पटनाः सत्ता पलट कर सत्ता पर जनसुराज को काबिज कराने वाले जनसुराज के नायक प्रशांत किशोर की भूमिका अब बदल गई है। इस नई भूमिका का चेहरा या तो भविष्यवक्ता का लगता है या फिर राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के धुर विरोधी का। लगभग दो साल के कालखंड में बड़ा बदलाव यह दिख रहा है कि अब प्रशांत किशोर को लगता है कि जनसुराज में फिलवक्त सत्ता पलटने का दम खम नहीं है। पर इतना विश्वास है कि अब बतौर मुख्यमंत्री सत्ता मेंनीतीश कुमार नहीं रहेंगे। पहले जानते हैं कि प्रशांत किशोर कहते क्या है और क्यों ऐसा कह रहे हैं?
एंटी इनकम्बेंसी डुबो देगी नीतीश की लुटिया
जनसुराज के नायक प्रशांत किशोर ने एक मीडिया को साक्षात्कार देने के क्रम में कहा कि राज्य में बदलाव तो तय है लेकिन वह जनसुराज ही होगा इसकी गारंटी नहीं है। बिहार विधानसभा चुनाव के बाद बिहार में सत्ता का बदलना तय है। नीतीश कुमार नवंबर के बाद मुख्यमंत्री इसलिए नहीं रहेंगे कि बिहार में बदलाव के लिए 60 फीसदी से ज्यादा जनता तैयार बैठी हुई है। बिहार में लोगों को इतनी परेशानी है कि इसके बाद एंटी इनकम्बेंसी ना हो यह संभव नहीं है। इसका असर यह होगा कि बिहार में नया मुख्यमंत्री बनेगा। पर कौन बनेगा यह तीन चार माह बाद पता चलेगा।
उदय और प्रशांत के निशाने पर नीतीश
जनसुराज पार्टी के सक्रिय राजनीति में होने की बात जब चल पड़ी थी तब यह जानने की कोशिश भी हुईं थी कि प्रशांत किशोर के पीछे कौन? काफी दिनों तक इसे नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर के बीच अनबन से उपजी राजनीति का एक हिस्सा मान रहे थे। लेकिन प्रशांत किशोर के लक्जरी वैनिटी वाहन पर जब सरकारी तंत्र की नजर पड़ी तब इस रहस्य से पर्दा उठा। तब राजनीति के गलियारे में एक बार फिर उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह के नाम की चर्चा शुरू हुई।
कौन हैं उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह
उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह भाजपा की टिकट पर वर्ष 2004 और 2009 में पूर्णिया लोकसभा से चुनाव लड़े और दोनों ही बार सांसद बने। लेकिन वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार ने यह सीट हथिया ली। और यहां से जदयू के संतोष कुशवाहा ने खम ठोका और जीत हासिल की। यही से पूर्णिया के पूर्व संसद उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह की अदावत शुरू हुई। 2019 में उदय सिंह ने भाजपा भी छोड़ा। और चर्चा तो यह भी है कि वर्ष 2024 की लोकसभा चुनाव में उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह ने नीतीश कुमार के प्रिय संतोष कुशवाहा को हराने में पप्पू यादव की मदद भी की।
नीतीश विरोध ने बनाई पीके और उदय की जोड़ी
जनसुराज पार्टी के निर्माण के पहले रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने नीतीश नीत सरकार की असफलता को घूम घूम कर जनता के बीच परोसा। जनता का मूड एंटी इनकंबेसी की तरफ ले जाने की कोशिश की। और उस यात्रा की बदौलत वे आज ये कह रहे हैं कि 60 प्रतिशत जनता नीतीश कुमार की वापसी नहीं चाहते हैं। पर वे जनसुराज को चाहते हैं इस निष्कर्ष पर वे नहीं पहुंचे हैं। अभी कुछ माह बचे हैं तब यह भी क्लियर हो जाएगा कि जनता नीतीश कुमार का विकल्प किसे चुनती है।
एंटी इनकम्बेंसी डुबो देगी नीतीश की लुटिया
जनसुराज के नायक प्रशांत किशोर ने एक मीडिया को साक्षात्कार देने के क्रम में कहा कि राज्य में बदलाव तो तय है लेकिन वह जनसुराज ही होगा इसकी गारंटी नहीं है। बिहार विधानसभा चुनाव के बाद बिहार में सत्ता का बदलना तय है। नीतीश कुमार नवंबर के बाद मुख्यमंत्री इसलिए नहीं रहेंगे कि बिहार में बदलाव के लिए 60 फीसदी से ज्यादा जनता तैयार बैठी हुई है। बिहार में लोगों को इतनी परेशानी है कि इसके बाद एंटी इनकम्बेंसी ना हो यह संभव नहीं है। इसका असर यह होगा कि बिहार में नया मुख्यमंत्री बनेगा। पर कौन बनेगा यह तीन चार माह बाद पता चलेगा।
उदय और प्रशांत के निशाने पर नीतीश
जनसुराज पार्टी के सक्रिय राजनीति में होने की बात जब चल पड़ी थी तब यह जानने की कोशिश भी हुईं थी कि प्रशांत किशोर के पीछे कौन? काफी दिनों तक इसे नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर के बीच अनबन से उपजी राजनीति का एक हिस्सा मान रहे थे। लेकिन प्रशांत किशोर के लक्जरी वैनिटी वाहन पर जब सरकारी तंत्र की नजर पड़ी तब इस रहस्य से पर्दा उठा। तब राजनीति के गलियारे में एक बार फिर उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह के नाम की चर्चा शुरू हुई।
कौन हैं उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह
उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह भाजपा की टिकट पर वर्ष 2004 और 2009 में पूर्णिया लोकसभा से चुनाव लड़े और दोनों ही बार सांसद बने। लेकिन वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार ने यह सीट हथिया ली। और यहां से जदयू के संतोष कुशवाहा ने खम ठोका और जीत हासिल की। यही से पूर्णिया के पूर्व संसद उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह की अदावत शुरू हुई। 2019 में उदय सिंह ने भाजपा भी छोड़ा। और चर्चा तो यह भी है कि वर्ष 2024 की लोकसभा चुनाव में उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह ने नीतीश कुमार के प्रिय संतोष कुशवाहा को हराने में पप्पू यादव की मदद भी की।
नीतीश विरोध ने बनाई पीके और उदय की जोड़ी
जनसुराज पार्टी के निर्माण के पहले रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने नीतीश नीत सरकार की असफलता को घूम घूम कर जनता के बीच परोसा। जनता का मूड एंटी इनकंबेसी की तरफ ले जाने की कोशिश की। और उस यात्रा की बदौलत वे आज ये कह रहे हैं कि 60 प्रतिशत जनता नीतीश कुमार की वापसी नहीं चाहते हैं। पर वे जनसुराज को चाहते हैं इस निष्कर्ष पर वे नहीं पहुंचे हैं। अभी कुछ माह बचे हैं तब यह भी क्लियर हो जाएगा कि जनता नीतीश कुमार का विकल्प किसे चुनती है।
You may also like
आईपीएल 2025 की विनर्स लिस्ट देखिए, किसे मिले कितने पैसे, पर्पल कैप से ऑरेंज कैप तक की प्राइज मनी
RCB ने पहली बार आईपीएल का खिताब जीता, कप्तान पाटीदार ने साझा की जीत की कहानी
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति चुनाव में ली जे-म्युंग की जीत, मार्शल लॉ लगाने वाले येओल की पार्टी की करारी हार
IPL 2025 : विराट और RCB की जीत ने बेंगलुरु में मनवा दी 'दिवाली', आतिशबाजी ऐसी की आसमान भी...
IPL 2025: चैंपियन RCB को प्राइज मनी में मिले इतने करोड़, Award-Winners की पूरी सूची देखें यहां