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अमेरिका में अभी पढ़ने जाना क्यों होगा बेस्ट? जानें कैसे छात्रों के लिए नौकरी पाना पहले से ज्यादा आसान

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US H-1B For Students: अमेरिका के इमिग्रेशन सिस्टम में पिछले महीने एक बड़ा बदलाव हुआ, जिसका सबसे ज्यादा फायदा यहां पढ़ने वाले विदेशी छात्रों को मिलेगा। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने बताया कि 2026 से अगर कोई अमेरिकी कंपनी विदेशी वर्कर्स को H-1B वीजा के लिए स्पांसर करेगी, तो उसे 1 लाख डॉलर (लगभग 88 लाख रुपये) की नई फीस देनी होगी। लेकिन जो विदेशी स्टूडेंट्स पहले से ही F-1 वीजा पर अमेरिका में हैं, उन्हें स्पांसर करने पर ये नई बढ़ी हुई फीस नहीं देनी होगी।

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इस नए नियम का काफी बड़ा असर दिखेगा। अमेरिका को हायर एजुकेशन के लिए चुनने वाले हजारों विदेशी छात्रों के लिए क्लासरूम से ही जॉब पाने का रास्ता खुल चुका है। बदलाव के बाद अमेरिकी कंपनियां उन विदेशी स्टूडेंट्स को हायर करने में दिलचस्पी दिखाएंगी, जो पहले से ही अमेरिका में हैं। उनके लिए विदेश से वर्कर को हायर करना महंगा होगा, जिस वजह से वे अमेरिका में डिग्री लेने वाले विदेशी छात्रों को नौकरी पर रखने में प्राथमिकता दिखाएंगी। इससे छात्रों के लिए जॉब पाना आसान होगा।

किस तरह मिलेगी जॉब?


अब यहां सबसे बड़ा सवाल ये है कि F-1 वीजा पर पढ़ रहे विदेशी छात्रों को जॉब किस तरह मिलेगी। इसका जवाब ये है कि सबसे पहले स्टूडेंट्स को डिग्री खत्म करने के बाद ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग ( OPT) पर शिफ्ट होना है। OPT के जरिए स्टूडेंट्स को एक साल तक अमेरिका में जॉब की इजाजत होती है। अगर किसी ने 'साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग या मैथ्स' (STEM) की पढ़ाई की है, तो फिर उन्हें तीन साल तक जॉब की इजाजत मिलती है। OPT पर बहुत ही कंपनियां विदेशी छात्रों को हायर करती हैं।

हालांकि, पहले ये देखा गया है कि ज्यादातर कंपनियां विदेशी छात्रों को नौकरी देने से बचती रही हैं, क्योंकि उन्हें वीजा को लेकर अनिश्चितता महसूस होती है। मगर H-1B वीजा की बढ़ी फीस की वजह से हालात बदल गए हैं। विदेश से किसी वर्कर को लाने पर बड़ा पैसा खर्च करना पड़ेगा, जबकि उसकी जगह विदेशी छात्रों को नौकरी देने पर कुछ सौ डॉलर ही खर्च होंगे। इस तरह OPT पर एक साल तक जॉब करने के बाद स्टूडेंट्स को कंपनी से H-1B वीजा स्पांसरशिप के बारे में बात करनी चाहिए।

टेक और इंजीनियरिंग सेक्टर में काम कर रहीं अमेरिकी कंपनियों के लिए तो विदेशी छात्रों को हायर करना ज्यादा किफायती है। विदेश से हायरिंग पर 1 लाख डॉलर खर्च करने के बजाय उनके लिए उन स्टूडेंट्स को हायर करना ज्यादा सस्ता है, जो पहले से ही उनके यहां OPT पर जॉब कर रहे हैं। ज्यादातर कंपनियां अब बदलाव को अपनाने के लिए तैयार हैं, जिसका फायदा सीधे स्टूडेंट्स को मिलेगा। उन्हें कंपनियां OPT के दौरान नौकरी के लिए टेस्ट करेंगी और फिर अच्छी परफॉर्मेंस पर H-1B वीजा दे देंगी।
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