दत्ताजी राव गायकवाड़ का नाम भारत के उन क्रिकेटरों के रूप में लिया जाता है जिन्होंने अपने बेहतरीन खेल से देश में क्रिकेट की मजबूत नींव रखी। दत्ताजी राव बड़ौदा क्रिकेट के प्रतीक थे। दत्ताजी राव गायकवाड़ का जन्म 27 अक्टूबर 1928 को बड़ौदा, गुजरात में हुआ था। घरेलू क्रिकेट बड़ौदा के लिए खेलने वाले दत्ताजी राव ने 1952 में भारतीय टीम के लिए वेस्टइंडीज के खिलाफ किया था। भारतीय टीम के लिए राव ने 11 टेस्ट खेले और एक अर्धशतक की मदद से 350 रन बनाए। उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 52 रन था। बल्लेबाजी के साथ-साथ वे मध्यम गति के गेंदबाज भी थे। भारत के लिए उन्होंने 6 विकेट लिए। दत्ताजी राव ने 1959 के इंग्लैंड दौरे पर पांच टेस्ट मैचों में से चार में भारत की कप्तानी भी की थी। इस दौरे में टीम को पांचों मैच में शिकस्त का सामना करना पड़ा था। घरेलू क्रिकेट में दत्ताजी राव के आंकड़े बेहद शानदार हैं। रणजी ट्रॉफी में बड़ौदा के लिए खेलते हुए दत्ताजी ने कई मौकों पर अपनी बल्लेबाजी और गेंदबाजी से मैच का रुख पलटा। उनकी मौजूदगी में बड़ौदा ने 1957-58 में रणजी ट्रॉफी का पहला खिताब जीता था। फाइनल में दत्ताजी राव ने सेना के विरुद्ध शतकीय पारी खेल टीम को चैंपियन बनाने में अपनी बड़ी भूमिका निभाई थी। दत्ताजी राव गायकवाड़ का जन्म 27 अक्टूबर 1928 को बड़ौदा, गुजरात में हुआ था। घरेलू क्रिकेट बड़ौदा के लिए खेलने वाले दत्ताजी राव ने 1952 में भारतीय टीम के लिए वेस्टइंडीज के खिलाफ किया था। भारतीय टीम के लिए राव ने 11 टेस्ट खेले और एक अर्धशतक की मदद से 350 रन बनाए। उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 52 रन था। बल्लेबाजी के साथ-साथ वे मध्यम गति के गेंदबाज भी थे। भारत के लिए उन्होंने 6 विकेट लिए। दत्ताजी राव ने 1959 के इंग्लैंड दौरे पर पांच टेस्ट मैचों में से चार में भारत की कप्तानी भी की थी। इस दौरे में टीम को पांचों मैच में शिकस्त का सामना करना पड़ा था। Also Read: LIVE Cricket Scoreदत्ताजी राव गायकवाड़ के पुत्र अंशुमान गायकवाड़ ने उनकी क्रिकेट विरासत को आगे बढ़ाया। अंशुमान ने भारत के लिए 40 टेस्ट और 15 वनडे खेले। Article Source: IANS
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