हैदराबाद, 29 अप्रैल . प्रवर्तन निदेशालय (हैदराबाद क्षेत्रीय कार्यालय) ने निजी लाभ के लिए सरकारी भूमि के हस्तांतरण के संबंध में चल रही जांच के सिलसिले में मंगलवार को हैदराबाद में की गई तलाशी के दौरान कई पुरानी कारों समेत 45 कारें जब्त कीं.
ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत पांच स्थानों पर छापेमारी की. इस दौरान एजेंसी ने सरकारी जमीन की धोखाधड़ी से हुई खरीद-फरोख्त से संबंधित दस्तावेज, 23 लाख रुपये नकद और 12,000 यूएई दिरहम भी जब्त किए.
एजेंसी की टीम ने आरोपी खादरुनिस्सा, मोहम्मद मुनव्वर खान, मोहम्मद लतीफ शरफान, मोहम्मद अख्तर शरण और मोहम्मद शकूर के आवासों और फार्म हाउसों पर तलाशी ली गई.
केंद्रीय एजेंसी के अनुसार, मुनव्वर खान के फार्महाउस से कई पुरानी कारों समेत 45 पुरानी और इस्तेमाल की गई कारें भी जब्त की गईं. ईडी ने यह जांच तेलंगाना पुलिस द्वारा दर्ज एक एफआईआर के आधार पर शुरू की थी, जिसमें निजी व्यक्तियों और सरकारी अधिकारियों पर दस्तावेजों की जालसाजी और सरकारी राजस्व रिकॉर्ड में हेराफेरी कर सरकारी जमीन की अवैध बिक्री का आरोप है.
ईडी के अनुसार, “जांच में सामने आया कि महेश्वरम मंडल के नागारम गांव में स्थित सरकारी भूमि/भूदान भूमि को खादरुनिसा ने झूठा दावा करते हुए अपनी पैतृक संपत्ति बताया था. राजस्व रिकॉर्ड में धोखाधड़ी की गई थी और कई बिचौलियों के साथ मिलकर जमीन को विभिन्न संस्थाओं को बेच दिया गया था.”
ईडी ने कहा, “इन बिचौलियों ने सरकारी अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके दस्तावेजों में जालसाजी की और भूमि राजस्व रिकॉर्ड में बदलाव किया, जिसके परिणामस्वरूप भूमि को प्रतिबंधित सूची से हटा दिया गया और बाद में कुछ निजी पक्षों को बेच दिया गया.”
मार्च 2023 में दस्तगीर शरीफ ने अदालत में एक निजी शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि कुछ लोगों ने राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत से रंगारेड्डी जिले के महेश्वरम मंडल के नागरम गांव में 42.33 एकड़ जमीन के लिए धोखाधड़ी से उत्तराधिकार के अधिकार हासिल किए, राजस्व रिकॉर्ड में फर्जी तरीके से बदलाव कराया और अवैध पासबुक जारी करवा लीं.
पिछले साल अक्टूबर में ईडी ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ए. कुमार से पूछताछ की थी. वर्तमान में पशुपालन और डेयरी विकास विभाग में तैनात ए. कुमार इससे पहले रंगारेड्डी और मेडचल मलकाजगिरी जिलों के जिला कलेक्टर के रूप में कार्य कर चुके हैं. कुमार को एफआईआर में आरोपी के रूप में नामित नहीं किया गया था, लेकिन धरणी पोर्टल के उपयोग और प्रतिबंधित श्रेणियों के तहत संपत्तियों के पंजीकरण के संबंध में उनकी भूमिका जांच के दायरे में आई.
अदालत के निर्देश पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की. एफआईआर में मंडल राजस्व अधिकारी (एमआरओ) आरपी ज्योति, मुनव्वर खान, खादरुनिसा, के. श्रीधर रेड्डी और अन्य लोगों के नाम शामिल हैं.
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