भोपाल, 1 मई . केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में बुधवार को जातीय जनगणना कराने का फैसले लिए जाने के बाद सियासी तकरार तेज हो गई है. इस फैसले के बाद राहुल गांधी ने दावा किया कि वह इस मुद्दे को लेकर हमेशा से मुखर रहे हैं. राहुल गांधी के दावे पर सत्ता पक्ष के नेताओं ने जुबानी हमला बोलते हुए सवाल किया कि 60 साल जब उनकी पार्टी सरकार में रही तो क्या किया. इस पर मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने पलटवार किया.
जीतू पटवारी ने गुरुवार को समाचार एजेंसी से खास बातचीत करते हुए कहा कि जातीय जनगणना के समर्थन में राहुल गांधी के दो लाख वीडियो मिलेंगे और भाजपा नेताओं के भी दो लाख वीडियो मिलेंगे, जो जातीय जनगणना को रोकने की बात करते हैं. राहुल गांधी हमेशा इसके समर्थन में रहे हैं.
भाजपा नेताओं पर निशाना साधते हुए पटवारी ने कहा कि नितिन गडकरी ने कहा था, ‘जो करे जात-पात की बात, उसको मारो लात’. फिर नरेंद्र मोदी ने कहा कि मेरे लिए तो चार ही जातियां हैं, महिला, पुरुष, युवा और किसान. इसके बाद उन्होंने कहा कि जाति की बात करना पाप है. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ‘बटोगे तो कटोगे’.
भाजपा के नेता अलग-अलग बातें करते हैं. लेकिन, हमने सामाजिक न्याय के लिए काम किया है और आगे भी करेंगे. राहुल गांधी और कांग्रेस इस लड़ाई को मजबूती से लड़ेंगे. जातीय जनगणना सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और हम इसके लिए प्रतिबद्ध हैं.
बता दें कि मोदी कैबिनेट ने बुधवार को जाति जनगणना को मंजूरी दे दी. सरकार के फैसले की जानकारी देते हुए मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि कांग्रेस की सरकारों ने जाति जनगणना का विरोध किया. 1947 के बाद से जाति जनगणना नहीं हुई. जाति जनगणना की जगह कांग्रेस ने जाति सर्वे कराया, यूपीए सरकार में कई राज्यों ने राजनीतिक दृष्टि से जाति सर्वे किया है. वैष्णव ने आगे कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति ने फैसला किया है कि जाति गणना को आगामी जनगणना में शामिल किया जाएगा.
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पीएसके/
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