आपने देखा होगा कि चांदी के वर्क वाली मिठाइयाँ कितनी आकर्षक होती हैं। ये मिठाइयाँ खास अवसरों पर, जैसे शादी या त्योहारों में, पेश की जाती हैं और लोग इन्हें शाकाहारी मानते हैं। चांदी का वर्क मिठाइयों को एक विशेष आकर्षण देता है, जिससे हम इन्हें बड़े चाव से खाते हैं।
हालांकि, क्या आप जानते हैं कि चांदी का वर्क वास्तव में क्या है और इसे कैसे बनाया जाता है? यदि आप इसके निर्माण प्रक्रिया के बारे में जानेंगे, तो शायद आप चांदी के वर्क वाली मिठाइयाँ खाने से परहेज करने लगें। असल में, चांदी का वर्क शुद्ध चांदी का नहीं होता, बल्कि यह किसी चमकीली धातु, जैसे एल्मीनियम, से निर्मित होता है।
चांदी के वर्क को बनाने की प्रक्रिया में गाय की हत्या की जाती है। गाय की आंत को निकालकर उसमें चमकीली धातु का टुकड़ा लपेटा जाता है, ताकि वह एक खोल बना सके। इसके बाद, लकड़ी के हथौड़े से इसे पीटा जाता है, जिससे आंत फैल जाती है और धातु का टुकड़ा वर्क के रूप में पतला होता चला जाता है।
चांदी के वर्क का स्वास्थ्य पर प्रभाव
चांदी का वर्क गाय की आंत में ही बनाया जाता है, क्योंकि यह पीटने पर फटती नहीं है। हर साल लगभग 116,000 गायों की हत्या इस प्रक्रिया के लिए की जाती है। बाबा रामदेव ने इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। लखनऊ के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टॉक्सिकोलॉजी रिसर्च (आईआईटीआर) के अध्ययन के अनुसार, बाजार में उपलब्ध चांदी के वर्क में निकल, लेड, क्रोमियम और कैडमियम की उच्च मात्रा पाई जाती है। इन धातुओं का सेवन कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।
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