चाची, बुआ-मौसी को डायबिटीज है, तो बच्चों में इस बीमारी का खतरा अधिक हो सकता है। इसके अलावा, ऑटोइम्यून विकार के कारण भी यह हो सकता है, जिसमें शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता पैनक्रियाज पर हमला कर देती है और पैनक्रियाज इंसुलिन बनाना बंद कर देता है। खराब खानपान और जीवनशैली भी बच्चों में डायबिटीज का कारण बन सकती है। डायबिटीज से बच्चों को भविष्य में दिल और किडनी की गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
डायबिटीज से बचाव:
यदि बच्चों में डायबिटीज के लक्षण उभरते हैं, तो तुरंत जांच करवाएं। अगर जांच में डायबिटीज की पुष्टि होती है, तो इन बातों का ध्यान रखें:
बच्चों को जल्दी उठने और जल्दी सोने की आदत डालें।
उनके आहार को संतुलित करें और पौष्टिक खाद्य पदार्थों का सेवन कराएं।
बाहर का खाना और जंक फूड से पूरी तरह परहेज करें।
बच्चों को नियमित रूप से व्यायाम करने की आदत डालें।
डॉक्टर की सलाह पर दवाओं का पालन करें और समय-समय पर जांच कराते रहें।
जीवनशैली और खानपान में बदलाव से बच्चों को डायबिटीज से मुक्ति मिल सकती है।
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