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जंगल में मिले चाचा-भतीजे के कंकाल; पेड़ पर लटका था फंदा, इलाके में फैली सनसनी, मर्डर या सुसाइड में उलझी गुत्थी

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अशोकनगरः जिले की मुंगावली क्षेत्र के डोंगरा गांव से लगे जंगलों में दो नर कंकाल मिलने से सनसनी फैल गई। सूचना मिलते ही मामले की छानबीन के लिए मौके पर ग्वालियर से एसएफएल टीम और एसपी घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने मौके पर वारदात को लेकर जानकारी जुटाई। हालांकि इन दोनों नर कंकालों की पहचान चाचा भतीजे के रूप में हुई है।





दरअसल, बुधवार शाम को एक सैकड़ा से अधिक आदिवासी समुदाय के लोग मुंगावली थाने पहुंचे। उन्होंने बताया कि डोंगरा के जंगलों में एक पेड़ के नीचे तो नर कंकाल पड़े हैं। यह सुनते ही पुलिस हैरान हो गई और तुरंत मौके पर पहुंची।





शव के पास पड़ा था आधार कार्ड

पुलिसकर्मियों ने घटनास्थल के आसपास सर्चिंग शुरू की तो एक आधार कार्ड भी बरामद हुआ। साथ ही आदिवासी परिवारों ने बताया कि शिवलाल आदिवासी (40) और रामचरण आदिवासी (50) के नर कंकाल है। दोनों मृतक पिछले कुछ दिनों से लापता थे।





मजदूरी करने गए चाचा-भतीजे लापता

ग्रामीणों ने बताया कि वह दोनों चाचा भतीजे थे। दोनों गदुली गांव मजदूरी करने गए और 18 जून से दोनों गायब थे। 4 अगस्त को परिजनों ने बहादुरपुर थाने में पहुंचकर लापता होने की शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद लगातार उनके परिजन और ग्रामीण दोनों को ढूंढने में लगे हुए थे। इसी बीच जंगलों के बीच दोनों के कंकाल मिले। इसके बाद इलाके में हड़कंप मच गया।





पेंट से हुई पहचान

इस बीच दोनों कंकालों की पहचान वहां मिले मृतकों के पेंट और आयुष्मान कार्ड से हुई है। हालांकि मौके पर कंकाल अलग-अलग टुकड़ों में मिला है। दोनों खानकाल की खोपड़ी भी मिली है। इस मामले के बाद पूरे क्षेत्र में सनसनी फैली हुई है। मौके पर एसएफएल टीम और एसपी विनीत कुमार जैन भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने पूरे मामले में विस्तृत जांच की मांग करने की बात कही।





पेड़ पर फंदा कत्ल या आत्महत्या

इस पूरे मामले के सामने आने के बाद अब पुलिस के सामने भी बड़ी चुनौती सामने आई। पेड़ के पास दोनों के कंकाल जहां मिले हैं। वहीं, उस पेड़ पर कपड़ा भी बंधा मिला है। जिसे मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि इनकी मौत कैसे हुई है? या फिर किसी ने कत्ल किया है। साथ ही दोनों शवों को किसने खाया यह भी एक राज है।

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