भारत में सोने की कीमतें ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुँच गई हैं। त्योहारों और शादियों के मौसम के चलते खरीदारों के लिए यह एक चुनौती बन गई है कि वे अभी खरीदारी करें या कीमतों में गिरावट का इंतज़ार करें।
भविष्यवाणियाँ और संभावनाएँ
कई अंतरराष्ट्रीय ब्रोकरेज फर्मों का मानना है कि सोने की कीमतों में आने वाले वर्षों में 229% तक की वृद्धि हो सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, सोने में दीर्घकालिक तेजी का रुझान बना हुआ है। मध्यम अवधि में, सोने की कीमतें 4,000 से 5,000 डॉलर प्रति औंस तक पहुँच सकती हैं। 2030 तक, यह 8,900 डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है। मुद्रास्फीति के चलते, भारतीय मुद्रा में यह लगभग 7.39 लाख रुपये तक पहुँच सकती है।
निवेशकों के लिए सलाह
निवेशकों को ध्यान में रखने योग्य बातें
रिपोर्ट में कहा गया है कि सोने की कीमतों में वृद्धि अल्पकालिक नहीं है, बल्कि यह लंबे समय तक जारी रह सकती है। निवेशकों को इस पर बारीकी से ध्यान देना चाहिए। हालांकि, सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव की संभावना भी बनी रहती है। वैश्विक बाजार में सोने और कीमती धातुओं को प्राथमिकता कम दी जाती है, जबकि निजी इक्विटी और रियल एस्टेट को अधिक महत्व दिया जाता है।
भविष्यवाणियाँ और बाजार की स्थिति
हाल ही में, गल्फ न्यूज़ ने भी सोने की कीमतों में वृद्धि की भविष्यवाणी की है। जेपी मॉर्गन ने 2029 तक सोने की कीमत 6,000 डॉलर प्रति औंस तक पहुँचने का अनुमान लगाया है। इस साल की शुरुआत में सोने की कीमतों में 25% की वृद्धि देखी गई, लेकिन वैश्विक व्यापार तनाव के कारण अप्रैल से कीमतों में गिरावट आई है।
एस्पेक्ट बुलियन एंड रिफाइनरी के सीईओ दर्शन देसाई का कहना है कि बाजार में उतार-चढ़ाव आएगा, लेकिन सुरक्षित निवेश की बढ़ती मांग कीमतों को मजबूती प्रदान करेगी।
खरीदारी के लिए सुझाव
IBJA के पूर्व अध्यक्ष मोहित कंबोज का कहना है कि त्योहारों की बढ़ती मांग और निवेशकों का भरोसा कीमतों को नीचे जाने से रोक सकता है। अक्षा कंबोज, IBJA की उपाध्यक्ष, मानती हैं कि बाजार के निचले स्तर का अनुमान लगाना मुश्किल है। धीरे-धीरे खरीदारी करना समझदारी है।
स्काईगोल्ड एंड डायमंड्स के मंगेश चौहान सलाह देते हैं कि खरीदार अपनी सामर्थ्य और निवेश की ज़रूरत के अनुसार 22 कैरेट या 24 कैरेट सोना चुनें।
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