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WhatsApp पर RTO चालान भरने का मैसेज आए तो क्लिक मत करना, साइबर धोखेबाजों ने बिछाया खतरनाक जाल

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अगर WhatsApp पर आपको ट्रैफिक चालान से जुड़ा कोई मैसेज आए, तो भूलकर भी उस पर क्लिक ना करें और चौकन्ने हो जाएं। यह कोई चालान नहीं बल्कि ठगों द्वारा बिछाया गया एक जाल हो सकता है। इस तरह के मैसेज में एक लिंक होता है। अगर वह ल‍िंंक आपके फोन में डाउनलोड हो जाए, तो हैकर्स आपके फोन को दूर बैठे ही कंट्रोल कर सकते हैं। इसके बाद वह आपकी बैंक डिटेल्स, निजी जानकारी और पैसों से जुड़े डेटा आसानी से चुरा सकते हैं। चलिए डिटेल में जानते हैं कि क्या है यह पूरा मामला?



क्या है मामलाटाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस अधिकारियों का कहना है कि “RTO Traffic Challan.apk” नाम की एक फाइल व्हाट्सऐप पर खूब वायरल हो रही है। साइबल रेल का कहना है कि यह एक खतरनाक मालवेयर ऐप है, जो किसी के भी फोन का एक्सेस दूर बैठे साइबर ठगों को दे देती है। रिपोर्ट के अनुसार पिछले एक हफ्ते में इस ठगी से जुड़े 10 लोगों की शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं। बता दें कि पिछले दिनों शादी कार्ड वाले मैसेज से लोगों के फोन हैक कर ठगी के मामले सामने आए थे। यह उसी का एक बदला हुआ रूप है।






कैसे होती है ठगी?WhatsApp पर इस तरह से ठगी करने के लिए ठग सबसे पहले अनजान लोगों को मैसेज भेजते हैं। यह "RTO Traffic Challan.apk" नाम का APK फाइल वाला मैसेज होता है।

  • यूजर इसे चालान की कॉपी समझ कर इसे डाउनलोड और इंस्टॉल कर लेता है।
  • ऐप के रूप में यूजर के फोन में एक मालवेयर इंस्टॉल हो जाता है। इससे SMS, कॉन्टैक्ट्स, स्टोरेज, एक्सेसिबिलिटी जैसी परमिशन दूर बैठे ठगों को मिल जाती है।
  • इसके बाद ठग रिमोटली यूजर का फोन एक्सेस कर पाते हैं और फोन का नियंत्रण हासिल कर लेते हैं। इसके बाद वह फोन पर होने वाली हर गतिविधी को आसानी से मॉनिटर भी कर पाते हैं।
  • इसके बाद वह जब चाहें आपकी बैंक डिटेल्स, UPI क्रेडेंशियल, OTP और निजी जानकारी चुरा सकते हैं।



  • आप कैसे बचें?अगर आप इस तरह की ऑनलाइन ठगी से बचना चाहते हैं, तो आपको कुछ चीजों का ध्यान रखना जरूरी है।

    • WhatsApp, SMS या किसी अनजान जगह से आई APK फाइल कभी डाउनलोड ना करें। सुरक्षित रहने के लिए बेहतर है कि ऐप सिर्फ गूगल प्ले स्टोर से ही डाउनलोड करें।
    • अगर चालान चेक करना हो, तो उससे जुड़े आधिकारिक पोर्ट्ल्स जैसे Parivahan या राज्य की RTO वेबसाइट पर ही चेक करें।
    • अपने फोन की सेटिंग्स में Unknown सोर्स को डिसेबल रखें ताकि कोई भी APK गलती से भी आपके फोन में इंस्टॉल न हो पाए। बता दें कि Unknown सोर्स को डिसेबल होने पर अगर APK डाउनलोड या इंस्टॉल की जाती है, तो यूजर को वॉर्निंग मैसेज दिखाई देता है।
    • अपने फोन के ऑपरेटिंग सिस्टम और सभी ऐप्स को हमेशा अपडेटेड रखें।
    • किसी भी संदिग्ध मैसेज या लिंक की तुरंत शिकायत करें। इसके लिए आप 1930 साइबरक्राइम हेल्पलाइन पर कॉल कर सकते हैं या फिर cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट दर्ज कर सकते हैं।
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