भारतीय ऑलराउंडर अक्षर पटेल ने हाल ही में एक बेहद भावुक कहानी साझा की, जिसने हर क्रिकेट प्रेमी के दिल को छू लिया। उन्होंने बताया कि उनकी दादी की आखिरी इच्छा थी कि वे उन्हें टीवी पर भारत की नीली जर्सी में खेलते हुए देखें।
अक्षर उस समय घरेलू क्रिकेट खेल रहे थे और अपनी दादी से नहीं मिल पाए थे। लेकिन जब उन्हें यह पता चला कि दादी की आखिरी ख्वाहिश उन्हें टीवी पर खेलने देखने की थी, तो उन्होंने अपने पिता से वादा किया कि एक दिन वह जरूर टीवी पर भारत के लिए खेलेंगे और दादी की इच्छा पूरी करेंगे।
अक्षर पटेल ने भावनाओं से भरा सपना सच साबित कर दिखायाअक्षर ने विमल कुमार के यूट्यूब चैनल पर बताया कि यह बात उनके दिल में हमेशा के लिए बस गई। उन्होंने क्रिकेट को केवल करियर नहीं, बल्कि अपने परिवार और दादी के सपने को पूरा करने का जरिया बना लिया। उन्होंने कहा, मैंने खुद से वादा किया था कि चाहे कुछ भी हो जाए, मैं भारत के लिए खेलूंगा और टीवी पर दिखूंगा क्योंकि वो मेरी दादी की आखिरी इच्छा थी।
कुछ साल बाद, उनका सपना सच हुआ। साल 2014 में उन्होंने भारतीय टीम के लिए डेब्यू किया और पहली बार नीली जर्सी पहनकर मैदान में उतरे। उस पल को याद करते हुए उन्होंने कहा कि वह सिर्फ उनके लिए नहीं, बल्कि उनकी दादी की आत्मा के लिए भी खास था।
जब मैंने मैदान पर कदम रखा, तो मुझे लगा कि दादी मुझे ऊपर से देख रही हैं, अक्षर ने भावुक होकर कहा। आज अक्षर पटेल टीम इंडिया के एक भरोसेमंद ऑलराउंडर हैं, जिन्होंने अपने प्रदर्शन से कई बार देश को गौरवान्वित किया है। लेकिन उनके लिए सबसे कीमती पल वह था जब उन्होंने अपनी दादी की आखिरी इच्छा पूरी की।
अक्षर की कहानी यह सिखाती है कि सपने सिर्फ हमारे नहीं होते, कभी कभी वे हमारे अपने लोगों की उम्मीदों से भी जुड़े होते हैं और जब हम उन्हें पूरा करते हैं, तो वह भावनात्मक जीत किसी ट्रॉफी से कम नहीं होती।
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