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पुरानी गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन रिन्यूअल में बढ़ी फीस: जानें नए नियम

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नई रजिस्ट्रेशन फीस की जानकारी

नई दिल्ली: यदि आपकी गाड़ी 20 साल से अधिक पुरानी है, तो आपके लिए एक महत्वपूर्ण सूचना है। अब आपको रजिस्ट्रेशन रिन्यू कराने के लिए अधिक शुल्क चुकाना होगा। सरकार ने रजिस्ट्रेशन रिन्यूअल की फीस को दोगुना कर दिया है। नए नियमों के तहत, 20 साल से अधिक पुरानी मोटरसाइकिल के रजिस्ट्रेशन रिन्यूअल के लिए 2,000 रुपये का शुल्क लगेगा, जबकि 20 साल से अधिक पुरानी कार के लिए यह शुल्क 10,000 रुपये होगा। यह नियम उन लोगों के लिए एक झटका है जो अपनी पुरानी गाड़ियों के प्रति भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं।


15 साल पुरानी गाड़ियों के लिए फीस

यदि आपकी गाड़ी 15 से 20 साल पुरानी है, तो आपको चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। आपके लिए रजिस्ट्रेशन रिन्यूअल की फीस में कोई बदलाव नहीं किया गया है। सरकार ने यह कदम BS-II एमिशन मानकों से पहले बनी गाड़ियों की संख्या को कम करने के लिए उठाया है। BS-II एक प्रदूषण नियंत्रण मानक है, और पुरानी गाड़ियां अधिक प्रदूषण उत्पन्न करती हैं, इसलिए सरकार उन्हें सड़क से हटाना चाहती है।


सड़क परिवहन मंत्रालय की योजनाएं

सड़क परिवहन मंत्रालय ने फरवरी में एक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया था, जिसमें 15 साल से अधिक पुरानी कमर्शियल मीडियम और हैवी व्हीकल्स के लिए अधिक रिन्यूअल फीस का प्रस्ताव था। यह शुल्क 12,000 रुपये और 18,000 रुपये था, लेकिन ट्रांसपोर्ट संगठनों ने इसका विरोध किया। मंत्रालय ने 20 साल से अधिक पुरानी कमर्शियल मीडियम और हैवी व्हीकल्स के रजिस्ट्रेशन रिन्यूअल फीस को भी दोगुना करने का प्रस्ताव रखा था, जो 24,000 रुपये और 36,000 रुपये होना था।


पुरानी गाड़ियों पर विवाद

हालांकि, सूत्रों के अनुसार, इस प्रस्ताव को फिलहाल रोक दिया गया है। सरकार इस पर बाद में निर्णय लेगी। ये बदलाव सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के बाद आए हैं, जिसमें दिल्ली और एनसीआर में 15 साल से अधिक पुरानी पेट्रोल गाड़ियों और 10 साल से अधिक पुरानी डीजल गाड़ियों के मालिकों के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगा दी गई थी।


इथेनॉल-ब्लेंडेड पेट्रोल पर जनहित याचिका

इस बीच, सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें 20 प्रतिशत इथेनॉल-ब्लेंडेड पेट्रोल के देशव्यापी रोलआउट को चुनौती दी गई है। याचिका में कहा गया है कि लाखों लोग उस ईंधन का उपयोग करने के लिए मजबूर हैं, जो उनके वाहनों के लिए उपयुक्त नहीं है। याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि रोजाना वाहन चलाने वाले पेट्रोल पंप पर असहाय महसूस करते हैं और उन्हें उस ईंधन को खरीदने के लिए मजबूर किया जाता है, जिसे उनकी गाड़ी संभाल नहीं सकती।


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