New Delhi, 13 अक्टूबर . स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में आज अर्थशास्त्र के नोबेल प्राइज का ऐलान होगा. आर्थिक विज्ञान में स्वेरिग्स रिक्सबैंक नोबेल पुरस्कार 2025 का ऐलान रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज में दोपहर 3:15 बजे हुआ. तीनों को आर्थिक विकास में इनोवेशन की स्टडी के लिए मिला है. इस साल नोबेल पुरस्कार तीन अर्थशास्त्रियों जोएल मोकीर (अमेरिका), पीटर हॉविट (अमेरिका), और फिलिप एघियन (यूके) को मिला है.
नोबेल समिति ने बताया कि इन अर्थशास्त्रियों ने बताया कि इनोवेशन से कैसे आर्थिक विकास का रास्ता खुलता है. तकनीक तेजी से बदलती है और हम सभी पर असर डालती है.
‘नोबेल प्राइज ऑर्गेनाइजेशन’ के मुताबिक इस पुरस्कार का आधा हिस्सा जोएल मोकिर को “तकनीकी प्रगति के माध्यम से सतत विकास के लिए आवश्यक शर्तों की पहचान करने के लिए” और दूसरा हिस्सा संयुक्त रूप से फिलिप एघियन और पीटर हॉविट को “रचनात्मक विनाश के माध्यम से सतत विकास के सिद्धांत के लिए” प्रदान किया जाएगा.
मोकिर ने निरंतर विकास के नए सामान्य बनने के कारणों को उजागर करने के लिए ऐतिहासिक स्रोतों का उपयोग एक साधन के रूप में किया. एघियन और हॉविट ने निरंतर विकास के पीछे के तंत्रों का भी अध्ययन किया. 1992 के एक लेख में, उन्होंने रचनात्मक विनाश नामक एक गणितीय मॉडल का निर्माण किया और बताया कि जब कोई नया और बेहतर उत्पाद बाजार में प्रवेश करता है, तो पुराने उत्पाद बेचने वाली कंपनियां नुकसान में आ जाती हैं.
नए उत्पाद और उत्पादन के तरीके पुराने तरीकों को बदलते रहते हैं, और यह प्रक्रिया कभी खत्म नहीं होती. यही लगातार आर्थिक विकास का आधार है, जिससे दुनिया भर के लोगों की जीवन गुणवत्ता, स्वास्थ्य और जीवन स्तर बेहतर होते हैं.
यह पुरस्कार उन अर्थशास्त्रियों को दिया जाता है, जिनके रिसर्च ने अर्थव्यवस्था को समझने और उसकी समस्याओं को हल करने में बड़ा योगदान दिया हो.
“अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार” कहा जाता है, लेकिन यह तकनीकी रूप से नोबेल की वसीयत के मूल पांच पुरस्कारों में से एक नहीं था, बल्कि 1969 में स्वीडिश केंद्रीय बैंक ने इसे स्थापित किया था. यह रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज पुरस्कार के विजेताओं का चयन करती है.
–
केआर/
You may also like
जन सुराज पार्टी ने की उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी
विकास योजनाओं के लिए अधिगृहित भूमि के मुआवजा हो तत्काल भुगतान : उपायुक्त
E20 पेट्रोल बना वाहन मालिकों की मुसीबत, इंश्योरेंस में आ रही ये समस्या, डबल हुई मेंटेनेंस कॉस्ट
दिवाली पर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को धामी सरकार का तोहफा
1990 से 2025 तक में इतनी बढ़ गई 1 किलो सोने की 'हैसियत', बिजनेसमैन की वायरल पोस्ट ने छेड़ दी बहस