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बोलने पर कांग्रेस ने ... शशि थरूर का नाम लिए बगैर कैसे पीएम मोदी ने संसद में कह दी चुभने वाली बात?

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नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को संसद में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान विपक्ष को आड़े हाथों लिया। ऑपरेशन सिंदूर पर जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने शशि थरूर का नाम लिए बगैर कांग्रेस पार्टी को चुभने वाली बात सुना दी। पीएम ने कांग्रेस नेता शशि थरूर के संसद में न बोलने पर भी तंज कसा।



पीएम ने कहा कि दुःख और आश्चर्य की बात यह है कि जो लोग खुद को कांग्रेस के बड़े नेता मानते हैं, वे इस बात से बौखला गए हैं कि भारत का नज़रिया दुनिया के सामने क्यों पेश किया गया। शायद कुछ नेताओं को सदन में बोलने से रोक दिया गया है...।



शशि थरूर और मनीष तिवारी संसद में नहीं बोलेबता दें कि कांग्रेस नेता शशि थरूर और मनीष तिवारी ने इस बार मॉनसून सत्र में नहीं बोलने का निर्णय लिया है। ये दोनों नेता ऑपरेशन सिंदूर पर कांग्रेस से इतर राय रखी थी। यह भी कहा जा रहा है कि कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में बोलने का मौका न मिलने पर नाराजगी जता चुके हैं। शशि थरूर ने भी इस मुद्दे पर अपनी असहमति व्यक्त की थी।



मनीष तिवारी ने X पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए फिल्म 'पूरब और पश्चिम' के देशभक्ति गीत की पंक्तियां लिखीं। उन्होंने लिखा, 'भारत का रहने वाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं। जय हिंद!' वहीं शशि थरूर ने भी इस मुद्दे पर सीधे जवाब देने से इनकार कर दिया था। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा में भाग लेंगे, तो उन्होंने मीडिया से कहा, 'मौनव्रत... मौनव्रत।'



कांग्रेस की लाइन से अलग होकर राय जाहिर की थीअसल में, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी और शशि थरूर ऑपरेशन सिंदूर पर भारत का पक्ष रखने के लिए विदेश यात्रा पर गए थे। थरूर उस सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे थे, जिसे अलग-अलग देशों में भेजा गया था। वहीं, तिवारी NCP सांसद सुप्रिया सुले के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान शशि थरूर और मनीष तिवारी ने कांग्रेस पार्टी लाइन से इतर अपने राय जाहिर की थी।



एक परिवार के दबाव में आकर पाकिस्तान को क्लीन चिट देना बंद करें कांग्रेसी-मोदी

बहरहाल, पीएम मोदी ने कहा कि करो चर्चा, और इतनी करो कि दुश्मन दहशत से दहल उठे। रहे ध्यान बस इतना कि सिंदूर का मान और सेना का सम्मान, प्रश्नों में भी अटल रहे। यदि हमला मां भारती पर हुआ, तो प्रचंड प्रहार करना ही होगा। दुश्मन जहां भी हो, हमें भारत के लिए ही जीना होगा। मोदी ने लोकसभा में कहा, 'मेरा कांग्रेस के साथियों से आग्रह है कि एक परिवार के दबाव में आकर पाकिस्तान को क्लीन चिट देना बंद करें। जो क्षण देश की विजय का है, कांग्रेस उसे उपहास का क्षण न बनाए। कांग्रेस को अपनी गलती सुधारनी चाहिए।'

खून और पानी साथ-साथ नहीं बह सकते-मोदीपीएम मोदी ने कहा, पाकिस्तान दशकों तक युद्ध और छद्म युद्ध करता रहा, लेकिन कांग्रेस सरकारों ने न तो सिंधु जल समझौते की समीक्षा की, न ही नेहरू जी की उस बड़ी गलती को कभी सुधारा। लेकिन अब भारत ने वह पुरानी गलती सुधारी है- ठोस निर्णय लिया है। नेहरू जी द्वारा किया गया वह ऐतिहासिक ब्लंडर सिंधु जल समझौता अब राष्ट्रहित और किसानों के हित में abeyance में रख दिया गया। देश का अहित करने वाला यह समझौता अब इस रूप में आगे नहीं चल सकता। भारत ने साफ कर दिया है-खून और पानी साथ-साथ नहीं बह सकते।



पीएम मोदी ने नेहरू के फैसले का भी किया जिक्र

मोदी ने कहा कि जब भी कहीं बांध बनता है, तो उसमें डिसिल्टिंग का एक मैकेनिज़्म होता है। लेकिन नेहरू जी ने पाकिस्तान के कहने पर यह शर्त स्वीकार की कि इन बांधों की डिसिल्टिंग भारत नहीं कर सकता। पानी हमारा, बांध हमारे यहां -लेकिन निर्णय पाकिस्तान का! एक बांध तो ऐसा है, जिसके डिसिल्टिंग गेट को ही बिल्डिंग कर दिया गया है। पाकिस्तान ने नेहरू जी से लिखवा लिया था कि भारत, पाकिस्तान की मर्ज़ी के बिना अपने ही बांध की डिसिल्टिंग नहीं करेगा। यह समझौता देश के हितों के खिलाफ था।

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