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कांग्रेस पार्टी का रवैया संसदीय मर्यादा के खिलाफ : संजय निरुपम

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Mumbai , 21 अगस्त . शिवसेना प्रवक्ता संजय निरुपम ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा Lok Sabha में पेश किए गए तीन संविधान संशोधन विधेयकों का समर्थन करते हुए कांग्रेस पर तीखा हमला बोला.

संजय निरुपम ने कहा कि इन विधेयकों का उद्देश्य सार्वजनिक जीवन में नैतिकता और शुचिता लाना है, लेकिन कांग्रेस ने इनका विरोध करते हुए बिल की प्रतियां फाड़कर अपनी मानसिकता उजागर कर दी. नैतिकता की दुहाई देने वाली कांग्रेस का यह कृत्य उसकी दोहरी नीति को दर्शाता है.

संजय निरुपम ने कहा कि तीनों विधेयकों में प्रावधान है कि यदि कोई मंत्री, Chief Minister या प्रधानमंत्री किसी आपराधिक मामले में एक महीने से अधिक समय तक जेल में रहता है और उस पर पांच साल से अधिक की सजा संभावित है, तो उसे अपना पद छोड़ना होगा. यह विधेयक भ्रष्टाचार और अपराधीकरण पर लगाम लगाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है. कांग्रेस सांसद जिस तरह से इस बिल का विरोध कर रहे हैं, वो संसदीय मर्यादा के खिलाफ है. देश की राजनीति में नैतिकता और पारदर्शिता लाने के लिए सभी दलों को एकजुट होकर काम करना चाहिए.

कांग्रेस नेतृत्व पर निशाना साधते हुए संजय निरुपम ने तेलंगाना के Chief Minister सहित कांग्रेस के अन्य नेताओं के उस बयान की आलोचना की, जिसमें वे बार-बार राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाने की बात करते हैं.

उन्होंने कहा कि केवल नेताओं की इच्छा से कोई प्रधानमंत्री नहीं बन सकता. इसके लिए देश की जनता और मतदाताओं का समर्थन जरूरी है. यदि कांग्रेस अपना भविष्य संवारना चाहती है तो उसे जनता की भावनाओं को समझना होगा और उनकी अपेक्षाओं के अनुरूप काम करना होगा. बिना जनता का विश्वास हासिल किए कोई भी राजनीतिक दल या नेता सफल नहीं हो सकता.

निरुपम ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर की तारीफ करते हुए उन्हें भारतीय राजनीति का एक ‘एसेट’ बताया. उन्होंने कहा कि थरूर जैसे उत्कृष्ट वक्ता और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के जानकार जिस भी पार्टी में होंगे, उसका मान-सम्मान बढ़ाएंगे. निरुपम ने चेतावनी दी कि यदि कांग्रेस थरूर को किसी कारण से खो देती है, तो यह नुकसान कांग्रेस का होगा, न कि थरूर का.

उन्होंने कांग्रेस से आत्ममंथन करने की अपील करते हुए कहा कि पार्टी को यह तय करना होगा कि वह सम्मान के साथ आगे बढ़ना चाहती है या अहंकार में डूबी रहना चाहती है.

एकेएस/एबीएम

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