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अरुणाचल प्रदेश: एचआईवी के बढ़ते मामलों पर मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने चिंता जताई

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ईटानगर, 3 अक्टूबर . अरुणाचल प्रदेश के Chief Minister पेमा खांडू ने Friday को पूर्वोत्तर राज्य में एचआईवी/एड्स के बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त की.

Chief Minister ने Friday को एड्स पर राज्य परिषद (एससीए) की तीसरी बैठक की अध्यक्षता की और एचआईवी से संबंधित समग्र स्थिति और इस बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए चल रहे कदमों की समीक्षा की.

नीति विहार स्थित Chief Minister कार्यालय में आयोजित बैठक में राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बियुराम वाहगे और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

Chief Minister खांडू ने social media प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, “एचआईवी पॉजिटिव मामलों का प्रसार गहरी चिंता का विषय है. यह जरूरी है कि हम इसके प्रसार को रोकने, अज्ञानता से लड़ने और सामाजिक बहिष्कार को समाप्त करने के लिए तत्काल और प्रभावी कदम उठाएं.”

उन्होंने कहा, “आज अरुणाचल प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी की तीसरी राज्य एड्स परिषद (एससीए) की बैठक की अध्यक्षता कैबिनेट सहयोगियों, माननीय सलाहकारों, वरिष्ठ अधिकारियों, गैर Governmentी संगठनों और सीबीओ के साथ की. हमारा सामूहिक संकल्प हर जीवन की रक्षा के लिए जागरूकता, रोकथाम और देखभाल के उपायों को मज़बूत करना और एक संवेदनशील, जागरूक समाज का निर्माण करना है.”

Chief Minister ने दूसरे एक्स में लिखा, “अरुणाचल प्रदेश मनोसक्रिय पदार्थ नियंत्रण प्राधिकरण (एपीपीएससीए) की दूसरी बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि उपभोक्ता पीड़ित हैं, जिन्हें सजा की नहीं, बल्कि देखभाल और सहयोग की जरूरत है. अब ध्यान आपूर्तिकर्ताओं और विक्रेताओं पर केंद्रित हो गया है, जो इस समस्या के असली कारण हैं.”

खांडू ने आगे कहा, “हमने पुनर्वास और परामर्श सुविधाओं को मजबूत करने, आपूर्ति श्रृंखला पर कड़ी कार्रवाई करने और नशामुक्त अरुणाचल के लिए एक समुदाय-संचालित आंदोलन बनाने के महत्व पर भी चर्चा की.”

एससीए बैठक के बाद स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बियुराम वाहगे ने कहा कि राज्य में एचआईवी/एड्स के प्रसार को रोकना अत्यंत महत्वपूर्ण है.

उन्होंने कहा कि हालिया आंकड़े दर्शाते हैं कि संक्रमित सुइयों (66.55 प्रतिशत) के माध्यम से एचआईवी/एड्स का संचरण असुरक्षित यौन संबंध (30.55 प्रतिशत) से अधिक है, जो एचआईवी की रोकथाम के साथ-साथ नशीली दवाओं के दुरुपयोग से निपटने की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करता है.

मंत्री ने कहा कि Friday की बैठक में एचआईवी और मादक द्रव्यों के सेवन के बारे में जागरूकता बढ़ाने, नशा मुक्त India अभियान को तेज करने और एक एकीकृत व बहु-क्षेत्रीय प्रतिक्रिया तैयार करने का संकल्प लिया गया. राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (एनएसीओ) के आंकड़ों के अनुसार, मिजोरम में वयस्कों में एचआईवी/एड्स की व्यापकता दर 2.73 प्रतिशत और नागालैंड में 1.37 प्रतिशत है. दो पूर्वोत्तर राज्यों (मिजोरम और नागालैंड) में वयस्कों में एचआईवी/एड्स की व्यापकता दर अन्य 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की तुलना में काफी ज्यादा है.

एनएसीओ के आंकड़ों के अनुसार, चार पूर्वोत्तर राज्यों- मणिपुर (0.87 प्रतिशत), मेघालय (0.43 प्रतिशत), त्रिपुरा (0.37 प्रतिशत) और अरुणाचल प्रदेश (0.25 प्रतिशत) में व्यापकता दर राष्ट्रीय औसत 0.20 प्रतिशत से भी ज्यादा है. केवल दो पूर्वोत्तर राज्यों- असम (0.13 प्रतिशत) और सिक्किम (0.11 प्रतिशत)- में प्रसार दर राष्ट्रीय औसत से कम है.

डीकेपी/

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