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महाकुंभ 2025: दशाश्वमेध घाट से फाफामऊ तक बन रहा गंगा रिवर फ्रंट, सेल्फी प्वाइंट-रेस्टोरेंट और कैफेटेरिया

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प्रयागराज: प्रयागराज में आयोजित होने जा रहे महाकुंभ मेला को दिव्य, भव्य और नव्य स्वरूप देने के लिए योगी सरकार कई नए कदम उठा रही है। गंगा किनारे रिवर फ्रंट का निर्माण भी इसी का हिस्सा है, जिसका निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है और यह 15 नवंबर तक आवागमन के लिए खोल दिया जाएगा। महाकुंभ में 40 करोड़ से अधिक पर्यटकों और श्रद्धालुओं के कुंभ नगरी पहुंचने का प्रशासन का अनुमान है। इनके आवागमन को सुगम बनाने के लिए एक तरफ जहां शहर के अंदर और बाहर की सड़कों के चौड़ीकरण का काम तेजी से हो रहा है तो वहीं गंगा किनारे आवागमन का एक और विकल्प भी तैयार किया जा रहा है। गंगा नदी के किनारे रिवर फ्रंट के निर्माण से श्रद्धालुओं को बड़ी सहूलियत मिलने जा रही है। 70 फीसदी निर्माण पूराअपर कुंभ मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी का कहना हैं कि मुंबई की मरीन ड्राइव की तर्ज पर प्रयागराज में भी गंगा किनारे लगभग 15.25 किलोमीटर सड़क का निर्माण कराया जा रहा है। 213 करोड़ की लागत से इसका निर्माण हो रहा है। फिलहाल इसका 70 फीसदी निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है। 15 नवंबर के पहले यह बनकर तैयार हो जाएगा। गंगा नदी के दोनों तरफ रिवर फ्रंट बनकर हो रहा तैयारकुंभ क्षेत्र में भीड़ को व्यवस्थित करने में रिवर फ्रंट मददगार साबित होगा। सिंचाई विभाग और अन्य सहयोगी विभागों के सहयोग से इसका निर्माण किया जा रहा है। सिंचाई विभाग के सीनियर इंजीनियर रमेश कुमार सिंह के मुताबिक कुंभ क्षेत्र में श्रद्धालुओं की सहूलियत के लिए गंगा नदी के दोनों किनारों पर तैयार हो रहे इस रिवर फ्रंट का निर्माण आम सड़कों से बिलकुल अलग है। इसका निर्माण इंटरलॉकिंग, बोल्डर क्रेट से किया जा रहा है जिसमे स्लोप पिचिंग का कार्य भी होगा। इस सड़क को आदर्श सड़क के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके किनारे बेंच लगाई जाएगी। कई जगह जगह पर सेल्फी प्वाइंट का भी निर्माण होगा। इन क्षेत्रों में हो रहा है रिवर फ्रंट का निर्माणगंगा नदी के किनारे बन रहे इस रिवर फ्रंट का निर्माण कई इलाकों में हो रहा है। इनमें रसूलाबाद घाट से नागवासुकी मंदिर तक, सूरदास से छतनाग तक, कर्जन ब्रिज के समीप महावीर पुरी तक का निर्माण कार्य अभी चल रहा है। रिवर फ्रंट के निर्माण हो जाने से संगम पर आने वाली दूरी कम हो जाएगी। इसके साथ ही आने वाले पर्यटकों को काफी सहूलियत मिलेगी। देखा जाए तो प्रयागराज में सबसे ज्यादा श्रद्धालु संगम घूमने के लिए जाते हैं. ऐसे में रिवर फ्रंट का निर्माण हो जाने से वह संगम के साथ ही प्रयागराज का कोना-कोना देख सकेंगे।
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