नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति चुनाव की तारीख करीब आ रही है। इस बार उपराष्ट्रपति पद के लिए एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन और इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी के बीच मुकाबला है। ऐसे में विपक्षा के उम्मीदवार और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज सुदर्शन रेड्डी पूरी तरह से चुनावी मोड में आ गए हैं। विपक्ष भले ही आंकड़ों की लड़ाई में अभी पीछे है लेकिन सुदर्शन रेड्डी इसे अलग तरह का मुकाबला बता रहे हैं। रेड्डी इसे दो उम्मीदवारों के बीच मुकाबला नहीं बल्कि विचारों की लड़ाई बता रहे हैं।
यह विचारों की लड़ाई...
सुदर्शन रेड्डी ने कहा कि यह लड़ाई नहीं है, यह विचारों का टकराव है... दूसरा पक्ष यह प्रचार कर रहा था कि यहां एक व्यक्ति है जो जीवन भर आरएसएस का पूर्ण सदस्य रहा है, इसलिए मैं उस विचारधारा से असहमत हूं, सीपी. राधाकृष्णन जी से नहीं। उन्होंने कहा कि राधाकृष्णन और मेरे बीच कुछ भी व्यक्तिगत नहीं है। हम कभी एक-दूसरे से मिले भी नहीं हैं। इसलिए मैं चाहता था कि यह एक सभ्य प्रतियोगिता हो, व्यक्तियों के बीच नहीं बल्कि दो अलग-अलग विचारधाराओं के बीच।
9 सितंबर को होनी है वोटिंग
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए 9 तारीख को वोटिंग होगी। संख्याबल के लिहाज से, बीजेपी नीत एनडीए के अन्य सदस्यों के पास इतना बहुमत है कि वे इंडिया के सदस्यों और सहयोगी दलों द्वारा उतारे गए उम्मीदवारों को आसानी से हरा सकें। अगर अनिच्छुक दल एनडीए का समर्थन नहीं भी करते हैं, तो भी इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार के जीतने की कोई संभावना नहीं है। हालांकि, क्रॉस वोटिंग होने की सूरत में मुकाबला रोचक हो सकता है।
उपराष्ट्रपति चुनाव के इतिहास में सबसे कड़ा मुकाबला 2002 में हुआ था। उस समय सुशील कुमार शिंदे को भैरों सिंह शेखावत से 149 वोट कम मिले थे। आजादी के बाद से अधिकतर मुकाबलों में, सबसे आगे रहने वाले उम्मीदवार की जीत का अंतर बहुत ही आरामदायक रहा है।
यह विचारों की लड़ाई...
सुदर्शन रेड्डी ने कहा कि यह लड़ाई नहीं है, यह विचारों का टकराव है... दूसरा पक्ष यह प्रचार कर रहा था कि यहां एक व्यक्ति है जो जीवन भर आरएसएस का पूर्ण सदस्य रहा है, इसलिए मैं उस विचारधारा से असहमत हूं, सीपी. राधाकृष्णन जी से नहीं। उन्होंने कहा कि राधाकृष्णन और मेरे बीच कुछ भी व्यक्तिगत नहीं है। हम कभी एक-दूसरे से मिले भी नहीं हैं। इसलिए मैं चाहता था कि यह एक सभ्य प्रतियोगिता हो, व्यक्तियों के बीच नहीं बल्कि दो अलग-अलग विचारधाराओं के बीच।
#WATCH | Delhi | INDIA alliance Vice-Presidential nominee, former Supreme Court Judge B Sudershan Reddy says, "This is not a battle, it is a clash of ideas... The other side was propagating that there is a person here who has been a full member of the RSS all his life, so I… pic.twitter.com/YCYF7IqzNy
— ANI (@ANI) August 23, 2025
9 सितंबर को होनी है वोटिंग
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए 9 तारीख को वोटिंग होगी। संख्याबल के लिहाज से, बीजेपी नीत एनडीए के अन्य सदस्यों के पास इतना बहुमत है कि वे इंडिया के सदस्यों और सहयोगी दलों द्वारा उतारे गए उम्मीदवारों को आसानी से हरा सकें। अगर अनिच्छुक दल एनडीए का समर्थन नहीं भी करते हैं, तो भी इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार के जीतने की कोई संभावना नहीं है। हालांकि, क्रॉस वोटिंग होने की सूरत में मुकाबला रोचक हो सकता है।
उपराष्ट्रपति चुनाव के इतिहास में सबसे कड़ा मुकाबला 2002 में हुआ था। उस समय सुशील कुमार शिंदे को भैरों सिंह शेखावत से 149 वोट कम मिले थे। आजादी के बाद से अधिकतर मुकाबलों में, सबसे आगे रहने वाले उम्मीदवार की जीत का अंतर बहुत ही आरामदायक रहा है।