नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत के रूस से तेल आयात को लेकर दिए गए बयान पर सियासी भूचाल आ गया है। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा निशाना साधते हुए सवाल उठाया है कि जब भी ट्रंप कोई बड़ा दावा करते हैं, तब प्रधानमंत्री चुप क्यों हो जाते हैं।#WATCH | Delhi | On US President Trump’s statement over purchase of Russian oil by India, Congress MP Jairam Ramesh says, "In the last four to five months, President Trump has claimed 52 times that he stopped Operation Sindoor. He met with Pakistan's Prime Minister twice, yet our… pic.twitter.com/Fe1UvgjbJF
— ANI (@ANI) October 18, 2025
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और संचार प्रभारी जयराम रमेश ने शनिवार को एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप बार-बार यह कह रहे हैं कि उनके 'अच्छे दोस्त' नरेंद्र मोदी ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि भारत रूस से तेल आयात बंद कर देगा। लेकिन जब भी ट्रंप यह दावा करते हैं कि उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ रुकवा दिया या भारत तेल आयात बंद कर देगा, तब हमारे प्रधानमंत्री अचानक मौनी बाबा बन जाते हैं।”
कांग्रेस ने लगाया 'भयभीत होने' का आरोप
कांग्रेस का कहना है कि यह पहला मौका नहीं है जब पीएम मोदी ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर चुप्पी साधी हो। पार्टी का आरोप है कि प्रधानमंत्री ट्रंप से भयभीत नजर आते हैं और देश की विदेश नीति जैसे महत्वपूर्ण मामलों पर भी अमेरिका की मनमानी चल रही है।
इससे पहले कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री ने कई अहम राष्ट्रीय फैसले अमेरिका को 'आउटसोर्स' कर दिए हैं, जो देश की संप्रभुता और विदेश नीति के लिए खतरे की घंटी है।
तेल आयात को लेकर भारत की सफाई
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने इस हफ्ते दो बार यह दावा किया कि भारत रूस से कच्चे तेल की खरीद बंद कर देगा। इसके कुछ घंटों बाद भारत सरकार की तरफ से विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि
“भारत की ऊर्जा नीति पूरी तरह राष्ट्रीय हित से निर्देशित है। अस्थिर वैश्विक ऊर्जा परिदृश्य में भारतीय उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।”
भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि वह ऊर्जा स्रोतों का व्यापक और विविधीकरण कर रहा है, ताकि वैश्विक बाजारों में बदलावों का प्रभाव न्यूनतम हो।
अमेरिका का दबाव और भारत का जवाब
वाशिंगटन का यह भी कहना है कि भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल की खरीद से रूस को यूक्रेन युद्ध के लिए आर्थिक मदद मिल रही है। इसी वजह से अमेरिका ने भारत पर रूसी कच्चे तेल के आयात पर 25% अतिरिक्त टैरिफ भी लगाया है। इस पर भारत ने प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिकी रुख को “अनुचित और अविवेकपूर्ण” बताया।
चीन के साथ व्यापार घाटा भी कांग्रेस के निशाने पर
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्रंप के बयानों के बीच भारत-चीन व्यापार घाटे का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि अप्रैल से सितंबर 2025 के बीच भारत का चीन के साथ व्यापार घाटा बढ़कर 54.4 बिलियन डॉलर पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में कहीं अधिक है। उनका तर्क है कि सरकार न तो रूस नीति पर स्पष्ट है और न ही चीन से आर्थिक संबंधों पर।
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