नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के ऐतिहासिक स्थलों में शादियां करने के लिए तैयारी शुरू हो चुकी है। इन स्थलों को निजी और सांस्कृतिक आयोजनों के लिए खोलने की योजना बनाई जा रही है। शुरुआती फेज में चुनिंदा स्मारकों पर विचार चल रहा है, जहां बुकिंग कर इवेंट रखा जा सके।
इन सब पर चर्चा जारी
सूत्रों के मुताबिक, इस प्लानिंग की अभी शुरुआत है, जिसमें हर पहलू को देखते हुए कुछ स्मारकों पर विचार किया जाएगा। किस तरह से शुरुआत हो, क्या नियम हों, क्या चार्ज हों, कैसे स्मारकों को बिना नुकसान पहुंचाए स्कीम लागू हो, इन सब पर चर्चा जारी है। स्थलों के किराए को व्यवहारिक बनाने और नीतियों से जुड़ी समस्याओं पर भी जोर होगा।
इन स्थलों को कर सकते हैं बुक
दिल्ली पुरातत्व विभाग के तहत आने वाले कई स्मारकों को इस पहल के लिए चुना गया है। इनमें नॉर्दर्न रिज के म्यूटिनी मेमोरियल को चुना जा सकता है। साथ ही, चांदनी चौक की ग़ालिब की हवेली और कश्मीरी गेट का दारा शिकोह पुस्तकालय भी इस लिस्ट में है। जीटीके बस डिपो के पास स्थित मकबरा पैक , साधना एन्क्लेव के मकबरे, कुदेसिया गार्डन भी अब शादियों के लिए बुक हो सकते हैं।
बुकिंग पर छूट देने पर किया जा रहा विचार
वसंत विहार में प्राचीन मकबरे, बड़ा लाओ का गुंबद पर भी विचार किया जा रहा है। स्कीम को अच्छा रिस्पॉन्स मिले, इसके लिए बुकिंग पर जीएसटी में छूट देने के साथ-साथ कई सुविधाओं पर भी विचार किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, प्राइवेट-पब्लिक पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत 70-80 स्मारकों को सांस्कृतिक और निजी आयोजनों के लिए चुना जा सकता है।
सिंगल विंडो क्लियरेंस की नीति लाएगी सरकार
राजधानी को 'ग्लोबल इवेंट हब' के रूप में विकसित करने के लिए सरकार की यह पहल है। इसी साल जुलाई में इस आइडिया पर पर्यटन मंत्री कपिल मिश्रा ने बात करते हुए बताया था कि दिल्ली सरकार 'सिंगल विंडो क्लियरेंस' की नीति भी लेकर आएगी और 70 से 80 स्मारकों को इवेंट के लिए इस्तेमाल करने पर भी विचार किया जा रहा है ताकि कला, संगीत, साहित्य, फिल्म, फैशन, लाइव इवेंट्स समेत डेस्टिनेशन वेडिंग को बढ़ावा मिले।
सुरक्षा और जवाबदेही तय करना क्यों है जरूरी ?
दिल्ली को रचनात्मक और सांस्कृतिक गतिविधियों का नया केंद्र बनाने के लिए दिल्ली सरकार एक रोडमैप तैयार कर रही है, इनमें स्मारकों को इवेंट के लिए इस्तेमाल करने का विचार भी शामिल है, ताकि दिल्ली की ग्लोबल इवेंट इकॉनमी को बूस्ट मिले। भारत में डेस्टिनेशन वेडिंग का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है।
डेस्टिनेशन हब बन सकता दिल्ली
भारत में इसके लिए लोग राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, केरल जैसे राज्यों में जाते हैं। दिल्ली में कई खूबसूरत स्मारक हैं, अगर नॉर्थ इंडिया के लोगों के लिए दिल्ली के स्मारक शादियों के लिए खुलते हैं, तो दिल्ली हब बन सकता है। हालांकि, यह एक चुनौती भी होगी क्योंकि किसी भी स्मारक को किसी भी तरह का नुकसान ना पहुंचे, यह सुनिश्चित करने के लिए सख्त नियम बनाने होंगे, सुरक्षा व्यवस्था भी करनी होगी और जवाबदेही भी तय करनी होगी।
इन सब पर चर्चा जारी
सूत्रों के मुताबिक, इस प्लानिंग की अभी शुरुआत है, जिसमें हर पहलू को देखते हुए कुछ स्मारकों पर विचार किया जाएगा। किस तरह से शुरुआत हो, क्या नियम हों, क्या चार्ज हों, कैसे स्मारकों को बिना नुकसान पहुंचाए स्कीम लागू हो, इन सब पर चर्चा जारी है। स्थलों के किराए को व्यवहारिक बनाने और नीतियों से जुड़ी समस्याओं पर भी जोर होगा।
इन स्थलों को कर सकते हैं बुक
दिल्ली पुरातत्व विभाग के तहत आने वाले कई स्मारकों को इस पहल के लिए चुना गया है। इनमें नॉर्दर्न रिज के म्यूटिनी मेमोरियल को चुना जा सकता है। साथ ही, चांदनी चौक की ग़ालिब की हवेली और कश्मीरी गेट का दारा शिकोह पुस्तकालय भी इस लिस्ट में है। जीटीके बस डिपो के पास स्थित मकबरा पैक , साधना एन्क्लेव के मकबरे, कुदेसिया गार्डन भी अब शादियों के लिए बुक हो सकते हैं।
बुकिंग पर छूट देने पर किया जा रहा विचार
वसंत विहार में प्राचीन मकबरे, बड़ा लाओ का गुंबद पर भी विचार किया जा रहा है। स्कीम को अच्छा रिस्पॉन्स मिले, इसके लिए बुकिंग पर जीएसटी में छूट देने के साथ-साथ कई सुविधाओं पर भी विचार किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, प्राइवेट-पब्लिक पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत 70-80 स्मारकों को सांस्कृतिक और निजी आयोजनों के लिए चुना जा सकता है।
सिंगल विंडो क्लियरेंस की नीति लाएगी सरकार
राजधानी को 'ग्लोबल इवेंट हब' के रूप में विकसित करने के लिए सरकार की यह पहल है। इसी साल जुलाई में इस आइडिया पर पर्यटन मंत्री कपिल मिश्रा ने बात करते हुए बताया था कि दिल्ली सरकार 'सिंगल विंडो क्लियरेंस' की नीति भी लेकर आएगी और 70 से 80 स्मारकों को इवेंट के लिए इस्तेमाल करने पर भी विचार किया जा रहा है ताकि कला, संगीत, साहित्य, फिल्म, फैशन, लाइव इवेंट्स समेत डेस्टिनेशन वेडिंग को बढ़ावा मिले।
सुरक्षा और जवाबदेही तय करना क्यों है जरूरी ?
दिल्ली को रचनात्मक और सांस्कृतिक गतिविधियों का नया केंद्र बनाने के लिए दिल्ली सरकार एक रोडमैप तैयार कर रही है, इनमें स्मारकों को इवेंट के लिए इस्तेमाल करने का विचार भी शामिल है, ताकि दिल्ली की ग्लोबल इवेंट इकॉनमी को बूस्ट मिले। भारत में डेस्टिनेशन वेडिंग का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है।
डेस्टिनेशन हब बन सकता दिल्ली
भारत में इसके लिए लोग राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, केरल जैसे राज्यों में जाते हैं। दिल्ली में कई खूबसूरत स्मारक हैं, अगर नॉर्थ इंडिया के लोगों के लिए दिल्ली के स्मारक शादियों के लिए खुलते हैं, तो दिल्ली हब बन सकता है। हालांकि, यह एक चुनौती भी होगी क्योंकि किसी भी स्मारक को किसी भी तरह का नुकसान ना पहुंचे, यह सुनिश्चित करने के लिए सख्त नियम बनाने होंगे, सुरक्षा व्यवस्था भी करनी होगी और जवाबदेही भी तय करनी होगी।
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