आगरा: बॉलिवुड अभिनेत्री और भाजपा सांसद कंगना रनौत की मुश्किलें बढ़ गई हैं। आगरा में उनके खिलाफ राष्ट्रद्रोह और किसानों के अपमान का मुकदमा चलेगा। बुधवार को सुनवाई के बाद कोर्ट ने कंगना के खिलाफ दायर हुई रिवीजन याचिका को स्वीकार कर लिया है। 10 नवंबर को अदालत ने वकीलों की बहस के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था।
आगरा में वकील और बार असोसिएशन के अध्यक्ष रमाशंकर शर्मा ने सितंबर 2024 में कंगना रनौत के खिलाफ कोर्ट में राष्ट्रद्रोह का आरोप लगाते हुए याचिका दायर की थी। इसमें कंगना की तरफ से एक इंटरव्यू में किसानों को लेकर अपमानजनक टिप्पणी करने और भावनाओं को आहत करने का आरोप लगा था।
दरअसल कंगना ने मीडिया इंटरव्यू में कहा था कि किसान आंदोलन के दौरान रेप और मर्डर हुए थे। अगर तीन बिलों की वापसी नहीं होती तो फिर प्लानिंग लंबी थी और बांग्लादेश जैसे हालात बन सकते थे। वकील शर्मा ने एमपी-एमएलए अदालत में 11 सितंबर को याचिका दाखिल की थी। कंगना के खिलाफ लाखों किसानों पर अभद्र टिप्पणी करने का आरोप लगाते हुए राष्ट्रद्रोह का केस चलाने की अपील की गई थी।
इस मामले में वकील रमाशंकर शर्मा की तरफ से वकीलों ने बहस की। तर्क में कहा गया कि अवर न्यायालय की ओर से वाद को खारिज करना न्याय संगत नहीं है। अदालत ने थाना न्यू आगरा की पुलिस से जो आख्या मांगी थी, उसमें विपक्षी की ओर से कोई जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया था।
वकीलों ने कहा कि संविधान के अधिकार और कर्तव्य का उल्लंघन किया गया है। कंगना ने देश के किसानों, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, क्रांतिकारी शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान किया है। कंगना पक्ष की तरफ से भी सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों ने पक्ष रखा।
आगरा में वकील और बार असोसिएशन के अध्यक्ष रमाशंकर शर्मा ने सितंबर 2024 में कंगना रनौत के खिलाफ कोर्ट में राष्ट्रद्रोह का आरोप लगाते हुए याचिका दायर की थी। इसमें कंगना की तरफ से एक इंटरव्यू में किसानों को लेकर अपमानजनक टिप्पणी करने और भावनाओं को आहत करने का आरोप लगा था।
दरअसल कंगना ने मीडिया इंटरव्यू में कहा था कि किसान आंदोलन के दौरान रेप और मर्डर हुए थे। अगर तीन बिलों की वापसी नहीं होती तो फिर प्लानिंग लंबी थी और बांग्लादेश जैसे हालात बन सकते थे। वकील शर्मा ने एमपी-एमएलए अदालत में 11 सितंबर को याचिका दाखिल की थी। कंगना के खिलाफ लाखों किसानों पर अभद्र टिप्पणी करने का आरोप लगाते हुए राष्ट्रद्रोह का केस चलाने की अपील की गई थी।
इस मामले में वकील रमाशंकर शर्मा की तरफ से वकीलों ने बहस की। तर्क में कहा गया कि अवर न्यायालय की ओर से वाद को खारिज करना न्याय संगत नहीं है। अदालत ने थाना न्यू आगरा की पुलिस से जो आख्या मांगी थी, उसमें विपक्षी की ओर से कोई जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया था।
वकीलों ने कहा कि संविधान के अधिकार और कर्तव्य का उल्लंघन किया गया है। कंगना ने देश के किसानों, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, क्रांतिकारी शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान किया है। कंगना पक्ष की तरफ से भी सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों ने पक्ष रखा।
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