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'विकसित यूपी' का विजन बना जनआंदोलन, 60 लाख सुझावों से सजे 'समर्थ यूपी' के सपने

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Lucknow, 28 अक्टूबर . Chief Minister योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप उत्तर प्रदेश को 2047 तक विकसित प्रदेश बनाने के लक्ष्य को लेकर चल रहा ‘समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश @2047 : समृद्धि का शताब्दी पर्व महा अभियान’ जनभागीदारी का प्रतीक बनता जा रहा है.

Tuesday तक प्रदेश के 75 जनपदों में नोडल अधिकारियों एवं प्रबुद्ध जनों द्वारा भ्रमण कर विभिन्न लक्षित समूहों छात्र, शिक्षक, उद्यमी, कृषक, स्वयंसेवी संगठन, श्रमिक संगठन, मीडिया एवं आम नागरिकों से संवाद स्थापित किया गया. इस दौरान लोगों से प्रदेश की विकास यात्रा और भविष्य के रोडमैप पर सुझाव लिए गए. अब तक समर्थ पोर्टल पर करीब 60 लाख फीडबैक प्राप्त हुए हैं. इनमें से 75 फीसदी से ज्यादा सुझाव ग्रामीण क्षेत्रों से मिले हैं.

बुलंदशहर के रिकेश कुमार ने कहा कि गांव में उद्योग और शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाए. यदि Government निजी साझेदारी (पीपीपी मॉडल) के माध्यम से ग्रामीण युवाओं को प्राथमिकता दे, तो पलायन की समस्या खत्म हो सकती है. वहीं, शकील खान ने कहा कि राज्य को औद्योगिक शक्ति बनाने के लिए एमएसएमई को आसान ऋण, तकनीकी सहयोग और जिला-आधारित उद्योग पार्क की जरूरत है. निगार फातिमा ने निवेश आकर्षित करने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम, हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग और महिला स्किल मिशन पर जोर दिया.

सीमा कुमारी ने कढ़ाई, सिलाई और अगरबत्ती निर्माण जैसे कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने की बात कही. जोगिंदर सिंह ने कहा कि स्कूल स्तर से ही शिक्षा को व्यावहारिक और कौशल आधारित बनाया जाए ताकि युवा आत्मनिर्भर बन सकें.

अंकित गुप्ता ने मां बेला देवी धाम व शनिदेव मंदिर जैसे धार्मिक स्थलों के विकास की बात की, डॉ. सुनील शाह ने बेल्हा देवी मंदिर के आसपास कॉरिडोर निर्माण का सुझाव दिया, जबकि रीता जायसवाल और रामेन्द्र त्रिपाठी ने पर्यटन स्थलों पर सुव्यवस्थित दर्शन व्यवस्था और सांस्कृतिक पुनर्जीवन की जरूरत बताई.

बलिया से गीता देवी ने खेलो इंडिया जैसे कार्यक्रमों को स्थानीय स्तर पर विस्तार देने का सुझाव दिया, जबकि प्रदीप कुमार ने गांवों में डिजिटल लाइब्रेरी और रोजगार सृजन केंद्र खोलने की मांग रखी.

बरेली के राजकुमार सिंह ने भिखारियों व साधुओं की पहचान प्रणाली, फलदार वृक्षारोपण अनिवार्यता और पुरानी पेंशन योजना लागू करने की बात कही.

बस्ती की शाइस्ता फिरोज ने महिला सुरक्षा, स्किल मिशन, डीबीटी व्यवस्था और बाल विकास योजनाओं को सशक्त करने पर जोर दिया.

गाजियाबाद के राजेश अग्निहोत्री ने साफ-सुथरा प्रशासन, बेहतर कानून व्यवस्था और इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधार की मांग की.

आंकड़ों के अनुसार, करीब 30 लाख सुझाव 31 वर्ष से कम आयु वर्ग के युवाओं ने दिए हैं, जबकि 26 लाख से अधिक सुझाव 31-60 वर्ष आयु वर्ग से और 3 लाख से अधिक सुझाव वरिष्ठ नागरिकों से प्राप्त हुए हैं.

विभिन्न क्षेत्रों से प्राप्त सुझावों में कृषि (16 लाख) और शिक्षा (15 लाख) सबसे आगे हैं. इसके अलावा ग्रामीण विकास (12 लाख), समाज कल्याण (5 लाख), स्वास्थ्य (4 लाख), पशुधन (3 लाख), इंडस्ट्री (2.5 लाख) और आईटी-टेक (2 लाख) से भी भारी संख्या में सुझाव मिले हैं. जनपदवार आंकड़ों में जौनपुर पहले, संभल दूसरे, गाजीपुर तीसरे, प्रतापगढ़ चौथे और बिजनौर पांचवें स्थान पर हैं. वहीं, इटावा, महोबा, हापुड़, गौतमबुद्ध नगर और ललितपुर में सुझाव अपेक्षाकृत कम प्राप्त हुए हैं.

महाभियान के तहत राज्यभर में व्यापक जनसंवाद अभियान चलाया गया है. अब तक 214 नगर पालिकाओं, 18 नगर निगमों, 63 जिला पंचायतों, 556 नगर पंचायतों, 751 क्षेत्र पंचायतों और करीब 50 हजार ग्राम पंचायतों में बैठकों व गोष्ठियों का आयोजन किया जा चुका है. इन आयोजनों से स्थानीय नागरिकों, जनप्रतिनिधियों और विभागों के बीच संवाद को मजबूती मिली है.

Chief Minister योगी आदित्यनाथ के विजन ‘समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश @2047’ के अनुरूप प्राप्त सुझावों के आधार पर अब विजन डॉक्यूमेंट निर्माण प्रक्रिया जारी है. यह अभियान न केवल विकास का खाका तैयार कर रहा है, बल्कि साझा भागीदारी के माध्यम से जन-जन तक संवाद का सशक्त सेतु बनता जा रहा है.

एसके/

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