अमेरिकी अदालत के हालिया फैसले ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नींद उड़ा दी है। अदालत ने ट्रंप प्रशासन के दौरान लगाए गए कई टैरिफ को अधिकारों का दुरुपयोग मानते हुए अवैध करार दिया। इस फैसले के बाद ट्रंप भड़क उठे और सोशल मीडिया पर खुलकर अपनी नाराजगी जताई। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर टैरिफ हटा दिए गए तो अमेरिका आर्थिक रूप से तबाह हो जाएगा और उसकी सैन्य शक्ति भी टिक नहीं पाएगी। रविवार को ट्रंप ने अपने प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर पोस्ट कर फैसले को “रैडिकल लेफ्ट जजों” की साजिश बताया। उन्होंने यह भी कहा कि फैसला 7-4 के बहुमत से आया है, जिसमें एक जज डेमोक्रेट और ओबामा द्वारा नियुक्त थे। ट्रंप ने उस जज के वोट को “साहसी” और “देश को बचाने वाला” करार दिया।
ट्रंप का दावा – टैरिफ से बची अमेरिकी अर्थव्यवस्था
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने बयान में लिखा, “अगर हमने टैरिफ लागू नहीं किए होते, तो अमेरिका अब तक खरबों डॉलर का नुकसान उठा चुका होता। बिना टैरिफ हमारी सेना की ताकत भी तुरंत खत्म हो जाती और देश बर्बाद हो जाता।”
गौरतलब है कि 29 अगस्त को अमेरिकी कोर्ट ऑफ अपील्स फॉर द फेडरल सर्किट ने यह फैसला सुनाया। अदालत ने ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए ज्यादातर टैरिफ को अवैध करार देते हुए कहा कि इनका आधार इंटरनेशनल इमरजेंसी इकनॉमिक पावर्स एक्ट (IEEPA) था, जबकि इस कानून में टैरिफ लगाने की कोई स्पष्ट शक्ति राष्ट्रपति को नहीं दी गई है। अदालत ने साफ किया कि टैरिफ तय करने का अधिकार केवल कांग्रेस के पास है।
फैसले के पीछे अदालत की दलील
कोर्ट ने माना कि ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ का मकसद वैश्विक व्यापार घाटे को संतुलित करना और फेंटानिल जैसी खतरनाक दवाओं की तस्करी रोकना था। लेकिन अदालत के अनुसार ये स्थितियां IEEPA में बताई गई “असामान्य और असाधारण खतरे” की परिभाषा में नहीं आतीं। इसलिए ट्रंप के फैसले कानूनी दायरे से बाहर थे।
हालांकि, अदालत ने टैरिफ को तुरंत समाप्त करने का आदेश नहीं दिया। इन्हें 14 अक्टूबर तक लागू रहने की अनुमति दी गई है, ताकि ट्रंप प्रशासन इस बीच सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सके। ट्रंप को उम्मीद है कि सर्वोच्च न्यायालय उनके पक्ष में फैसला देगा।
ट्रंप की प्रतिक्रिया और आगे की राह
ट्रंप ने इस निर्णय को “बेहद पक्षपातपूर्ण और देशविरोधी” बताया। उन्होंने दावा किया कि अगर यह फैसला कायम रहता है, तो अमेरिका की आर्थिक और सैन्य ताकत पर गहरा असर पड़ेगा। साथ ही उन्होंने अपने समर्थकों से अपील की कि वे इस लड़ाई में उनका साथ दें।
ध्यान देने वाली बात यह है कि यह फैसला केवल उन टैरिफ पर लागू होता है जो IEEPA के तहत लगाए गए थे। स्टील और एल्यूमिनियम जैसे अन्य टैरिफ, जो अलग कानूनी प्रावधानों के आधार पर लगाए गए थे, इस फैसले से प्रभावित नहीं होंगे।
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