अहमदाबाद: गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी मनोज शशिधर को केंद्र सरकार ने सीबीआई में रहते हुए एक और प्रमोशन दिया है। नए आदेश में सरकार ने उन्हें सीबीआई में स्पेशल डायरेक्टर बना दिया है। मनोज शशिधर जनवरी 2020 से देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी में तैनात हैं। वह अब तक कई हाईप्रोफाइल केसों की जांच संभाल चुके हैं। इनमें बहुचर्चित बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत केस भी शामिल है। केरल से ताल्लुक रखने वाले मनोज शशिधर की स्पेशल डायरेक्टर के पद पर नियुक्त नवंबर, 2030 तक के लिए की गई है। मनोज शशिधर के साथ सरकार ने झारखंड कैडर की महिला आईपीएस संपत मीणा को भी एलीवेट किया है। मनोज शशिधर गुजरात के 10 सबसे वरिष्ठ आईपीएस में शामिल हैं। वह 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं।
गुजरात में संभालीं कई जिम्मेदारी
मनोज शशि अक्टूबर, 2016 में वडोदरा के पुलिस आयुक्त नियुक्त हुए थे। तब गुजरात सरकार ने 21 आईपीएस का ट्रांसफर करते हुए उन्हें वडोदरा की जिम्मेदारी सौंपी थी। इससे पहले वह गांधीनगर रेंज आईजीपी थे। मनोज शशिधर ने उस वक्त पर ई. राधाकृष्णन की जगह ली थी। वह जुलाई, 2018 तक वडोदरा सीपी रहे थे। इस दौरान एक बड़ा चर्चित मामला हुआ था। इसमें दक्षिण भारत के परिवार से एक बीजेपी से जुड़े पदाधिकारी ने 25 लाख रुपये की ठगी की थी। यह ठगी वडोदरा मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के नाम पर की गई थी। जब यह मामला मनोज शशिधर के पास पहुंचा था तो उन्होंने क्राइम ब्रांच के जरिए 21 लाख रुपये रिकवरी सुनिश्चित करवाई थी। इसके साथ ही आरोपी के खिलाफ एक्शन लिया था। छात्रा को काउंसलिंग में राजकोट का मेडिकल कॉलेज मिला था। जालसाज ने वडोदरा में एडमिशन करवा देने का झांसा दिया था। ऐसे में छात्रा प्रवेश से वंचित रह गई थी। तब मनोज शशिधर के आदेश पर वडोदरा क्राइम ब्रांच ने कड़ा एक्शन लिया था।
सुशांत सिंह केस की संभाली थी जांच
वडोदरा के बाद उनका तबादला गोधर-पंचमहाल आईजी रेंज के पद कर दिया था। तब वह एडीजीपी रैंक के अधिकारी थी। इस जिम्मेदारी के बाद उन्हें सरकार ने गांधीनगर स्थित पुलिस भवन में एडीजीपी (खुफिया) के पद पर स्थानांतरित किया था। तीन महीने बाद नए आदेश में वह केंद्र की प्रतिनियुक्ति पर चले गए थे। मनोज शशिधर 2018 में एडीजीपी पर प्रोन्नत हुए थे। सीबीआई में तैनाती के दौरान मनोज शशिधर को अप्रैल 2020 में अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत केस की जांच सौंपी गई थी। उनके साथ गुजरात कैडर की आईपीएस गगनदीप गंभीर और दो अन्य आईपीएस अनिल यादव और नुपुर प्रसाद टीम में थीं। तब सीबीआई ने रिया चक्रवर्ती समेत छह लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।
सीबीआई में डबल प्रमोशन:
15, जनवरी, 2020: सीबीआई में बतौर ज्वाइंट डायरेक्टर तैनाती मिली थी, पांच साल के लिए नियुक्ति का आदेश हुआ।
27 जून, 2023: मनोज शशिधर ज्वाइंट डायरेक्टर से एडीशनल डायरेक्टर बने, तीन साल के साल के लिए।
08 सितंबर, 2023: केंद्र सरकार ने आईपीएस मनोज शशिधर को स्पेशल डायरेक्टर नियुक्त किया। अगले पांच साल के लिए।
कौन हैं मनोज शशिधर?
14 नवंबर, 1970 को जन्मे 1994 बैच के आईपीएस मनोज शशिधर केरल के रहने वाले हैं। उन्होंने एमए और फिर एलएलबी की डिग्री ली है। वह अभी तक सीबीआई के दिल्ली मुख्यालय में एडीशनल डायरेक्टर थे। अब उन्हें केंद्र सरकार ने बड़ी जिम्मेदारी दे दी है। मनोज शशिधर डीजी रैंक के अधिकारी हैं। आईपीएस मनोज शशिधर को जनवरी, 2020 में सीबीआई में तैनाती मिली थी। तब उन्हें ज्वाइंट डायरेक्टर बनाया गया था। तब उनकी नियुक्ति पूरे पांच साल के लिए की गई थी।
गुजरात में संभालीं कई जिम्मेदारी
मनोज शशि अक्टूबर, 2016 में वडोदरा के पुलिस आयुक्त नियुक्त हुए थे। तब गुजरात सरकार ने 21 आईपीएस का ट्रांसफर करते हुए उन्हें वडोदरा की जिम्मेदारी सौंपी थी। इससे पहले वह गांधीनगर रेंज आईजीपी थे। मनोज शशिधर ने उस वक्त पर ई. राधाकृष्णन की जगह ली थी। वह जुलाई, 2018 तक वडोदरा सीपी रहे थे। इस दौरान एक बड़ा चर्चित मामला हुआ था। इसमें दक्षिण भारत के परिवार से एक बीजेपी से जुड़े पदाधिकारी ने 25 लाख रुपये की ठगी की थी। यह ठगी वडोदरा मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के नाम पर की गई थी। जब यह मामला मनोज शशिधर के पास पहुंचा था तो उन्होंने क्राइम ब्रांच के जरिए 21 लाख रुपये रिकवरी सुनिश्चित करवाई थी। इसके साथ ही आरोपी के खिलाफ एक्शन लिया था। छात्रा को काउंसलिंग में राजकोट का मेडिकल कॉलेज मिला था। जालसाज ने वडोदरा में एडमिशन करवा देने का झांसा दिया था। ऐसे में छात्रा प्रवेश से वंचित रह गई थी। तब मनोज शशिधर के आदेश पर वडोदरा क्राइम ब्रांच ने कड़ा एक्शन लिया था।
सुशांत सिंह केस की संभाली थी जांच
वडोदरा के बाद उनका तबादला गोधर-पंचमहाल आईजी रेंज के पद कर दिया था। तब वह एडीजीपी रैंक के अधिकारी थी। इस जिम्मेदारी के बाद उन्हें सरकार ने गांधीनगर स्थित पुलिस भवन में एडीजीपी (खुफिया) के पद पर स्थानांतरित किया था। तीन महीने बाद नए आदेश में वह केंद्र की प्रतिनियुक्ति पर चले गए थे। मनोज शशिधर 2018 में एडीजीपी पर प्रोन्नत हुए थे। सीबीआई में तैनाती के दौरान मनोज शशिधर को अप्रैल 2020 में अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत केस की जांच सौंपी गई थी। उनके साथ गुजरात कैडर की आईपीएस गगनदीप गंभीर और दो अन्य आईपीएस अनिल यादव और नुपुर प्रसाद टीम में थीं। तब सीबीआई ने रिया चक्रवर्ती समेत छह लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।
सीबीआई में डबल प्रमोशन:
15, जनवरी, 2020: सीबीआई में बतौर ज्वाइंट डायरेक्टर तैनाती मिली थी, पांच साल के लिए नियुक्ति का आदेश हुआ।
27 जून, 2023: मनोज शशिधर ज्वाइंट डायरेक्टर से एडीशनल डायरेक्टर बने, तीन साल के साल के लिए।
08 सितंबर, 2023: केंद्र सरकार ने आईपीएस मनोज शशिधर को स्पेशल डायरेक्टर नियुक्त किया। अगले पांच साल के लिए।
कौन हैं मनोज शशिधर?
14 नवंबर, 1970 को जन्मे 1994 बैच के आईपीएस मनोज शशिधर केरल के रहने वाले हैं। उन्होंने एमए और फिर एलएलबी की डिग्री ली है। वह अभी तक सीबीआई के दिल्ली मुख्यालय में एडीशनल डायरेक्टर थे। अब उन्हें केंद्र सरकार ने बड़ी जिम्मेदारी दे दी है। मनोज शशिधर डीजी रैंक के अधिकारी हैं। आईपीएस मनोज शशिधर को जनवरी, 2020 में सीबीआई में तैनाती मिली थी। तब उन्हें ज्वाइंट डायरेक्टर बनाया गया था। तब उनकी नियुक्ति पूरे पांच साल के लिए की गई थी।
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