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डायबिटीज पेशेंट्स को नहीं खाना चाहिए सलाद! आयुर्वेद एक्सपर्ट ने बताया किन बातों का रखें ख्याल

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डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है, जिसमें खानपान का अतिरिक्त ख्याल रखना बेहद जरूरी है, क्योंकि यहीं आपके ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखने और इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाने की कुंजी होती है। सही डाइट की मदद से आपको बिना दवा के ही इसे कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है।

शुगर से निदान होने के बाद सभी हेल्थ एक्सपर्ट मरीज को हेल्दी खाना खाने की सलाह देते है, लेकिन कभी-कभार सही जानकारी की कमी की वजह से स्वस्थ फूड भी आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं। अब सलाद को ही ले लीजिए, इसमें किसी को क्या ही गड़बड़ी महसूस हो सकती है।

लेकिन क्या आप जानते हैं डायबिटीज मरीजों को कच्चा सलाद नहीं खाना चाहिए। यानी अपने सलाद में कच्ची सब्जियों को शामिल नहीं करना चाहिए। फिर शुगर रोगियों की थाली में किस तरह का सलाद होना चाहिए? इस बारे में आयुर्वेद एक्सपर्ट नील सावलिया ने जानकारी दी है।
Photos- Freepik

क्या डायबिटीज मरीज सलाद खा सकते हैं? image

अक्सर संतुलित आहार में सलाद को शामिल किया जाता है, क्योंकि सब्जियों और फलों से तैयार होने वाला सलाद हेल्थ को कई सारे फायदे पहुंचाते हैं, लेकिन क्या ये डायबिटीज रोगियों के लिए भी उतना ही फायदेमंद होता है? आयुर्वेदिक डॉक्टर और डायबिटीज एक्सपर्ट नील सावलिया ने अपनी एक पोस्ट में इस बारे में विस्तार से जानकारी दी है। अधिकतर लोग अपने सलाद में कच्ची सब्जियों को ही शामिल करते हैं, जैसे कि टमाटर, प्याज, खीरा, गाजर आदि। लेकिन ये डायबिटीज मरीजों के लिए उपयुक्त नहीं हैं, क्योंकि ये पाचन को कमजोर बनाते हैं।


पाचन पर डालते हैं असर image

डॉक्टर के मुताबिक, शुगर मरीजों को हल्का पचने वाला, पौष्टिक और थोड़ा चिकना (Unctuous) भोजन करने की सलाह दी जाती है। डायबिटीज में बैलेंस बनाए रखने के लिए कम मात्रा में हल्का, गर्म, ताजा तैयार भोजन करना चाहिए। जबकि कच्चे सलाद ठंडे, सूखे और भारी होते हैं, जिससे होता क्या है-

ठंडे- पाचन अग्नि को कमजोर करती है।

सूखा और खुरदरा- वात को बढ़ाता है, जिससे गैस, ब्लोटिंग, कब्ज होता है।

भारी- मेटाबॉलिज्म को धीमा कर देता है, खासकर कमजोर पाचन वाले लोगों में।


आयुर्वेद के मुताबिक आयुर्वेद सलाद कैसा होना चाहिए image

आयुर्वेद आम तौर पर पूरी तरह से कच्ची सब्जियों के बजाय हल्की पकी हुई, उबली हुई या सॉटे की हुई सब्जियों को प्राथमिकता देता है, खासकर कफ और वात की स्थिति के लिए। कच्ची सब्जियां भारी और सूखी मानी जाती हैं, जिनका अधिक मात्रा में सेवन अग्नि को कमजोर कर सकता है।


किस तरह सलाद करें तैयार image

आयुर्वेद कच्चे, भारी सलादों की बजाय इन चीजों के साथ सलाद तैयार करने का सुझाव देता है-

हल्की उबली हुई लौकी, गाजर, फलियां, और सहजन।

अंकुरित मूंग, खीरा, धनिया और नींबू।

जीरे के साथ हल्की सी सॉटे की हुई पालक या मेथी।

पाचन शक्ति में सुधार के लिए काली मिर्च, सेंधा नमक, नींबू या भुना हुआ जीरा मिलाएं।


डायबिटीज मरीज किस तर तैयार करें सलाद image

डॉक्टर नील का कहना है कि डायबिटीज के मरीज सलाद खा सकते हैं, लेकिन आयुर्वेद कहता है कि इसे गर्म, हल्का और पचाने में आसान बनाएं। इसके लिए-

कच्ची के बजाय हल्की उबली/संतुलित सब्जियों का उपयोग करें।

हमेशा जीरा, हींग, काली मिर्च या त्रिकटु जैसे डाइजेस्टिव मसाले मिलाएं।

भारी ड्रेसिंग से बचें। नींबू का रस या छाछ आधारित ड्रेसिंग का उपयोग करें।

कड़वी और कसैली सब्जियों (करेला, ककड़ी, लौकी जैसी सब्जियां, पालक) को प्राथमिकता दें।

मानसून और सर्दियों (वात/कफ मौसम) में कच्ची चीजों के सेवन को सीमित करें।


पाचन बेहतर होना क्यों है जरूरी? image

अगर आप ये सोच रहे हैं कि शुगर रोगियों का पाचन सही होना क्यों जरूरी है तो बता दें कि अगर आपका डाइजेशन स्लो रहता है तो इससे ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है। वहीं, पाचन बेहतर होना पोषक तत्वों के अवशोषण, ब्लड शुगर लेवल को स्थिर करने, वजन कंट्रोल और ओवरऑल हेल्थ को बेहतर बनाने में मदद करता है।



डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें। एनबीटी इसकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है।

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