New Delhi, 1 अक्टूबर . बैंकर्स ने Wednesday को भारतीय रिजर्व बैंक के रेपो रेट को 5.5 प्रतिशत पर बनाए रखने और न्यूट्रल रुख अपनाने के फैसला का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि आरबीआई का यह फैसला, विकास को समर्थन देने के साथ मूल्य स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए बैलेंस्ड अप्रोच को दर्शाता है.
न्यूट्रल रुख का मतलब लिक्विडिटी को न तो प्रोत्साहन देना और न ही इस पर रोक लगाने से है. क्योंकि कि यह विकास को नुकसान पहुंचाए बिना मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के बीच एक अच्छा संतुलन बनाता है.
इंडियन बैंक के एमडी और सीईओ विनोद कुमार के अनुसार, आरबीआई एमपीसी की स्थिर नीति ग्राहकों के लिए पूर्वानुमान क्षमता को बढ़ाती है, जिससे ईएमआई का पूर्वानुमान और समय पर क्रेडिट मिलना आसान होता है, जो वर्तमान खपत योजनाओं में मदद करता है.
उन्होंने कहा, “एमएसएमई और आवासीय रियल एस्टेट पर जोखिम भार में कमी के साथ यह स्थिरता इस क्षेत्र में मांग को बढ़ाने में महत्वपूर्ण होगी. यह स्थिरता रुपए को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बनाने और India को विकसित देश बनाने के प्रयासों जैसे व्यापक आर्थिक लक्ष्यों का समर्थन करती है.”
आरबीआई ने वित्त वर्ष 26 के लिए India के जीडीपी वृदि दर के अनुमान को भी 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है.
इंडियन ओवरसीज बैंक के प्रबंध निदेशक और सीईओ अजय कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि खाद्य कीमतों में गिरावट और GST रेट कट से महंगाई नियंत्रण में बनी हुई है. इसी के साथ, वित्त वर्ष 26 में जीडीपी वृद्धि दर को बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत किया जाना वैश्विक अस्थिरता के बावजूद India की मजबूत अर्थव्यवस्था को दिखाता है.
श्रीवास्तव ने कहा, “बैंकिंग सेक्टर के लिए प्रस्तावित रिस्क-बेस्ड डिपॉजिट इंश्योरेंस प्रीमियम, एमएसएमई और आवासीय रियल एस्टेट ऋण के लिए जोखिम भार में कमी और कॉर्पोरेट अधिग्रहण और पूंजी बाजार फाइनेंसिंग के लिए सक्षम फ्रेमवर्क जैसे नियामक उपायों से बाजार में क्रेडिट फ्लो बढ़ेगा और समावेशी विकास को बढ़ावा मिलेगा.”
उन्होंने आगे कहा कि मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं के माध्यम से बेसिक बैंक सेविंग जमा खातों के लिए सेवाओं का विस्तार करने पर ध्यान देने से उपभोक्ताओं पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.
केपीएमजी इंडिया में पार्टनर और डिप्टी हेड, रिस्क एडवायजरी और फाइनेंशियल रिस्क मैनेजमेंट हेड राजोसिक बनर्जी के अनुसार, आरबीआई की मौद्रिक नीति भारतीय बैंकों की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण उपायों को पेश करती है.
इसमें स्मॉल फाइनेंस बैंक को छोड़कर सभी शेड्यूल कमर्शियल बैंकों, पेमेंट बैंक, रीजनल रूरल बैंक और सभी अखिल भारतीय वित्तीय संस्थानों के लिए 1 अप्रैल 2027 से लागू होने वाला एक्सपेक्टेड क्रेडिट लॉस (ईसीएल) फ्रेमवर्क जारी करना शामिल है.”
–
एसकेटी/
You may also like
अब चूहे आपके घर में कभी नहीं` घुसेंगे – जानिए चूहे भगाने का अब तक का सबसे कारगर और रामबाण देसी उपाय एक बार आज़माकर देखिए
"Dussehra 2025" दशहरा के दिन पूजा के समय करें इन मंत्रों का जप, शत्रुओं से मिलेगी मुक्ति
रास्ते में पड़ा मिला जेम क्वालिटी का लगभग 25 लाख का हीरा, गरीब की किस्मत चमकी
देश में यहां स्थित है दुनिया का पहला गायत्री मंदिर, यहां लिखे हैं 2400 करोड़ हस्तलिखित गायत्री मंत्र, वीडियो देख आंखों पर नहीं होगा यकीन
अब से टोल टैक्स देना बंद! फ्री` पास ऐसे बनवाएं, फिर टोल पर पैसे नहीं देने पड़ेंगे