नई दिल्ली, 23 अक्टूबर . चेन्नई में 2022 शतरंज ओलंपियाड में महिला टीम के शानदार प्रदर्शन के बावजूद, जिसमें भारत ने इस इवेंट में अपना पहला पदक जीता, टीम गोल्ड मेडल से चूक गई थी. हालांकि, अब वरिष्ठ महिला शतरंज खिलाड़ी तानिया सचदेव का मानना है कि 2024 में उनके ऐतिहासिक प्रदर्शन ने पिछले संस्करण का ‘हिसाब चुकता’ कर दिया है.
तानिया ने से कहा, “2022 में यह बहुत चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि भले ही हमने महिला टीम के लिए ऐतिहासिक कांस्य पदक हासिल किया था, लेकिन हमने इससे पहले कोई पदक नहीं जीता था, हालांकि हमें ऐसा लगा कि जैसे गोल्ड हमसे छीन लिया गया हो. 2024 में टीम में वापस आकर मैंने चेन्नई ओलंपियाड पर धैर्य के साथ फोकस किया और मन में सोचा कि शायद यही मेरा एकमात्र मौका है. हमें इसका लाभ भी मिला और यह एक लंबी यात्रा रही है. 2022 में जो हुआ था, उसका हिसाब चुकता करने का समय आ गया था.”
महिला वर्ग में डी.हरिका, आर.वैशाली, दिव्या देशमुख, तानिया सचदेव और वंतिका अग्रवाल की भारतीय टीम ने आठवें राउंड में पोलैंड से मिली हार के बाद जोरदार वापसी की और अंतिम राउंड में अजरबैजान पर जीत के साथ खिताब जीता.
तानिया को उम्मीद है कि टीम की ऐतिहासिक उपलब्धि और अधिक लड़कियों को इस खेल से जुड़ने के लिए प्रेरित करेगी.
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि एक खिलाड़ी और एथलीट होने का सबसे अच्छा हिस्सा यह है कि आप अपना जीवन उस चीज के लिए समर्पित करते हैं, जिसे आप पसंद करते हैं. अपने साथ-साथ आप दूसरों को भी प्रेरित करते हैं और सिर्फ सपना देखना नहीं बल्कि उसको पूरा करने का विश्वास भी मिलता है. मुझे उम्मीद है कि मेरे शहर से भी कई लड़कियां आगे आएंगी और खेलेंगी.”
अंतर्राष्ट्रीय मास्टर और महिला ग्रैंडमास्टर का फिडे खिताब रखने वाली तानया दिल्ली में एनडीटीवी वर्ल्ड समिट 2024 में मौजूद थीं. दिल्ली की रहने वाली स्वर्ण पदक विजेता ने सरकार से अनुरोध किया कि वह एथलीटों की उपलब्धियों को मान्यता दे क्योंकि इससे खेल संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा. इस दौरान उन्होंने सबके सामने तमिलनाडु का उदाहरण दिया.
उन्होंने कहा, “एक एथलीट के तौर पर यह बहुत मुश्किल होता है जब आप इतना कुछ समर्पित करते हैं और फिर भी आपको पहचान नहीं मिलती. अगर आप अपने खिलाड़ियों की उपलब्धियों का जश्न नहीं मना सकते तो आप अपने राज्य की खेल संस्कृति को कैसे बढ़ावा दे सकते हैं? मुझे उम्मीद है कि भविष्य में इसमें बदलाव आएगा क्योंकि यह मेरे लिए एक मुश्किल सफर रहा है और यही वजह है कि आपको किसी खास राज्य से ज्यादा एथलीट मिलते हैं.”
–
एएमजे/
The post first appeared on .
You may also like
Letters through Drones: ड्रोन के जरिये पहुंचेगी चिट्ठी, डाक विभाग कर रहा है ये खास इंतजाम
हिंदू - मुस्लिम एकता से जुड़ा ये गीत नवरात्रि में नहीं शहीद दिवस पर गाया गया था
Part Time Jobs in Canada Salary: कनाडा में पढ़ाई के साथ होगी मोटी कमाई? ये 5 बेस्ट पार्ट टाइम जॉब्स दिलायेंगे लाखों रुपये
POCSO Case: पुलिस ने एकता कपूर और उनकी मां को 24 अक्टूबर को पेश होने को कहा
पूर्वी लद्दाख में अप्रैल 2020 की स्थिति पर लौटना जरूरी : सेनाध्यक्ष