अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वैश्विक व्यापार जगत को चौंकाते हुए 68 देशों पर भारी टैरिफ लगाने के आदेश पर दस्तखत कर दिए हैं। इन नए रेसिप्रोकल टैरिफ (प्रतिस्पर्धी शुल्क) की दरें 10% से लेकर 41% तक होंगी, जो अगले सात दिनों में प्रभाव में आ जाएंगी। भारत के खिलाफ 25% टैरिफ तय किया गया है, जबकि ताइवान को 20% और दक्षिण अफ्रीका को 30% टैरिफ की मार झेलनी होगी।
व्यापारिक संबंधों पर संकट की तलवार
यह निर्णय केवल आर्थिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि कूटनीतिक संबंधों की दृष्टि से भी एक बड़ा झटका है। अमेरिका के पारंपरिक व्यापारिक सहयोगी भी इस सूची में शामिल हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि राष्ट्रपति ट्रंप का रुख अब पूरी तरह "अमेरिका फर्स्ट" की नीति पर केंद्रित हो गया है।
कब से लागू होगा फैसला?
राष्ट्रपति ट्रंप ने इससे पहले ही यह स्पष्ट कर दिया था कि अगस्त की शुरुआत में नई शुल्क दरें लागू कर दी जाएंगी। हालाँकि, नए आदेश में यह उल्लेख है कि आदेश के 7 दिन बाद से यह टैरिफ प्रभावी माने जाएंगे। इस निर्णय में उन सभी 68 देशों के नाम शामिल हैं, जिन पर भारी शुल्क लगाया जा रहा है। और जिन देशों का नाम सूची में नहीं है, उन्हें भी 10% बेसिक टैरिफ का सामना करना पड़ेगा।
कनाडा पर अलग सख्ती
इस टैरिफ नीति के तहत कनाडा को भी नहीं बख्शा गया है। पहले तय किए गए 25% शुल्क को बढ़ाकर 35% कर दिया गया है। यह निर्णय 1 अगस्त से लागू माना जाएगा। ट्रंप ने कनाडा पर अमेरिका की सुरक्षा और अवैध गतिविधियों को लेकर गैर-जिम्मेदाराना रवैये का आरोप लगाते हुए यह कदम उठाया है। हालांकि, यह टैरिफ यूएसएमसीए (USMCA) यानी अमेरिका-मेक्सिको-कनाडा फ्री ट्रेड एग्रीमेंट में शामिल वस्तुओं पर लागू नहीं होगा।
अमेरिकी प्रशासन का तर्क
व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बयान दिया कि अमेरिका के साथ व्यापार असंतुलन और विभिन्न क्षेत्रों में असमान व्यावसायिक व्यवहार के कारण यह निर्णय अनिवार्य हो गया था। यह एक स्पष्ट संदेश है कि अमेरिका अब अनुचित व्यापार नियमों को बर्दाश्त नहीं करेगा।
किस देश पर कितना शुल्क लगा है? (टैरिफ की पूरी सूची)
25% टैरिफ: भारत, कजाखस्तान, मोल्दोवा, ट्यूनीशिया
30% टैरिफ: अल्जीरिया, बोसनिया, लीबिया, दक्षिण अफ्रीका
35% टैरिफ: इराक, सर्बिया, कनाडा
40% टैरिफ: लाओस, म्यांमार
41% टैरिफ: सीरिया
20% टैरिफ: बांग्लादेश, श्रीलंका, ताइवान, वियतनाम
19% टैरिफ: कंबोडिया, इंडोनेशिया, मलेशिया, पाकिस्तान, फिलीपीन्स, थाईलैंड
15% टैरिफ: अफगानिस्तान, अंगोला, बोलीविया, बोत्सवाना, कैमरून, चाड, कोस्टा रिका, कॉन्गो, इक्वाडोर, फिजी, घाना, गुयाना, आइसलैंड, इजरायल, जापान, जोर्डन, लेसोथो, लिकटेंस्टीन, मेडागास्कर, मलावी, मॉरिशस, मोज़ाम्बिक, नामीबिया, न्यूज़ीलैंड, नाइजीरिया, नॉर्वे, पपुआ न्यू गिनी, त्रिनिदाद, यूगांडा, वानुआतु, वेनेजुएला, जांबिया, जिम्बॉब्वे
18% टैरिफ: निकारागुआ
10% टैरिफ: ब्राज़ील, ब्रुनेई, फॉकलैंड आइलैंड, यूनाइटेड किंगडम, अन्य सभी देश जो सूचीबद्ध नहीं हैं
अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर असर
ट्रंप सरकार की यह नई नीति अंतरराष्ट्रीय बाजार में हलचल मचाने के लिए काफी है। भारत जैसे देशों के लिए यह निर्णय जहां निर्यात पर चोट पहुंचा सकता है, वहीं दक्षिण एशियाई देशों के लिए यह नए व्यापार समझौतों की राह मुश्किल बना सकता है। साथ ही यह देखना दिलचस्प होगा कि विश्व व्यापार संगठन (WTO) इस पर क्या रुख अपनाता है।
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