नई दिल्ली: BCCI और मुख्य चयनकर्ता अजित अगरकर ने रोहित शर्मा को ODI कप्तानी से हटाकर शुभमन गिल को कमान सौंपकर भारतीय क्रिकेट में एक नए युग की शुरुआत कर दी है। यह फैसला केवल कप्तानी बदलने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह रोहित और विराट कोहली के 2027 वर्ल्ड कप में खेलने की संभावनाओं पर भी बड़ा सवाल खड़ा करता है। महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने इस फैसले का समर्थन करते हुए कहा है कि भविष्य के लिए युवा कप्तान को तैयार करना बेहद जरूरी था।
उम्र और मैच प्रैक्टिस की कमी बनी चुनौती
अगरकर और BCCI के इस कदम के पीछे रोहित शर्मा और विराट कोहली की बढ़ती उम्र और सबसे अहम, मैच प्रैक्टिस की कमी को मुख्य कारण बताया जा रहा है। चूंकि दोनों दिग्गजों ने टेस्ट और T20I से संन्यास ले लिया है, उनके पास अब सिर्फ ODI फॉर्मेट ही बचा है।
गावस्कर ने बताया कि 2027 वर्ल्ड कप तक रोहित का खेलना इसलिए मुश्किल है, क्योंकि इंटरनेशनल कैलेंडर में ODI मैचों की संख्या बहुत कम हो गई है। द्विपक्षीय सीरीज में ज्यादातर टेस्ट और T20I शामिल होते हैं। उन्होंने कहा कि 'अगर रोहित शर्मा साल में केवल 5-7 ODI खेलते हैं, तो उन्हें उस तरह का अभ्यास नहीं मिलेगा, जिसकी आपको वर्ल्ड कप जैसे बड़े टूर्नामेंट के लिए जरूरत होती है। अगर टीम में उनकी जगह निश्चित नहीं है, तो शुभमन गिल को तैयार करने का फैसला लिया गया।'
घरेलू क्रिकेट से दूरी खतरनाक
BCCI के सख्त निर्देश के बावजूद रोहित और कोहली घरेलू क्रिकेट (विजय हजारे ट्रॉफी) खेलने से कतराते हैं। गावस्कर ने कहा कि अगर उन्हें ODI फॉर्मेट में बने रहना है, तो उन्हें ज्यादा अभ्यास करने की जरूरत है। गावस्कर ने स्पष्ट कहा कि टीम हमेशा पहले आती है और रोहित शर्मा भी इस फैसले से सहमत होंगे क्योंकि टीम को दो साल आगे के बारे में सोचना है। उन्होंने कहा कि अगर कोई खिलाड़ी नॉन कमिटेड है और यह नहीं कह सकता कि वह अगले दो सालों के लिए तैयार होगा, तो उसे बुरी खबर के लिए तैयार रहना चाहिए।
उम्र और मैच प्रैक्टिस की कमी बनी चुनौती
अगरकर और BCCI के इस कदम के पीछे रोहित शर्मा और विराट कोहली की बढ़ती उम्र और सबसे अहम, मैच प्रैक्टिस की कमी को मुख्य कारण बताया जा रहा है। चूंकि दोनों दिग्गजों ने टेस्ट और T20I से संन्यास ले लिया है, उनके पास अब सिर्फ ODI फॉर्मेट ही बचा है।
गावस्कर ने बताया कि 2027 वर्ल्ड कप तक रोहित का खेलना इसलिए मुश्किल है, क्योंकि इंटरनेशनल कैलेंडर में ODI मैचों की संख्या बहुत कम हो गई है। द्विपक्षीय सीरीज में ज्यादातर टेस्ट और T20I शामिल होते हैं। उन्होंने कहा कि 'अगर रोहित शर्मा साल में केवल 5-7 ODI खेलते हैं, तो उन्हें उस तरह का अभ्यास नहीं मिलेगा, जिसकी आपको वर्ल्ड कप जैसे बड़े टूर्नामेंट के लिए जरूरत होती है। अगर टीम में उनकी जगह निश्चित नहीं है, तो शुभमन गिल को तैयार करने का फैसला लिया गया।'
घरेलू क्रिकेट से दूरी खतरनाक
BCCI के सख्त निर्देश के बावजूद रोहित और कोहली घरेलू क्रिकेट (विजय हजारे ट्रॉफी) खेलने से कतराते हैं। गावस्कर ने कहा कि अगर उन्हें ODI फॉर्मेट में बने रहना है, तो उन्हें ज्यादा अभ्यास करने की जरूरत है। गावस्कर ने स्पष्ट कहा कि टीम हमेशा पहले आती है और रोहित शर्मा भी इस फैसले से सहमत होंगे क्योंकि टीम को दो साल आगे के बारे में सोचना है। उन्होंने कहा कि अगर कोई खिलाड़ी नॉन कमिटेड है और यह नहीं कह सकता कि वह अगले दो सालों के लिए तैयार होगा, तो उसे बुरी खबर के लिए तैयार रहना चाहिए।
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