रूस-यूक्रेन युद्ध को साढ़े तीन साल से ज्यादा हो गए हैं, इस युद्ध को रोकने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप काफी महीनों से रूस के राष्ट्रपति पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की बातचीत कर रहे हैं. इसी क्रम में अमेरिका के अलास्का प्रांत में 15 अगस्त को ट्रंप और पुतिन की मुलाकात होगी, लेकिन इससे पहले रूस ने अमेरिकी टेक कंपनी व्हाट्सऐप के साथ बड़ा ‘खेला’ कर दिया है. इसके बारे में यहां हम आपको विस्तार से बता रहे हैं.
WhatsApp ने लगाए ये आरोप
व्हाट्सऐप ने रूस पर आरोप लगाया है कि वह करोड़ों रूसी नागरिकों की सुरक्षित बातचीत रोकने की कोशिश कर रहा है. कंपनी ने कहा कि रूस ने मैसेजिंग ऐप पर कॉल्स पर पाबंदी लगाई है, ताकि वह अपने देश के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को बढ़ावा दे और इंटरनेट पर ज्यादा नियंत्रण रख सके.
रूस ने आरोपो पर कही ये बातबुधवार को रूस ने कहा कि उसने व्हाट्सऐप (जो मेटा प्लेटफॉर्म्स की मालिकाना हक वाली कंपनी है) और टेलीग्राम पर कुछ कॉल्स को ब्लॉक करना शुरू कर दिया है. रूस का आरोप है कि ये विदेशी ऐप्स धोखाधड़ी और आतंकवाद से जुड़े मामलों में पुलिस को जरूरी जानकारी देने में नाकाम रहे हैं.
टेक्स्ट और वॉइस नोट्स पर कोई असर नहींयूक्रेन पर फरवरी 2022 में हमले के बाद से रूस और विदेशी टेक कंपनियों के बीच विवाद बढ़ा है. रूस ने पहले ही मेटा के फेसबुक और इंस्टाग्राम को बैन कर दिया है, गूगल की यूट्यूब की स्पीड धीमी कर दी है और कंटेंट व डाटा स्टोरेज से जुड़े नियम न मानने पर सैकड़ों बार जुर्माना लगाया है.
व्हाट्सऐप ने बुधवार रात कहा, “व्हाट्सऐप प्राइवेट है, एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड है, और यह सरकार की उस कोशिश को नकारता है जिसमें लोग सुरक्षित बातचीत का अधिकार खो दें. इसी वजह से रूस इसे 10 करोड़ से ज्यादा लोगों के लिए ब्लॉक करने की कोशिश कर रहा है.” कंपनी ने यह भी कहा कि वह पूरी दुनिया में, रूस सहित, लोगों को एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड बातचीत का मौका देने के लिए कोशिश जारी रखेगी.
टेलीग्राम ने भी लगाए आरोपटेलीग्राम ने कहा कि उसके मॉडरेटर्स एआई टूल्स का इस्तेमाल करके पब्लिक चैट्स की निगरानी कर रहे हैं और हर दिन लाखों खतरनाक मैसेज हटाते हैं. कंपनी ने कहा “टेलीग्राम अपने प्लेटफॉर्म पर हिंसा, तोड़फोड़ और धोखाधड़ी फैलाने वालों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करता है,”
नए सरकारी ऐप “MAX” का प्रमोशनव्हाट्सऐप और टेलीग्राम पर कॉल बैन ऐसे समय में आया है जब सरकार “MAX” नाम का नया मैसेजिंग ऐप ला रही है. यह सरकारी सेवाओं से जुड़ा होगा और आलोचकों को डर है कि इसके जरिए यूजर्स की निगरानी की जा सकती है. सीनियर नेता अब MAX पर शिफ्ट हो रहे हैं और अपने फॉलोअर्स को भी वहां आने को कह रहे हैं. रूस की आईटी रेगुलेशन कमेटी के अहम सदस्य एंटोन गोरेलकिन ने कहा कि वह अब सबसे पहले अपना कंटेंट MAX पर डालेंगे और बाकी सांसद भी ऐसा करेंगे.
धीरे-धीरे सर्विस कमजोर करने की रणनीतिअभी व्हाट्सऐप के बाकी फीचर्स उपलब्ध हैं, लेकिन रूस पहले भी यह तरीका अपनाता रहा है कि सर्विस को धीरे-धीरे कमजोर किया जाए, जैसे यूट्यूब की स्पीड घटाकर वहां कंटेंट देखना मुश्किल कर दिया गया. ह्यूमन राइट्स वॉच की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रूस लगातार ऐसे कानून और टेक्नोलॉजी विकसित कर रहा है जिससे वह अपने देश के इंटरनेट को सख्त निगरानी और कंट्रोल वाले क्षेत्र में बदल सके.
हाल ही में एक नया कानून पास हुआ है जो सेंसरशिप और कड़ा करेगा. इसके तहत अगर कोई शख्स ऑनलाइन ऐसे कंटेंट की तलाश करता है जिसे रूस “चरमपंथी” मानता है (भले ही वीपीएन का इस्तेमाल करके), तो उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है.
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