नई दिल्ली, 27 अप्रैल . एथर एनर्जी के इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (आईपीओ) का सब्सक्रिप्शन खुलने से इसके ग्रे मार्केट प्रीमियम (जीएमपी) में बड़ी गिरावट देखने को मिली है.
इन्वेस्टरगेनडॉटकॉम के अनुसार, एथर एनर्जी का जीएमपी वर्तमान में लगभग 3 रुपए है, जो इश्यू प्राइस से सिर्फ 0.93 प्रतिशत अधिक है.
22 अप्रैल को एथर एनर्जी के आईपीओ के ऐलान के समय जीएमपी करीब 17 रुपए था, जो अब गिरकर एकल अंक में आ गया है.
इलेक्ट्रिक दोपहिया कंपनी ने अपने आईपीओ के लिए 304-321 रुपए प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया है. निवेशकों को कम से कम 46 इक्विटी शेयरों के लिए आवेदन करना होगा.
एथर एनर्जी आईपीओ में 8.18 करोड़ शेयरों का फ्रैश इश्यू है, जिसकी वैल्यू 2,626 करोड़ रुपए है. वहीं, ऑफर ऑफ सेल (ओएफएस) 1.1 करोड़ शेयरों का है. इस पूरे इश्यू का साइज 2,981 करोड़ रुपए होगा.
इस आईपीओ में प्रमोटर तरुण संजय मेहता, स्वप्निल बबनलाल जैन और अन्य कॉर्पोरेट शेयरधारक ओएफएस के तहत अपनी हिस्सेदारी का कुछ हिस्सा बेचेंगे.
एथर एनर्जी के मुताबिक, आईपीओ के जरिए जुटाई गई रकम का इस्तेमाल महाराष्ट्र में एक नया इलेक्ट्रिक दोपहिया मैन्युफैक्चरिंग प्लांट बनाने और अपने मौजूदा कर्ज को कम करने में करने के लिए किया जाएगा.
अगर इश्यू प्राइस प्राइस बैंड के ऊपरी छोर पर तय होता है, तो कंपनी का मूल्यांकन करीब 11,956 करोड़ रुपए है.
कंपनी ने आईपीओ से प्राप्त राशि में से 750 करोड़ रुपए अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) के लिए आवंटित करने की योजना बनाई है. हालांकि, एथर ने माना कि इस बात की कोई निश्चितता नहीं है कि इस निवेश से सफल परिणाम प्राप्त होंगे.
एथर का कारोबार मुख्य रूप से दक्षिण भारत में केंद्रित है.
कंपनी के रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (आरएचपी) के मुताबिक, एथर एनर्जी घाटे में चल रही है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में, एथर एनर्जी ने 1,059.7 करोड़ रुपए का कर-पूर्व घाटा दर्ज किया, जो वित्त वर्ष 23 में 864.5 करोड़ रुपए और वित्त वर्ष 22 में 344.1 करोड़ रुपए था.
वित्त वर्ष 24 में कंपनी की आय 1,753.8 करोड़ रुपए थी, जो वित्त वर्ष 23 में दर्ज 1,780.9 करोड़ रुपए से थोड़ा कम थी.
कंपनी को भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में भी कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है, जिससे इसकी मूल्य निर्धारण क्षमता पर दबाव पड़ सकता है और प्रॉफिट मार्जिन भी कम हो सकता है.
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एबीएस/
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