अमेरिका में लोग अभी बर्ड फ्लू और खसरा जैसी बीमारियों से परेशान ही थे कि अब देश में एक और खतरनाक बीमारी का प्रसार होना शुरू हो गया है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अमेरिका में एक बार फिर से वैली फीवर (Valley fever In US) के मामले बढ़ने शुरू हो गए हैं।
कैलिफोर्निया में अधिकारियों ने वैली फीवर के 3,100 से अधिक मामलों की पुष्टि की है, जो पिछले साल दर्ज किए गए संक्रमणों की संख्या से अधिक है। इसके संभावित उछाल को लेकर अधिकारी चिंतित हैं, क्योंकि इलाज नहीं किए जाने पर यह संक्रमण घातक साबित हो सकता है।
रिपोर्ट्स में बताया गया है कि वैली फीवर के सबसे ज्यादा केस केर्न, लॉस एंजिल्स, मोंटेरे और फ्रेस्नो काउंटियों में दर्ज किए गए हैं। आइए जानते हैं क्या है वैली फीवर और यह कितना खतरनाक है, जिसके नए मामलों में अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है।
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वैली फीवर क्या है?

मायो क्लिनिक के मुताबिक (ref),वैली फीवर एक फंगल संक्रमण है जो कोक्सीडियोइड्स जीवों के कारण होता है। इसे कोक्सीडियोइडोमाइकोसिस (Coccidioidomycosis) भी कहा जाता है,जोआपके फेफड़ों को प्रभावित करता है।वैली फीवर कोक्सीडियोइड्स संक्रमण का शुरुआती चरण होता है।यह बुखार,खांसी और थकान जैसे संकेत और लक्षण पैदा कर सकता है।
वैली फीवर कैसे फैलता है
दो कोक्सीडियोइड्स फंगी प्रजातियां वैली फीवर का कारण बनती हैं। ये आमतौर पर विशिष्ट क्षेत्रों की मिट्टी में पाए जाते हैं। लोग फंगी को सांस के जरिए अंदर ले सकते हैं। इस तरह आपको यह संक्रमण हो सकता है।
वैली फीवर में कैसे लक्षण दिखते हैं?

कुछ लोग जो फंगस के संपर्क में आते हैं उनमें कोई भी लक्षण पैदा नहीं होते हैं। लेकिन अन्य लोगों में ऐसे लक्षण हो सकते हैं:-
1- थकान
2- खांसी
3- बुखार और सिरदर्द
5- रात का पसीना
6- मांसपेशियों में दर्द या जोड़ों में दर्द
7- ऊपरी शरीर या पैरों पर दाने।
कितना खतरनाक हैवैली फीवर?
अब वैली फीवर के बढ़ते मामलों के बीच हमारा ये जानना भी बहुत जरूरी है कि आखिर ये संक्रमण कितना अधिक खतरनाक है। सीडीसी के मुताबिक, यहसंक्रामक नहीं है यानी यह व्यक्ति-से-व्यक्तिया लोगों और जानवरों के बीच में नहीं फैलता है, लेकिन वैली फीवर से पीड़ित लगभग 5 से 10% लोगों के फेफड़ों में गंभीर या दीर्घकालिक समस्याएं विकसित हो सकती हैं।
इससे भी कम फीसदी लोगों (लगभग 1 प्रतिशत) में, संक्रमण फेफड़ों से शरीर के अन्य भागों में फैल सकता है। इसमें त्वचा, हड्डियां, जॉइंट या मस्तिष्क (मेनिनजाइटिस) शामिल हैं।
क्या है इलाज?

वैली फीवर के हल्के मामले आमतौर पर अपने आप ठीक हो जाते हैं। अधिक गंभीर मामलों में,डॉक्टर एंटीफंगल दवाओं से संक्रमण का इलाज करते हैं या मरीज को अस्पताल में भी भर्ती होने की आवश्यकता हो सकती है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें। एनबीटी इसकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है।
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