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मुर्शिदाबाद के हिंसा प्रभावी इलाके में पहुंचे पश्चिम बंगाल के गवर्नर, अधिकारियों के दौरे से गरमाया माहौल | cliQ Latest

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वक्फ़ कानून के खिलाफ पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में पिछले कुछ दिनों से हिंसा का दौर चल रहा है। ऐसे में कई लोग इस हिंसा से प्रभावित हैं। इस बीच पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस हिंसा से प्रभावित इलाकों में पहुंचे। इस दौरान उन्होंने दंगों से पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। बंगाल में हिंसा प्रभावित इलाकों में लगातार अधिकारियों का आने-जाने का सिलसिला लगा हुआ है। ममता बनर्जी ने इस दौरे को टालने की अपील की थी, लेकिन इसे ठुकरा दिया गया।

पीड़ित परिवारों से मुलाकात

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ कानून को लेकर भड़की हिंसा के बीच जाफराबाद इलाके में एक पिता-पुत्र की बेरहमी से हत्या कर दी गई। मृतकों की पहचान 70 वर्षीय हरोगोबिंदो दास और उनके 40 वर्षीय बेटे चंदन दास के रूप में हुई है। दोनों के शव 11 अप्रैल को कई चाकू के घावों के साथ पाए गए थे। इस वीभत्स हत्याकांड के बाद इलाके में दहशत का माहौल है।
पीड़ित परिवार ने बताया कि भय के चलते कोई पुजारी अंतिम संस्कार कराने तक नहीं आया, जिसके कारण उन्हें अपने प्रियजनों की अंत्येष्टि खुद करनी पड़ी।

घटना के बाद पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने शनिवार को हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने मुर्शिदाबाद के शमशेरगंज, धूलियन, सूटी और जंगीपुर का निरीक्षण किया और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। जाफराबाद में उन्होंने मृतक पिता-पुत्र के घर जाकर परिजनों से संवेदना प्रकट की और उन्हें हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।

राज्यपाल ने कहा, “मैंने पीड़ितों को अपना फोन नंबर दिया है ताकि वे मुझसे सीधे संपर्क कर सकें। जो भी सुझाव और मांगें हैं, उन्हें राज्य और केंद्र सरकार के समक्ष रखा जाएगा। बहुत जल्द प्रभावी और ठोस कदम उठाए जाएंगे।”
राज्यपाल का यह दौरा ऐसे समय में हुआ है जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनसे सार्वजनिक रूप से अपील की थी कि वे अपनी यात्रा स्थगित करें। बावजूद इसके, राज्यपाल ने मालदा के राहत शिविर का दौरा किया, जहां हिंदू समुदाय के कई परिवारों ने शरण ली है। हिंसा के दौरान उनके घरों को आग के हवाले कर दिया गया था।

स्थानीय लोगों ने राज्यपाल के सामने स्थायी BSF कैंप की मांग उठाई ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं न हों।

वक्फ कानून बना विवाद का कारण

विवाद की जड़ वक्फ कानून है, जो मुस्लिम समुदाय द्वारा दान की गई संपत्तियों के प्रबंधन को लेकर है। इस कानून के विरोध में कई जगहों पर प्रदर्शन हुए जो बाद में हिंसक रूप ले बैठे। मुर्शिदाबाद और दक्षिण 24 परगना जिलों में हिंसा के दौरान तीन लोगों की जान गई, कई घर जलाए गए और कई परिवार बेघर हो गए।

NCW ने भी लिया संज्ञान

इसी बीच, राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की एक टीम ने भी मुर्शिदाबाद का दौरा किया और महिला पीड़ितों से मुलाकात की। आयोग की अध्यक्ष विजया राहाटकर ने कहा, “इन महिलाओं का दर्द शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता। उन्होंने एनआईए जांच की मांग की है और हम इसे गंभीरता से लेंगे।”

पीड़ित परिवार की मांग: CBI जांच

मृतक हरोगोबिंदो और चंदन दास के परिजनों ने घटना की केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से जांच की मांग की है। एक अधिकारी ने बताया कि राज्यपाल को इस मांग से अवगत कराया गया है।

राज्य सरकार और केंद्र के बीच इस मुद्दे को लेकर रस्साकसी तेज हो सकती है, लेकिन एक बात साफ है कि हिंसा की इस आग ने सैकड़ों परिवारों को गहरे जख्म दिए हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि पीड़ितों को न्याय कब और कैसे मिलेगा।

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