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शशि थरूर की आडवाणी वाली टिप्पणी पर बढ़ा विवाद, पूरे मामले पर अब क्या कह रही कांग्रेस?

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नई दिल्ली : कांग्रेस सांसद शथि थरूर एक बार फिर अपने बयान को लेकर चर्चा में हैं। थरूर ने एक दिन पहले ही वरिष्ठ भाजपा नेता और भारत रत्न से सम्मानित लालकृष्ण आडवाणी को जन्मदिन की बधाई दी। कांग्रेस नेता ने उनको एक सच्चा राजनेता बताया। थरूर के इस बयान ने एक बार फिर कांग्रेस लीडरशिप के लिए परेशानी खड़ी कर दी। इसके साथ ही थरूर के कई साथियों को भी नाराज किया है। वो भी खासकर ऐसे समय में जब सत्ताधारी दल बीजेपी ने बार-बार गांधी परिवार को टारगेट किया है। खास बात है कि अब कांग्रेस पार्टी ने थरूर के बयान से पूरी तरह से खुद को अलग कर लिया है।

कांग्रेस ने क्या कहा?
कांग्रेस पार्टी ने रविवार को कहा कि सांसद शशि थरूर व्यक्तिगत हैसियत से अपनी बात कह रहे हैं। उनका केंद्रीय कार्य समिति के सदस्य के रूप में ऐसा करना पार्टी की लोकतांत्रिक और उदार भावना को दर्शाता है। कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि हमेशा की तरह, डॉ. शशि थरूर अपनी बात कह रहे हैं और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अपने आप को उनके हालिया बयान से अलग रखती है। खेड़ा ने कहा कि कांग्रेस सांसद और सीडब्ल्यूसी सदस्य के रूप में उनका ऐसा करना कांग्रेस की विशिष्ट लोकतांत्रिक और उदारवादी भावना को दर्शाता है।



थरूर के बयान का विरोध... कांग्रेस नेता का जवाब

थरूर के आडवाणी को जन्मदिन पोस्ट के जवाब में एक वकील ने राम जन्मभूमि आंदोलन में आडवाणी की भूमिका का भी जिक्र किया। इस व्यक्ति ने लिखा कि माफ कीजिए श्रीमान थरूर, इस देश में ‘घृणा के बीज’ (खुशवंत सिंह के शब्दों में) फैलाना जनसेवा नहीं है। इस पोस्ट का जवाब देते हुए थरूर ने कहा कि मैं सहमत हूं संजय उवाचा लेकिन उनकी लंबी सेवा को एक घटना तक सीमित करना, चाहे वह कितनी भी बड़ी क्यों न हो, अनुचित है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि नेहरूजी के करियर की समग्रता का आकलन चीन की विफलता से नहीं किया जा सकता, न ही इंदिरा गांधी के करियर का आकलन सिर्फ इमरजेंसी से किया जा सकता है। उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि हमें आडवाणीजी के प्रति भी यही शिष्टाचार दिखाना चाहिए।

राष्ट्रीय राजनीति में बीजेपी के एक सशक्त नेतृत्व की पटकथा लिखने वाले आडवाणी को इस वर्ष भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न से सम्मानित किया गया। उन्होंने 1990 में रथयात्रा के माध्यम से राम जन्मभूमि आंदोलन का नेतृत्व किया था।

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