शैलेंद्र पांडेय: 'ठंडे-ठंडे पानी से नहाना चाहिए, गाना आए या न आए, गाना चाहिए'... 1978 में रिलीज से लेकर अभी तक, इस गाने ने कई पीढ़ियों में सुबह ठंडे पानी से नहाने का हौसला भरने की कोशिश की है। इसे अनगिनत कामयाबी भी मिली। न जाने कितने लोग इस गाने को गुनगुनाते हुए ठंडे पानी को गले लगा बैठे। लेकिन, हर बात की एक हद होती है - हौसले और हिम्मत की भी। कहीं तो इसका साथ छूटना ही है, और वह समय बहुत नजदीक है।
मौसम जिस तरह बदल रहा है, अगले कुछ हफ्तों बाद कुहासे में लिपटी सुबह को देखते हुए ठंडे पानी से नहाने की हिम्मत शायद ही पड़े और तब हो सकता है कि यह गाना भी काम न आए। उस सूरत में गाने को बदलने और ठंडे पानी को गर्म करने में हर्ज नहीं। सर्दियों में गर्म पानी का अहसास किसी अपने की गर्माहट भरी छुअन जैसा है, जैसे किसी मुश्किल में कोई कंधे पर हाथ रख आपमें भरोसा जताए, जैसे कोई हाथ पकड़ रास्ता दिखाए। सर्दियों में नहाना वाकई एक मुश्किल ही तो है!
रजाई से बाहर निकलते ही हमला शुरू हो जाता है ठंड का। बिस्तर से मिली गर्मी को हवाएं पल भर में चुरा लेती हैं। बाहर की धुंध और भी कठिन बना देती है किसी फैसले तक पहुंचना। इस माहौल में गर्म पानी ही लगता है पक्के दोस्त की तरह। उसे हमारे हिचक की वजह पता है। वह समझता है हमारे डर को, हमें चिढ़ाता नहीं। वैसे भी मेडिकल साइंस के मुताबिक, सर्दियों में गर्म पानी से नहाने के बहुत फायदे हैं। इससे मांसपेशियां रिलैक्स होती हैं, तनाव घट जाता है, ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और मूड बेहतर होता है।
गर्म पानी से नहाना खुद को जानना भी है।
कुछ वक्त के लिए दीन-दुनिया से बेखबर कर देती है पानी की सोहबत। उसकी गर्मी सुरक्षित महसूस कराती है। शरीर से उठती भाप संग गोया मन भी हल्का होकर ऊपर उठने लगता है। फिर से साइंस का सहारा लें, तो नहाने के बाद शरीर में एंडॉर्फिन नाम के हार्मोन निकलते हैं, जो हमें खुशी और सुकून का एहसास कराते हैं। उस समय की ताजगी और चमक सिर्फ शरीर की नहीं होती, उसका नाता है दिल से। जब शुरुआत इस तरह से हो जाए, तो बाकी दिन भी अच्छा गुजरता है।
ठंड में ठंडे पानी में हड़बड़ी है। उसे यह काम जल्दी निपटाना है, लेकिन गर्म पानी संग नहाना कोई काम नहीं, एक कला है। यहां जल्दबाजी नहीं, ठहराव है। गर्म पानी कहता है कि अपने लिए भी वक्त निकालिए, थोड़ा रुकिए, हर बूंद को महसूस कीजिए। रिश्तों की वह गर्माहट है गर्म पानी, जिस पर किसी मौसम की मार नहीं पड़ती।
मौसम जिस तरह बदल रहा है, अगले कुछ हफ्तों बाद कुहासे में लिपटी सुबह को देखते हुए ठंडे पानी से नहाने की हिम्मत शायद ही पड़े और तब हो सकता है कि यह गाना भी काम न आए। उस सूरत में गाने को बदलने और ठंडे पानी को गर्म करने में हर्ज नहीं। सर्दियों में गर्म पानी का अहसास किसी अपने की गर्माहट भरी छुअन जैसा है, जैसे किसी मुश्किल में कोई कंधे पर हाथ रख आपमें भरोसा जताए, जैसे कोई हाथ पकड़ रास्ता दिखाए। सर्दियों में नहाना वाकई एक मुश्किल ही तो है!
रजाई से बाहर निकलते ही हमला शुरू हो जाता है ठंड का। बिस्तर से मिली गर्मी को हवाएं पल भर में चुरा लेती हैं। बाहर की धुंध और भी कठिन बना देती है किसी फैसले तक पहुंचना। इस माहौल में गर्म पानी ही लगता है पक्के दोस्त की तरह। उसे हमारे हिचक की वजह पता है। वह समझता है हमारे डर को, हमें चिढ़ाता नहीं। वैसे भी मेडिकल साइंस के मुताबिक, सर्दियों में गर्म पानी से नहाने के बहुत फायदे हैं। इससे मांसपेशियां रिलैक्स होती हैं, तनाव घट जाता है, ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और मूड बेहतर होता है।
गर्म पानी से नहाना खुद को जानना भी है।
कुछ वक्त के लिए दीन-दुनिया से बेखबर कर देती है पानी की सोहबत। उसकी गर्मी सुरक्षित महसूस कराती है। शरीर से उठती भाप संग गोया मन भी हल्का होकर ऊपर उठने लगता है। फिर से साइंस का सहारा लें, तो नहाने के बाद शरीर में एंडॉर्फिन नाम के हार्मोन निकलते हैं, जो हमें खुशी और सुकून का एहसास कराते हैं। उस समय की ताजगी और चमक सिर्फ शरीर की नहीं होती, उसका नाता है दिल से। जब शुरुआत इस तरह से हो जाए, तो बाकी दिन भी अच्छा गुजरता है।
ठंड में ठंडे पानी में हड़बड़ी है। उसे यह काम जल्दी निपटाना है, लेकिन गर्म पानी संग नहाना कोई काम नहीं, एक कला है। यहां जल्दबाजी नहीं, ठहराव है। गर्म पानी कहता है कि अपने लिए भी वक्त निकालिए, थोड़ा रुकिए, हर बूंद को महसूस कीजिए। रिश्तों की वह गर्माहट है गर्म पानी, जिस पर किसी मौसम की मार नहीं पड़ती।
You may also like

एंटोनियो नेटो ने अंगोला के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई : राष्ट्रपति मुर्मू

किशोर परˈ आया दो बच्चों की माँ का दिल, फ़िर हुआ कुछ ऐसा कि कहना पड़ा प्यार सचमुच अंधा होता है…﹒

दिल्ली विस्फोट के बाद केरल में हाई अलर्ट, डीजीपी ने सुरक्षा कड़ी करने के आदेश दिए

रात कोˈ सिरहाने रख दें सिर्फ एक प्याज और देखें कमाल वैज्ञानिक भी मान गए इसके जबरदस्त फायदे जानिए कौन-कौन सी बीमारियाँ होंगी छूमंतर﹒

ओडिशा विधानसभा का शीतकालीन सत्र 27 नवंबर को राष्ट्रपति मुर्मू के अभिभाषण के साथ शुरू होगा




