भोपाल: किसानों को उपज की सही तौल मिले इसके लिए मध्य प्रदेश की मंडियों में सरकार डिजिटल नवाचार कर रही है। मंडियों में तौल-कांटे से तौल की जानकारी ई-अनुज्ञा पोर्टल पर दर्ज होगी। इसके लिए तौल-कांटों को ई-अनुज्ञा पोर्टल से लिंक करने की तैयारी की जा रही है। राज्य मंडी बोर्ड ने तौल-कांटे से तौल की मात्रा को स्वचालित रूप से ई-अनुज्ञा पोर्टल पर दर्ज करने की तैयारी शुरू कर दी है।दरअसल, एमपी की मोहन सरकार का लक्ष्य है कि मंडियों में किसान अपनी फसल बेचने आते हैं तो उन्हे बिना भ्रष्टाचार के सही दाम मिले। अभी वहां तौल-कांटे से तौल की एकदम सटीक जानकारी सामने नहीं आती। कई बार किसान आरोप लगाते हैं कि फसल का वजन सही तरीके से नहीं हो पाया है। इसको ध्यान में रखते हुए नए सिस्टम के तहत ऑटोमेटिक ढंग से मंडी बोर्ड के ई-अनुज्ञा पोर्टल पर वजन दर्ज होने से किसानों को उनकी उपज के सही तौल का भुगतान मिलना संभव हो सकेगा। एमपी में 259 कृषि उपज मंडियांव्यापारी द्वारा मंडी से उठाई कृषि उपज की सही मात्रा भी प्रदर्शित होगी। गौरतलब है कि प्रदेश में 259 कृषि उपज मंडियां और 298 उप मंडियां हैं। इसके लिए मंडी बोर्ड ने चार सदस्यीय समिति की गठित की है। इस समिति में मंडी बोर्ड के संयुक्त संचालक (नियमन), उप संचालक (प्रांगण), कार्यपालन यंत्री मुख्यालय एवं चीफ प्रोग्रामर आईटी नियुक्त किए गए हैं। समिति करेगी तौल-कांटों को लिंक करने का कामअब यह समिति तौल-कांटों को ई-अनुज्ञा पोर्टल से लिंक करने के संबंध में उपलब्ध तकनीक का अध्ययन करेगी और प्रदेश की मंडी समितियों में क्रियान्वयन के लिए प्रक्रिया का निर्धारण करने की कार्रवाई का प्रतिवेदन 15 दिन के अंदर प्रस्तुत करेगी। इस रिपोर्ट के विश्लेषण के बाद नई व्यवस्था प्रारंभी कर दी जाएगी।
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