मुंबई, 1 मई . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को मुंबई के जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में पहले विश्व ऑडियो विजुअल एवं मनोरंजन शिखर सम्मेलन (वेव्स) का उद्घाटन किया. इसी के साथ भारतीय सिनेमा की पांच महान हस्तियों गुरुदत्त, पी. भानुमति, राज खोसला, ऋत्विक घटक और सलिल चौधरी पर स्मारक डाक टिकट जारी किया.
गुरु दत्त –
गुरु दत्त का असली नाम वसन्त कुमार शिवशंकर पादुकोणे था. उनका निधन 10 अक्टूबर, 1964 को हुआ. वह हिन्दी फिल्मों के मशहूर अभिनेता, निर्देशक और फिल्म निर्माता थे. उन्होंने 1950 और 1960 के दशक में कई शानदार फिल्में बनाईं, जिनमें ‘प्यासा’, ‘कागज के फूल’, ‘साहिब बीबी और गुलाम’ और ‘चौदहवीं का चांद’ जैसी फिल्में शामिल हैं. उन्हें ‘भारत का ऑर्सन वेल्स’ भी कहा जाता है. दरअसल, ऑर्सन वेल्स एक प्रसिद्ध अमेरिकी फिल्म डायरेक्टर, एक्टर, राइटर और प्रोड्यूसर थे. उन्हें 20वीं सदी के सबसे प्रभावशाली और क्रांतिकारी फिल्मकारों में गिना जाता है.
पी. भानुमति –
पी. भानुमति एक भारतीय अभिनेत्री, फिल्म निर्माता, निर्देशक, गायिका और संगीतकार थीं. 24 दिसंबर 2005 को उनका निधन हुआ था. 80 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली थी. उन्हें तेलुगू सिनेमा की पहली महिला सुपरस्टार माना जाता है. वह तेलुगू सिनेमा की पहली महिला निर्देशक भी रहीं. उन्होंने 1953 में ‘चंदीरानी’ बनाई. उन्होंने अपने करियर में तेलुगू और तमिल भाषाओं में 100 से ज्यादा फिल्मों में काम किया था. भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए उन्हें 2001 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया.
राज खोसला –
राज खोसला ने भारतीय सिनेमा को अलग दिशा दी. उनके आने से हिंदी सिनेमा में कई बड़े बदलाव आए. वह अपनी फिल्मों में अभिनेत्रियों को दमदार भूमिका देते थे. उन्होंने ‘सीआईडी’, ‘एक मुसाफिर’, ‘एक हसीना’, ‘वो कौन थी?’, ‘मेरा साया’, ‘दो रास्ते’, ‘मेरा गांव मेरा देश’, ‘मैं तुलसी तेरे आंगन की’, ‘दोस्ताना’ जैसी सुपरहिट फिल्में दीं. उन्होंने 9 जून 1991 को दुनिया को अलविदा कह दिया था.
ऋत्विक घटक –
ऋत्विक घटक जितने बेहतरीन निर्माताऔर मंझे हुए कलाकार थे, उतने ही पटकथा लेखन में भी माहिर थे. उन्होंने शेक्सपियर के ‘मैकबेथ’ का अनुवाद किया और उसे प्रस्तुत भी किया. उन्होंने भारतीय सिनेमा को बेहतरीन फिल्में दी थीं, जिनमें ‘मेघे ढाका तारा’, ‘कोमल गंधार ई फ्लैट’, ‘अजांत्रिक’, ‘सुवर्णरिखा’ समेत कई फिल्में शामिल हैं. उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर भी एक शॉर्ट फिल्म बनानी शुरू की थी, लेकिन वित्तीय परेशानियों के कारण यह अधूरी रह गई. उन्होंने 6 फरवरी 1976 को दुनिया को अलविदा कह दिया.
सलिल चौधरी –
सलिल चौधरी भारतीय संगीत निर्देशक, गीतकार, लेखक और कवि थे. उन्होंने बंगाली, गुजराती, हिंदी, मलयालम समेत 13 भाषाओं की फिल्मों के लिए संगीत तैयार किया. वह बांसुरी, पियानो और इसराज बेहद उम्दा बजाते थे. उन्हें ‘दो बीघा जमीन’ के लिए पहला फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ फिल्म पुरस्कार मिला. इसके अलावा, वह सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए पहला राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, सातवें कान फिल्म समारोह में प्रिक्स इंटरनेशनल पुरस्कार और कार्लोवी वैरी अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में सामाजिक प्रगति के पुरस्कार से सम्मानित किएगए. साल 1958 में आई फिल्म ‘मधुमती’ के लिए उन्हें फिल्मफेयर के सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक पुरस्कार के साथ-साथ आठ अन्य फिल्मफेयर पुरस्कार भी मिले. साल 1988 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और 1990 में महाराष्ट्र गौरव पुरस्कार मिला. वह 5 सितंबर 1995 को दुनिया को अलविदा कह गए.
–
पीके/एकेजे
The post first appeared on .
You may also like
Thunderstorms Sweep MP and Rajasthan, Drop Temperatures by 10°C; Flight Operations Disrupted in Delhi, Storm Alert Issued for 25 States
Pakistan Violates Ceasefire for 10th Consecutive Night Along LoC; Indian Army Responds Firmly
दिल्ली : हिरासत में ली गईं छह बांग्लादेशी महिलाएं, जल्द किया जाएगा डिपोर्ट
Brain Health: डिमेंशिया से बचना है तो तुरंत छोड़ दें ये 3 आदतें, दिमाग रहेगा हेल्दी
Inestment Tips: अब मिडिल क्लास लोग भी तेजी से कमा सकते हैं एक करोड़ रुपये. सिर्फ इस फॉर्मूले का करना होगा इस्तेमाल 〥