Bhopal , 17 अगस्त . केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने Sunday को मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के छीरखेड़ा गांव में सोयाबीन के खेतों का औचक निरीक्षण किया. केंद्रीय मंत्री को शिकायत मिली थी कि खरपतवारनाशक दवा डालने से किसानों की सोयाबीन की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है. कृषि मंत्री अचानक खेतों में पहुंचे और सैकड़ों किसानों और कृषि विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में स्थिति का जायजा लिया.
निरीक्षण के दौरान कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने पाया कि खेतों में सोयाबीन की जगह खरपतवार खड़े हैं और पूरी फसल जल चुकी है. किसानों ने आरोप लगाते हुए कहा कि यह नुकसान दवा डालने से हुआ है.
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह समस्या सिर्फ एक खेत तक सीमित नहीं है, बल्कि कई किसानों ने ऐसी शिकायतें की हैं. इस मामले की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय वैज्ञानिकों का दल प्रभावित खेतों का निरीक्षण करेगा और जांच कर दोषी कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह के निर्देश पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा तत्काल जांच समिति गठित कर दी गई है. इस समिति में आईसीएआर के खरपतवार अनुसंधान निदेशालय (डीडब्ल्यूआर), जबलपुर के निदेशक डॉ. जेएस. मिश्रा को चेयरमैन बनाया गया है. साथ ही, अटारी जोन 9 के निदेशक डॉ. एसआरके. सिंह, रायसेन-विदिशा जिले के कृषि उप संचालक एवं कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख को सदस्य बनाया गया है. यह समिति 18 अगस्त को मौके पर जाएगी.
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि किसान की फसल चली गई तो उसकी जिंदगी ही चली गई. किसानों को राहत जरूर मिलेगी और इसकी जिम्मेदारी कंपनी की होगी. उन्होंने यह भी साफ किया कि केवीके रायसेन के वैज्ञानिक द्वारा दिया गया प्रतिवेदन सही नहीं है, इसलिए इस मामले की जांच नई टीम करेगी.
उन्होंने भरोसा दिलाया कि किसानों को पूरा न्याय मिलेगा और नकली कीटनाशक, खाद-बीज बनाने वाली कंपनियों के खिलाफ पूरे देश में व्यापक अभियान चलाया जाएगा, जो नकली और खतरनाक दवाइयां बेचकर किसानों के साथ धोखा करती हैं.
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एसके/एबीएम
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