तापी, 9 अगस्त . आदिवासी विकास विभाग और गुजरात के तापी प्रशासन की ओर से ‘विज्ञान सेतु, तापी के तारे’ परियोजना के अंतर्गत एक अनूठा शैक्षिक अध्ययन भ्रमण आयोजित किया गया है. इसके अंतर्गत तापी जिले के 15 सरकारी स्कूलों के विज्ञान संकाय के आदिवासी समुदाय के 28 प्रतिभाशाली छात्रों को 10 अगस्त को सूरत से हवाई मार्ग से चेन्नई ले जाया जाएगा, जहां वे श्रीहरिकोटा स्थित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र का भ्रमण करेंगे.
इस शैक्षिक यात्रा का उद्देश्य तापी जिले के आदिवासी क्षेत्रों के विद्यार्थियों को इसरो के शोध कार्यों और अंतरिक्ष विज्ञान का प्रत्यक्ष अनुभव प्रदान करना है, ताकि उनमें वैज्ञानिक सोच विकसित हो, राष्ट्रीय गौरव की भावना प्रबल हो और भविष्य में विज्ञान के क्षेत्र में करियर बनाने की प्रेरणा मिले.
इसरो की एक्सपोजर विजिट के लिए चयन प्रक्रिया में तापी जिले के आदिवासी विभाग के अंतर्गत आने वाले विद्यालयों और सरकारी विद्यालयों सहित कुल 15 विद्यालयों के कक्षा 11-12 के विज्ञान विषय के विद्यार्थियों के लिए एक परीक्षा आयोजित की गई, जिसमें कक्षा 9 और 10 की विज्ञान की पाठ्यपुस्तक से 100 अंकों की एक प्रश्नावली तैयार की गई, जिसमें कुल 50 प्रश्न शामिल थे. बच्चों के लिए यह परीक्षा ज्ञान और तर्कशक्ति के परीक्षण का एक अनूठा मंच बनी.
उत्कृष्ट अंक प्राप्त करने वाले मेधावी विद्यार्थियों का चयन इस प्रतिष्ठित शैक्षिक यात्रा के लिए किया गया, जो अंतरिक्ष विज्ञान की दुनिया के उनके प्रत्यक्ष अनुभव के लिए यादगार रहेगी.
इंदु नर्सिंग कॉलेज की स्टाफ नर्स हिरल गामित इसरो एक्सपोजर विजिट के दौरान छात्रों के स्वास्थ्य की देखभाल और आवश्यक स्वास्थ्य मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए निरंतर उनके साथ रहेंगी. इस अध्ययन यात्रा में कुल 28 छात्रों के साथ, 7 छात्रों की सुरक्षा, मार्गदर्शन और प्रबंधन के लिए एक शिक्षक का चयन किया गया है.
यात्रा में शामिल होने वाले प्रतिनिधियों में इंदु एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के प्रधानाचार्य सुरेंद्र कुमार, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, डोलवान की प्रधानाचार्य राजेश्री चित्ते, आदर्श आवासीय विद्यालय, उकाई की प्रधानाचार्य नीतिक्षा चौधरी, एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय, उकाई के शिक्षक सुनील चौधरी, एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय, उकाई के सुनील कुमार और तापी जिला सूचना कार्यालय की सूचना अधिकारी संगीता चौधरी शामिल हैं, जो पूरे दौरे के दौरान प्रचार कार्य करेंगी.
तापी जिले के आदिवासी समुदाय के छात्रों के लिए यह भ्रमण न केवल एक शैक्षणिक अध्ययन होगा, बल्कि जीवन को नई दिशा देने वाला एक मजबूत पड़ाव भी होगा. जब जीवन बदलने के लिए बस एक पल ही काफी होता है तो इतनी छोटी सी उम्र में इसरो की यात्रा बच्चों के कोमल हृदय में विज्ञान के प्रति उत्साह जगाएगी और शायद कोई बच्चा आगे चलकर एक कुशल वैज्ञानिक बनकर तापी और पूरे देश का गौरव बनेगा. इसमें कोई संदेह नहीं है.
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डीकेपी/
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