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0% कर्ज की दीवार में दरक... किस भंवर में फंस गया जापान, पुरानी जुगाड़ें हो रही हैं फेल

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नई दिल्‍ली: जापान ने कई सालों तक दुनिया को सस्ते कर्ज का चस्‍का लगाया। लेकिन, अब यह व्यवस्था चरमरा रही है। 2024 में जापान के केंद्रीय बैंक (बैंक ऑफ जापान- BoJ) ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी शुरू कर दी। इससे येन कैरी ट्रेड कमजोर हो गया। इस करेंसी ट्रेड स्‍ट्रैटेजी के तहत निवेशक कम ब्याज दरों पर येन उधार लेते थे। फिर उसे ज्‍यादा रिटर्न वाले बाजारों में निवेश करते थे। अब जापान महंगाई को कंट्रोल करने और येन की रक्षा करने या ब्याज दरों को कम रखने और पूंजी के पलायन का जोखिम उठाने के बीच फंसा हुआ है। विश्लेषकों का मानना है कि जापान की पुरानी नीतियां अब काम नहीं कर रही हैं। यह वैश्विक वित्तीय प्रणाली के लिए एक चेतावनी है।



सीएफओ कोच लौकिक शाह के अनुसार, जापान ने कम विकास, अपस्फीति (डिफ्लेशन) और जनसांख्यिकीय गिरावट से बाहर निकलने के लिए दशकों तक ब्याज दरों को शून्य या उसके करीब रखा। बैंक ऑफ जापान ने सरकारी बॉन्ड खरीदकर और उधार लेने की लागत को कम रखने का वादा करके सिस्टम में पैसे की बाढ़ ला दी।



इसका मकसद कर्जों को सस्ता बनाना था ताकि व्यवसाय और परिवार खर्च और निवेश कर सकें। लेकिन इसने एक बड़ी चीज भी बनाई। वह थी - एक ग्‍लोबल आर्बिट्रेज मशीन। येन कैरी ट्रेड इसी सेटअप से पैदा हुआ। येन कैरी ट्रेड एक लोकप्रिय करेंसी ट्रेड स्‍ट्रैटेजी है जिसमें निवेशक कम ब्याज दरों वाली मुद्रा जापानी येन (JPY) में उधार लेते हैं और उस धन का इस्‍तेमाल ऊंचे ब्याज दरों वाली अन्य मुद्राओं में संपत्ति में निवेश करने के लिए करते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य दो मुद्राओं के बीच ब्याज दर के अंतर से लाभ कमाना होता है।



शून्‍य दरों पर उधार लेकर उठाया फायदा

निवेशकों ने लगभग शून्य दरों पर येन उधार लिया। उस पैसे को उन जगहों पर लगा दिया जहां रिटर्न अधिक था। इनमें उभरते बाजार, अमेरिकी इक्विटी और ग्‍लोबल रियल एस्टेट शामिल थे।



गणित सरल था- 0% पर उधार लें, 5% कमाएं, स्प्रेड जेब में डालें। जब तक जापान ने ब्याज दरों को कम रखा और येन कमजोर रहा तब तक यह ट्रेड काम करता रहा। फिर बदलाव आया। मार्च 2024 में महंगाई बढ़ने और येन के बहुत अधिक गिरने के साथ BoJ ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी शुरू कर दी। वह अपनी अल्ट्रा-लूज पॉलिसी से पीछे हट गया।



उस बदलाव ने कैरी ट्रेड को तोड़ दिया। निवेशकों ने पोजीशन को अनवाइंड करने के लिए दौड़ लगाई। येन की कीमत बढ़ गई- ठीक उसी तरह जैसे 2007 में हुई थी जब इसी तरह की तेजी ने ट्रेड को खत्म कर दिया था।



अब दो भंवरों के बीच फंस गया है जापान

जापान अब दो भंवर के बीच फंसा हुआ है। महंगाई को काबू में करना और येन की रक्षा करना या ब्याज दरों को कम रखना और पूंजी के पलायन का जोखिम उठाना। शाह स्पष्ट करते हैं। पुरानी रणनीति अब काम करती नहीं दिख रही है। वे इंस्‍ट्रूमेंट जिन्होंने कभी जापान की नाजुक अर्थव्यवस्था को एक साथ रखा था अब उल्टा पड़ रहे हैं। इनमें शून्य दरें, बड़े पैमाने पर बॉन्ड खरीदना और एक कमजोर मुद्रा शामिल है। यह सिर्फ जापान की समस्या नहीं है। यह दशकों की सस्ती ल‍िक्‍व‍िड‍िटी पर निर्मित एक ग्‍लोबल वित्तीय प्रणाली के लिए चेतावनी है। शाह का कहना है कि लीवरेज की हमेशा एक कीमत होती है। यह अब दिखाई दे रही है।

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