हटो हटो एक व्यक्ति स्ट्रेचर पर आवाज देते हुए अस्पताल के अंदर दाखिल हो रहा है ।
तभी स्टाफ के व्यक्ति ने उनसे पूछा क्या हुआ? वह व्यक्ति बोला इनका एक्सीडेंट हुआ है सड़क किनारे पड़े हुए थे! कौन है? यह मैं नहीं जानता हूं हॉस्पिटल पास में था मैं यही ले आया । स्टाफ का व्यक्ति बोला इनके सर में बहुत गहरी चोट लगी है आप यहां पर फॉर्म भरे और इनका नाम लिखे और ₹ एक लाख जमा करवाइए फिर इनका इलाज शुरू होगा। वह व्यक्ति बोला भाई साहब मैं इन्हें जानता नहीं हूं मानवता के खातिर में यहां तक ले आया हूं उनके घर वालों का पता लगाता हूं और सारी फॉर्मेलिटी पूरी करवा दूंगा और आपके पैसे भी जमा करूंगा । आप तो इनका इलाज शुरू कर दे, वह व्यक्ति बोला ऐसे हमारे डॉक्टर साहब नहीं मानेंगे।
कहां है डॉक्टर साहब वह व्यक्ति सीधे डॉक्टर के कमरे में पहुंच गया बोला डॉक्टर साहब इनका एक्सीडेंट केस है इनका इलाज शुरू करवाओ प्लीज, बाहर कह रहे हैं फॉर्म भरो ₹ एक लाख जमा करो तभी इलाज शुरू होगा उसे चोट बहुत ज्यादा लगी है मामला भी सीरियस लग रहा है ।
डॉक्टर साहब ने उनकी बात सुनकर बोल भाई साहब यह प्राइवेट हॉस्पिटल है आप पहले पैसा जमा करवाना होगा फिर इलाज शुरू होगा। सर मैंने तो सुना था डॉक्टर भगवान का रूप होते हैं डॉक्टर नई जिंदगी देते हैं, मैं तो इंसानियत के नाते इन्हें यहां तक लेकर आया हूं ।आप भी इंसानियत के नाते इनका इलाज शुरू कर दो ।
डॉक्टर साहब ने कहा नहीं ऐसा नहीं होता हमने भी 5 साल विदेश में पढ़ाई की 70 लख रुपए लगे हैं। तब जाकर डॉक्टर बना हूं दो से ढाई करोड़ तो इस बिल्डिंग में सारी मशीनरी लगवाने में लग गए हैं । पहले ₹100000 जमा करवाएंगे तभी हम इनका इलाज शुरू करेंगे, ऐसा ही किस-किस का इलाज करें। चलो बाहर जाइए पैसा नहीं है तो सरकारी अस्पताल में ले जाइए,
स्टाफ के आदमी को अंदर बुलाया। डॉक्टर बोले बिना अनुमति के अंदर कैसे आ गए इन्हें बाहर निकालो, वह व्यक्ति रिक्वेस्ट करने लगा कुछ तो दया करो आपको अपने समाज का वास्ता, डॉक्टर साहब बोले समाज सेवा आती है तो तुम पैसा जमा करवा दो, स्टाफ के व्यक्ति उसके कंधे पर हाथ रख कर बोला अब बाहर चले । तभी उसे व्यक्ति ने उसका हाथ हटाकर अपनी जब में हाथ डाला और पैसे की गाड़ियां निकाल कर टेबल पर रखते हुए बोला ।डॉक्टर साहब आज मेरे मकान की अन्तीम किस्त का पैसा जमा करने जा रहा था 15 वर्षों से किस्त भरते आ रहा हूं कोई बात नहीं एक महा और इंतजार कर लूंगा यह पैसे लो ले लो और इनका इलाज शुरू कर दो।
डॉक्टर साहब ने स्टाफ के व्यक्ति को इशारा करते पेशेंट को ओ टी पी में ले जाने को कहा, डॉक्टर अपनी तैयारी के साथ में ओटीपी गया सारा स्टाफ अपने-अपने काम में लगे हुए थे डॉक्टर ने अपने हाथ की सफाई की हाथ मे गल्बस पहने मरीज के पास पहुंचा ही था… मरीज को देखते ही डॉक्टर के मुख से oh my God ……
सन्नाटा छा गया उसकी आंखों में अंधेरा छाने लगा स्टाफ के व्यक्ति को पड़कर कुछ सेकेंड के लिए खड़ा रहा और अपने माथे का पसीना पहुंचने लगा मन ही मन कहने लगा है । भगवान मैं आज बहुत बड़ी गलती कर दी डॉक्टर की ऐसी हालत सभी स्टाफ के देख रहे थे मगर सभी चुपचाप अपने काम करते जा रहे थे।
ओटीपी में ऑपरेशन का काम पूरा हो चुका था । डॉक्टर अपनी पोशाक निकालकर रोते हुए बाहर निकाला और उसे व्यक्ति को गले लगा लिया और कहने लगा मैंने आपके साथ बहुत गलत व्यवहार किया मुझे आप माफ कर दो आप इंसान नहीं भगवान हो आज मैंने आपसे इंसानियत क्या होती है यह सिखा हू । परंतु वह व्यक्ति पेशेंट के बारे में जानना चाह रहा था । परंतु डॉक्टर की आंखें अभी भी नम थी डॉक्टर ने कहा आप जिस पेशेंट को लेकर आए हो वह कोई साधारण नहीं वह तो मेरे पिताजी है । हां वह मेरे पिता है दुखी मन से कहा अब आगे ऐसी गलती कभी नहीं करूंगा ।
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