भीलवाड़ा, 3 अक्टूबर . Rajasthan के भीलवाड़ा में प्रोसेस हाउसों द्वारा लगाए गए 2 प्रतिशत अतिरिक्त हैंडलिंग चार्ज को लेकर कपड़ा व्यापारियों ने Friday को कलेक्ट्रेट के सामने विरोध-प्रदर्शन किया.
भीलवाड़ा में प्रदर्शन के चलते शहर की 400 बुनाई इकाइयों और 600 कंपनियों ने लगभग 30 लाख मीटर ग्रे कपड़ा प्रोसेसिंग के लिए नहीं भेजा है, जिससे उद्योग में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा.
कपड़ा व्यापारियों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर कलेक्टर, जिला Police अधीक्षक और सांसद को ज्ञापन सौंपकर जल्द से जल्द इसे कम करने की मांग की. व्यापारियों का कहना है कि अगर अतिरिक्त हैंडलिंग चार्ज को कम नहीं किया गया तो आने वाले समय में फैक्ट्री बंद हो जाएगी.
फेडरेशन के पदाधिकारी प्रेम स्वरूप गर्ग ने बताया कि इस अनुचित शुल्क के विरोध में व्यापारियों ने कपड़े की प्रोसेसिंग रोक दी है, जिससे भीलवाड़ा का करोड़ों रुपए का कपड़ा कारोबार ठप हो गया है.
व्यापारियों का कहना है कि 2 प्रतिशत हैंडलिंग चार्ज एक गलत शुरुआत है. यह चार्ज 2 प्रतिशत है, जिसे भविष्य में और भी बढ़ाया जा सकता है, जिससे उनकी उत्पादन लागत अनावश्यक रूप से बढ़ेगी और व्यापार पर सीधा असर पड़ेगा. उनका मानना है कि प्रोसेसिंग चार्ज बढ़ाने के लिए अन्य वैध तरीके हैं, लेकिन यह अतिरिक्त शुल्क लगाना पूरी तरह से मनमानी है.
इस मामले में भीलवाड़ा के सांसद और फेडरेशन अध्यक्ष दामोदर अग्रवाल ने भी व्यापारियों का समर्थन किया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रोसेस हाउस अपनी लागत बढ़ने पर प्रोसेसिंग दरें बढ़ा सकते हैं, लेकिन इस तरह से अतिरिक्त शुल्क लगाना Government का काम है, निजी संस्थाओं का नहीं है. इसलिए इनको कम करने के लिए सोचना चाहिए, जिससे लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े.
वहीं, प्रोसेस हाउस संचालकों ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि व्यापारी अक्सर उनके प्रोसेस हाउस को गोदाम की तरह इस्तेमाल करते हैं और महीनों तक प्रोसेस्ड माल नहीं उठाते, जिससे उन्हें समय पर भुगतान नहीं मिलता और भंडारण की लागत बढ़ जाती है. प्रोसेसिंग चार्ज पर सहमति न बन पाने के कारण ही उन्हें यह कदम उठाना पड़ा.
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एसएके/एबीएम
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