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कॉमनवेल्थ गेम्स से हॉकी को बाहर करने पर खेल के भविष्य पर कोई असर नहीं पड़ेगा : एफआईएच

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मुंबई, 22 अक्टूबर . अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) ने ग्लासगो में 2026 में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स से हॉकी को बाहर रखे जाने पर अफसोस जताया है, लेकिन यह साफ कर दिया गया है कि यह निर्णय सही नहीं है और यह फेरबदल केवल इसी संस्करण से संबंधित है.

बढ़ती लागत के कारण 2026 राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी से ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया राज्य के पीछे हटने के बाद ग्लासगो ने मोर्चा संभाला है.

ग्लासगो, जिसने 2014 में राष्ट्रमंडल खेलों की सफलतापूर्वक मेजबानी की थी, ने मंगलवार को बताया कि वह 2026 में केवल 10 प्रमुख खेलों की मेजबानी करेगा जिसमें हॉकी, बैडमिंटन, कुश्ती और स्क्वैश जैसे प्रमुख खेलों को हटा दिया जाएगा.

इस संबंध में एफआईएच ने कहा कि कॉमनवेल्थ गेम्स महासंघ (सीजीएफ) ने पुष्टि की है कि हॉकी उसके लिए एक महत्वपूर्ण खेल बना हुआ है.

हालांकि राष्ट्रमंडल खेल महासंघ को विक्टोरियन सरकार के हटने के बाद 2026 खेलों के लिए एक नए मेजबान की पुष्टि करनी थी. हमने इस बात पर ध्यान दिया है कि 2026 के लिए नई अवधारणा को छोटा कर दिया गया है, जिसमें केवल 10 खेलों की मुख्य पेशकश की गई है. हम 2026 ग्लासगो राष्ट्रमंडल खेलों के कार्यक्रम में हॉकी को शामिल न करने के सीजीएफ के निर्णय से और भी अधिक निराश हैं.

लेकिन 2026 में राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन की संभावना नहीं होने से भारत, मलेशिया और पाकिस्तान की टीमों पर दबाव कम होगा और वे अब विश्व कप और एशियाई खेलों पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे. एशियाई खेल बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह अगले ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाइंग इवेंट है.

इससे 2022 में भारतीय महिला टीम के सामने आने वाली स्थिति से बचने में मदद मिलेगी, जब उसने 15 दिनों के अंतराल में विश्व कप और राष्ट्रमंडल खेल खेले थे.

एएमजे/आरआर

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