लखनऊ: बाजार में मिलने वाले स्किन सीरम महंगे होने के साथ साथ केमिकली ट्रीटेड भी होते हैं। इसके कारण यह त्वचा को नुकसान पहुंचता है। इसी समस्या से निपटने और कुदरती तौर पर त्वचा को निखारने के लिए सीएसआईआर-नेशनल बॉटनिकल रिसर्च इंस्टिट्यूट (एनबीआरआई) ने त्वचा को निखारने के लिए एक नैनो सीरम विकसित किया है। एनबीआरआई में हुए स्टार्टअप कॉन्क्लेव में सोमवार को इस सीरम को समापन समारोह के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय विज्ञान मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने लॉन्च किया था।
संस्थान के वैज्ञानिकों का दावा है कि यह सीरम किफायती होने के साथ-साथ त्वचा के अंदर जाकर सिवेसियस ग्लैंड की मरम्मत कर त्वचा को पुनर्जीवित करता है और उसे जवां रखता हैं। संस्थान के निदेशक डॉ. एके शासनी के मुताबिक एनबीआरआई का नैनो सीरम त्वचा के लिए सुरक्षित है। संस्थान ने इसकी टेक्नॉलजी हैदराबाद के मेसर्स अश्विनी होमियो ऐंड आयुर्वेदिक प्राइवेट लिमिटेड को ट्रांसफर की है। जल्द ही यह आम लोगों के लिए भी बाजार में उपलब्ध होगा।
जड़ी-बूटियों से भरपूर है सीरमसंस्थान की सीनियर प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ. आराधना मिश्रा ने बताया कि हम लोगों ने 6 साल के शोध के बाद यह नैनो-इमल्शन आधारित त्वचा देखभाल उत्पाद विकसित किया है, जिसे हर्बल नैनो सीरम नाम दिया गया है। यह सीरम प्राकृतिक जड़ी-बूटियों के सक्रिय तत्वों से भरपूर है और मुख्य रूप से चंदन तेल, नॉन-आयोनिक सफैक्टेंट और पानी के संयोजन से तैयार किया गया है। इस हर्बल नैनो सीरम की सबसे खास बात यह है कि इसमें 50-100 नैनोमीटर आकार की नैनो बूंदें हैं, जिनमें चंदन तेल के सक्रिय तत्व मौजूद हैं। यह नैनो तकनीक त्वचा की गहराई तक पहुंचकर प्रभावी ढंग से काम करती है।
उपलब्ध सीरम में होते हैं हैवी मेटल्सडॉ. आराधना ने बताया कि बाजार में उपलब्ध कॉस्मेटिक उत्पाद त्वचा को खूबसूरत बनाने का दावा करते है। हालांकि उन उत्पादों में हैवी मेटल का इस्तेमाल किया जाता है, जो त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते है। जबकि एनबीआरआई की ओर से तैयार किया गया सीरम कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा। यह पूरी तरह सुरक्षित है। यह सीरम पूरी तरह हर्बल है और इसमें किसी भी प्रकार के हानिकारक रसायनों का प्रयोग नहीं किया गया है।
संस्थान के वैज्ञानिकों का दावा है कि यह सीरम किफायती होने के साथ-साथ त्वचा के अंदर जाकर सिवेसियस ग्लैंड की मरम्मत कर त्वचा को पुनर्जीवित करता है और उसे जवां रखता हैं। संस्थान के निदेशक डॉ. एके शासनी के मुताबिक एनबीआरआई का नैनो सीरम त्वचा के लिए सुरक्षित है। संस्थान ने इसकी टेक्नॉलजी हैदराबाद के मेसर्स अश्विनी होमियो ऐंड आयुर्वेदिक प्राइवेट लिमिटेड को ट्रांसफर की है। जल्द ही यह आम लोगों के लिए भी बाजार में उपलब्ध होगा।
जड़ी-बूटियों से भरपूर है सीरमसंस्थान की सीनियर प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ. आराधना मिश्रा ने बताया कि हम लोगों ने 6 साल के शोध के बाद यह नैनो-इमल्शन आधारित त्वचा देखभाल उत्पाद विकसित किया है, जिसे हर्बल नैनो सीरम नाम दिया गया है। यह सीरम प्राकृतिक जड़ी-बूटियों के सक्रिय तत्वों से भरपूर है और मुख्य रूप से चंदन तेल, नॉन-आयोनिक सफैक्टेंट और पानी के संयोजन से तैयार किया गया है। इस हर्बल नैनो सीरम की सबसे खास बात यह है कि इसमें 50-100 नैनोमीटर आकार की नैनो बूंदें हैं, जिनमें चंदन तेल के सक्रिय तत्व मौजूद हैं। यह नैनो तकनीक त्वचा की गहराई तक पहुंचकर प्रभावी ढंग से काम करती है।
उपलब्ध सीरम में होते हैं हैवी मेटल्सडॉ. आराधना ने बताया कि बाजार में उपलब्ध कॉस्मेटिक उत्पाद त्वचा को खूबसूरत बनाने का दावा करते है। हालांकि उन उत्पादों में हैवी मेटल का इस्तेमाल किया जाता है, जो त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते है। जबकि एनबीआरआई की ओर से तैयार किया गया सीरम कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा। यह पूरी तरह सुरक्षित है। यह सीरम पूरी तरह हर्बल है और इसमें किसी भी प्रकार के हानिकारक रसायनों का प्रयोग नहीं किया गया है।
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