रुद्रप्रयाग। द्वादश ज्योतिर्लिंगों में प्रमुख भगवान केदारनाथ धाम के कपाट आज भैयादूज के पावन पर्व पर विधिवत पूजा-अर्चना के बाद शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए।LIVE: श्री केदारनाथ धाम में पूजा-अर्चना करते हुए
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) October 23, 2025
https://t.co/5OsdYrvnCP
सुबह 8:30 बजे मंदिर के मुख्य द्वार परंपरागत मंत्रोच्चार और वैदिक विधि के साथ बंद किए गए। इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी उपस्थित रहे और उन्होंने बाबा केदार के दर्शन कर देश और प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की।
भक्तिमय वातावरण में हुआ कपाट बंद होने का समारोह
कपाट बंद होने से पूर्व आज तड़के सुबह 4 बजे से 6 बजे तक बाबा केदार के स्वयंभू शिवलिंग की समाधि पूजन की गई। इसके उपरांत सुबह 6 बजे गर्भगृह के कपाट बंद किए गए और ठीक 8:30 बजे पंचमुखी चल विग्रह बाबा केदारनाथ की उत्सव डोली मंदिर प्रांगण से बाहर निकली।
डोली ने मंदिर की परिक्रमा कर भक्तों का आशीर्वाद दिया और इसके बाद अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर के लिए प्रस्थान किया।
तीन दिनों की पैदल यात्रा
परंपरा के अनुसार बाबा केदार की डोली अब तीन दिनों की पैदल यात्रा पर रहेगी।
आज डोली रामपुर में पहला रात्रि प्रवास करेगी, जबकि कल यह गुप्तकाशी पहुंचेगी।
25 अक्टूबर को डोली अपने गंतव्य ओंकारेश्वर मंदिर, ऊखीमठ पहुंचेगी, जहाँ शीतकाल के दौरान भक्त बाबा केदार के दर्शन कर सकेंगे।
चारधाम यात्रा का समापन चरणLIVE: श्री केदारनाथ धाम में कपाट बंद होने से पूर्व संध्या आरती दर्शन
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) October 22, 2025
https://t.co/jcleFu398n
इस वर्ष चारधाम यात्रा का शुभारंभ 30 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने से हुआ था।
केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई को खोले गए थे, जबकि बदरीनाथ धाम 4 मई को श्रद्धालुओं के लिए खुला।
अब जब केदारनाथ धाम के कपाट बंद हो गए हैं, तो चारधाम यात्रा अपने समापन की ओर अग्रसर है।
चारधाम कपाट बंद होने की तिथियाँ
—गंगोत्री धाम: 22 अक्टूबर, सुबह 11:36 बजे
—केदारनाथ धाम: 23 अक्टूबर, सुबह 8:30 बजे
—यमुनोत्री धाम: 23 अक्टूबर, दोपहर 12:30 बजे
—बदरीनाथ धाम: 25 नवंबर को बंद किए जाएंगे
भक्तों की भावनाओं से गूंजा धाम
कपाट बंद होने के अवसर पर केदारनाथ धाम भक्तों की भावनाओं से गूंज उठा।
हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के जयकारों के बीच भावभीनी विदाई दी।
भक्तों का कहना था कि “बाबा अब शीतकालीन विश्राम पर जा रहे हैं, लेकिन श्रद्धा का दीप हर हृदय में जलता रहेगा।”
शीतकाल में ऊखीमठ बनेगा आस्था का केंद्र
अब पूरे छह महीनों तक भगवान केदारनाथ की पूजा-अर्चना ऊखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में होगी।
यही बाबा केदार की शीतकालीन गद्दीस्थली है, जहाँ उत्तराखंड और देशभर से श्रद्धालु आकर दर्शन का पुण्य प्राप्त करते हैं।
You may also like

RRB NTPC Vacancy 2025: रेलवे ने निकाली 12वीं पास के लिए एनटीपीसी भर्ती, 3000+ पदों के लिए इस दिन से भरें फॉर्म

आईटीबीपी का 64वां स्थापना दिवस, अमित शाह और मनोज सिन्हा ने दीं शुभकामनाएं

इसराइल के मंत्री ने कहा- 'सऊदी के लोग ऊंट की सवारी करें', विवाद के बाद मांगी माफ़ी

Rajasthan Weather: राजस्थान में सर्दी की शुरुआत से पहले बारिश की दस्तक, IMD ने जारी किया 4 दिन का अलर्ट

Investment Tips: सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने कैसे पांच साल में ₹31 करोड़ का फंड बनाया, सीए से समझिए निवेश की रणनीति




